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India Pakistan War: जानिये भारत के अपराधी नंबर वन पाक जनरल मुनीर के स्याह मंसूबों का सच
India Pakistan War: मुनीर तानाशाहीपूर्ण और क्रूरतापूर्ण रवैये के कारण खुद अपने मुल्क में सेना और जनता का समर्थन खो रहा है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए ही वह जंग के नाम पर एक बार फिर समर्थन जुटाने की भरसक कोशिश कर रहा है।
India Pakistan War
India Pakistan War: भारत जबकि आतंकवाद पर फाइनल वार की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटा है पाकिस्तानी जनरल मुल्ला मुनीर की अलग ही सचाई सामने आ रही है। हालांकि मुनीर ढिढाई से भारत से भिड़ने की बात कर रहा है लेकिन हकीकत इसके उलट है। मुनीर तानाशाहीपूर्ण और क्रूरतापूर्ण रवैये के कारण खुद अपने मुल्क में सेना और जनता का समर्थन खो रहा है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए ही वह जंग के नाम पर एक बार फिर समर्थन जुटाने की भरसक कोशिश कर रहा है।
ऐसे में सवाल यह भी है कि यदि पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर युद्ध के लिए बेताब हैं तो क्या उनके सैनिक भी इसके लिए तैयार हैं। आखिर किसके दम पर पाक जनरल मुनीर कश्मीर में आतंकवाद को फिर से जीवित करने का नापाक इरादा रखते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जनता और सेना में विद्रोह की स्थिति से घिरे मुनीर अपने देश को युद्ध में झोंक देने की इच्छा रखते हैं। उन्हें पूर्व जनरल जिया उल हक की कार्बन कापी भी कहा जाता है। क्योंकि वह अपनी ही सरकार के खिलाफ ताल ठोंक कर उसे ललकार रहा है।
पहलगाम हमले के जरिये कश्मीर के हालात बिगाड़ने की नाकाम कोशिश करने वाले जनरल असीम मुनीर हमले के एक दिन बाद एक भड़काऊ भाषण देकर कश्मीर को पाकिस्तान की गले की नस बताया था। उन्होंने कहा था, "हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।" उनके इस बयान से इस हमले में उनकी संलिप्तता साबित होती है। इसके अलावा भी भारत के पास तमाम सबूत हैं तो आतंकवाद की बैक बोन के रूप में पाक सेना और आईएसआई की भागीदारी साबित करते हैं।
पाकिस्तान में सेना की घटती विश्वसनीयता और स्वीकार्यता को वापस लाने के लिए जनरल मुनीर भारत के साथ संघर्ष को बेताब हैं। जबकि पाकिस्तानी अवाम ने सेना के खिलाफ़ खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। 26 अप्रैल को इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक द्वारा जारी एक वायरल एडवाइजरी में सशस्त्र बलों के सभी रैंकों को संबोधित करते हुए उनसे मनोबल बनाए रखने और राष्ट्र के प्रति अपनी वफादारी की पुष्टि करने का आग्रह किया गया था। पाकिस्तानी सेना एक अजीबोगरीब संकट से गुजर रही है, जहां उसे न केवल अत्यधिक प्रेरित आतंकी हमलों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि जन समर्थन भी खोना पड़ रहा है, ऐसे में भारत से भिड़ने के बाद पाकिस्तान की हालत क्या होगी ये सोचने वाली बात है।
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