तड़पेगा-चीखेगा पाकिस्तान: ये खतरनाक हथियार देख कर ही पस्त हो जाएगा दुश्मन देश, देखें आपरेशन सिंदूर के लिये कैसे की गई थी बड़ी तैयारी

India Pakistan War Update: आपरेशन सिंदूर के समय ही भारत ने जिन हथियारों व सैन्य सामग्रियों का खेप तैयार किया , उनके नाम सुनते ही पाकिस्तान के पसीने छूटने शुरु हो जायेगें।

Yogesh Mishra
Published on: 8 May 2025 11:34 AM IST
India Pakistan Operation Sindoor Indian Army Used Arms Full Information
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India Pakistan Operation Sindoor Indian Army Used Arms Full Information

India Pakistan War Update: आपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेना के प्रमुखों- जनरल उपेंद्र द्विवेदी,एडमिरल डी.के. त्रिपाठी एयर चीफ मार्शल बी.आर . चौधरी सहित सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की खूब प्रशंसा हो रही है। इसी के साथ आपरेश सिंदूर को अंजाम देने वाली कर्नल सोफिया ताजुद्दीन क़ुरैशी व वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के काम से भी समूचा आवाम गर्व से फूला नहीं समा रहा है। वैसे तो पाकिस्तान तीन युद्ध बुरी तरह हार चुका है। पाकिस्तान के नब्बे हज़ार सैनिकों को आत्म समर्पण करना पड़ा। यह सैन्य इतिहास में सबसे बड़ा व सबसे शर्मनाक समर्पण कहा जाता है। यही नहीं, नरेंद्र मोदी की सरकार में ही पहले उरी, फिर पुलवामा और अब पहलगाम हमले के बाद बारह तेरह दिनों में भारत द्वारा की गई कार्रवाई पाकिस्तान के लिए सबक होना चाहिए ।पाकिस्तान को जानना चाहिए कि उसकी सेना और साज सामान कितने पुराने पड चुके हैं। चीन व टर्की की मदद उसके लिये नाकाफ़ी है। इसके बलबूते पर वह भारत के सामने नहीं खड़ा हो सकता।

आपरेशन सिंदूर के समय ही भारत ने जिन हथियारों व सैन्य सामग्रियों का खेप तैयार किया , उनके नाम सुनते ही पाकिस्तान के पसीने छूटने शुरु हो जायेगें।पाकिस्तान के पास अपनी चीन निर्मित HQ-9 जो सर्फेस टू एसर मिसाइल के लिए एयर डिफेंस के लिए लगा रखा था।वह सौ टार्गेट को ट्रैक तो कर सकता है। चीन का यह राडार सुपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने में तो सक्षम है। पर उसे रोक नहीं सकता है।

जबकि भारत ने इस अभियान के लिए फ्रांस व ब्रिटेन में विकसित SCALP, राफेल विमानों के लिए ख़रीदे गये बम HAMMER, सुपर सोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस,एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम, , मल्टी बैरल राकेट लांचर पिनाका, स्वदेशी हवाई नियंत्रण प्रणाली AWACS , सैन्य राडार RIST-2BR1,सुखोई 30 MKI, रुस की बनी एंटी एंटी रेडिएशन मिसाइल kh-31P आदि के साथ अपने सैन्य अभियान की तैयारी की थी।

आइये जानते हैं इन सैन्य उपकरणों को बारे में विस्तार से जानते है-

AWACS (Airborne Warning and Control System)

एक अत्याधुनिक हवाई निगरानी और नियंत्रण प्रणाली है जो हवाई क्षेत्र में दुश्मन की गतिविधियों की 360 डिग्री निगरानी, कमांड और कंट्रोल, तथा लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग का कार्य करती है।


AWACS क्या है?

AWACS एक हवाई जहाज होता है जिसके ऊपर एक बड़ा गोल रोटोडोम (डिश रडार) लगा होता है। यह रडार पूरे इलाके में सैकड़ों किलोमीटर दूर तक हवाई और जमीनी लक्ष्यों को खोज, पहचान और निगरानी कर सकता है।

मुख्य कार्य:

1. हवाई निगरानी (Air Surveillance):

दुश्मन के विमान, ड्रोन, या मिसाइल को बहुत दूर से पहचानना और ट्रैक करना।

2. कमांड एंड कंट्रोल:

मित्रवायु विमानों को युद्ध के दौरान निर्देश देना, लक्ष्य तक मार्गदर्शन करना।

3. Battle Management:

जमीनी, समुद्री और हवाई बलों के बीच सामंजस्य और समन्वय स्थापित करना।

4. Electronic Warfare Support:

दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक संकेतों का पता लगाना, उनका विश्लेषण करना।

भारत में AWACS प्रणाली:

भारत में दो प्रकार की AWACS प्रणालियाँ उपयोग में हैं:

1. Phalcon AWACS (IL-76 पर आधारित):

  • निर्माता: इज़रायल (ELTA) + रूस (IL-76 एयरक्राफ्ट) + भारत (DRDO)
  • प्लेटफॉर्म: IL-76 भारी परिवहन विमान
  • रेंज: 400–500 किमी से अधिक
  • रेडार: EL/M-2075 AESA रडार
  • क्षमता: 60 से ज्यादा लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक कर सकता है
  • भारत के पास: 3 Phalcon AWACS

2. DRDO AEW&CS (EMB-145 पर आधारित):

  • निर्माता: DRDO + ब्राज़ील की Embraer कंपनी
  • प्लेटफॉर्म: EMB-145 विमान
  • रेडार: Netra AESA रडार (साइड-फेसिंग)
  • रेंज: ~250–300 किमी
  • भारत के पास: 2 AEW&CS ‘Netra’ विमान

AWACS क्यों महत्वपूर्ण है?

• यह हवाई युद्ध में आँख और दिमाग की भूमिका निभाता है।

• यह दुश्मन की हर हरकत को पहले से पहचानकर भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त देता है।

• बिना AWACS के लड़ाकू विमान दुश्मन से पीछे हो सकते हैं।

भविष्य की योजनाएँ:

  • DRDO अब भारतीय वायुसेना के लिए A330 आधारित नई AWACS प्रणाली विकसित कर रहा है जिसकी रडार क्षमता 360 डिग्री होगी।
  • भारत स्वदेशी AWACS-India प्रोजेक्ट के तहत 6 नई लंबी रेंज रडार सिस्टम विकसित कर रहा है।

निष्कर्ष:

AWACS प्रणाली किसी भी देश की हवाई श्रेष्ठता (air superiority) के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल हवाई सुरक्षा देता है बल्कि आधुनिक युद्ध में रियल-टाइम इंटेलिजेंस, कॉम्बैट मैनेजमेंट, और स्ट्राइक गाइडेंस जैसी क्षमताएँ भी प्रदान करता है।

अगर आप चाहें तो मैं AWACS का एक चित्र या स्कीमैटिक चार्ट दिखा सकता हूँ। क्या आप देखना चाहेंगे?

Kh-31P

एक रूसी मूल की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे दुश्मन के राडार सिस्टम, एयर डिफेंस रडार और सतह-से-हवा मिसाइल (SAM) स्थलों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका प्रयोग विशेष रूप से SEAD (Suppression of Enemy Air Defenses) मिशनों में किया जाता है।


Kh-31P Missile: मुख्य जानकारी

विशेषता

विवरण

पूरा नाम

Kh-31P (X-31П - in Russian)

मूल

रूस

प्रकार

एयर-टू-सरफेस एंटी-रेडिएशन मिसाइल

निर्माता

Tactical Missiles Corporation (Russia)

लॉन्च प्लेटफॉर्म

Su-30MKI, MiG-29, Su-34, आदि

रेंज

~110 किमी (Kh-31P), उन्नत संस्करणों में ~250 किमी

गति

~Mach 3.5 (हाइपरसोनिक रेंज में, बेहद तेज़)

मार्गदर्शन प्रणाली

Passive radar seeker + inertial navigation

वारहेड 87

110 किलोग्राम (High explosive fragmentation)

Kh-31P की प्रमुख क्षमताएँ:

1. रेडार होमिंग:

• यह मिसाइल रेडियो-फ्रीक्वेंसी उत्सर्जन (radar emissions) का पीछा करती है और खुद-ब-खुद उस स्रोत (जैसे SAM रडार) को निशाना बनाती है।

2. उच्च गति:

• इसकी Mach 3.5 तक की गति इसे दुनिया की सबसे तेज़ एंटी-रेडिएशन मिसाइलों में शामिल करती है, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया का समय नहीं मिलता।

3. Multi-Radar Targeting:

• Kh-31P को विभिन्न प्रकार के दुश्मन रडार पर प्रोग्राम किया जा सकता है, जैसे:

• Patriot रडार

• Hawk रडार

• S-300 सिस्टम

4. Deniability और Counter-SEAD Resistance:

• कुछ वर्ज़न राडार बंद हो जाने के बाद भी लक्ष्य की अनुमानित स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।

भारत और Kh-31P:

• भारतीय वायुसेना (IAF) ने Su-30MKI फाइटर जेट्स के लिए Kh-31P मिसाइलें रूस से खरीदी हैं।

• यह भारत की SEAD क्षमताओं को बहुत मजबूत बनाता है।

• भविष्य में DRDO की रुद्रम सीरीज़ Kh-31P का स्वदेशी विकल्प हो सकती है।

Kh-31 परिवार के अन्य वर्ज़न:

वर्ज़न

उद्देश्य

Kh-31A

एंटी-शिप वर्ज़न

Kh-31P

एंटी-रेडिएशन

Kh-31AD / PD

Extended range और improved guidance

Kh-31PM

Multi-mode seeker के साथ

निष्कर्ष:

Kh-31P एक शक्तिशाली तेज रफ्तार एंटी-रेडिएशन हथियार है जो किसी भी आधुनिक वायुसेना को दुश्मन के एयर डिफेंस को अंधा करने की क्षमता देता है। भारत जैसे देश के लिए, जो सीमाओं पर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम (IADS) से जूझता है, यह एक अत्यंत प्रभावी हथियार सिद्ध होता है।

सुखोई-30MKI (Su-30MKI)

भारतीय वायुसेना का एक अत्याधुनिक, ट्विन-सीटर, ट्विन-इंजन, मल्टीरोल सुपरसोनिक फाइटर जेट है जिसे विशेष रूप से भारत के लिए रूस की सुखोई कंपनी और भारत की HAL (Hindustan Aeronautics Limited) ने मिलकर विकसित किया है।



विशेषता

विवरण

निर्माणकर्ता

Sukhoi (Russia) + HAL (India)

प्रकार

Multirole Air Superiority Fighter

पहली उड़ान (भारत में)

2000

पहली उड़ान (भारत में)

2000

भारतीय वायुसेना में शामिल

2002 से

सीटें

2 (पायलट + को-पायलट / वेपन सिस्टम ऑफिसर)

इंजन

2 x AL-31FP Afterburning Turbofan (Thrust Vectoring)

गति अधिकतम

~2,120 किमी/घंटा (Mach 2)

रेंज

3,000 किमी (फेरी रेंज 8,000+ किमी एयर रिफ्यूलिंग के साथ)


सर्विस सीलिंग

56,800 फीट (17,300 मीटर)

एवियोनिक्स

Israeli, Indian, Russian मिश्रित उन्नत प्रणाली

मुख्य क्षमताएँ:

1. Thrust Vectoring Technology:

• इसे हवा में अभूतपूर्व मनोव्रणीयता (maneuverability) मिलती है, जिससे यह “Dogfight” (निकट हवाई युद्ध) में भी बेहद प्रभावी है।

2. Multirole Performance:

• यह विमान हवाई युद्ध (Air Superiority), जमीन पर हमला (Ground Attack), समुद्री निगरानी, और न्यूक्लियर हथियार ले जाने की क्षमता रखता है।

3. Weapons Integration:

• वायु-से-वायु मिसाइलें: R-77, R-73, Astra

• वायु-से-भूमि: BrahMos (Air-Launched), SCALP, Spice-2000

• गन: 30mm GSh-30-1 cannon (150 राउंड)

4. Supermaneuverability:

• “Cobra maneuver” और “Tail slide” जैसे उन्नत हवाई स्टंट कर सकता है।

भारत में इसका महत्व:

• फ्लेक्सिबल ऑपरेशन: सुखोई-30MKI को पूर्वोत्तर, पश्चिमी, और दक्षिणी कमांड में तैनात किया गया है।

• China और Pakistan दोनों पर नजर रखने की क्षमता

• ब्रह्मोस मिसाइल से लैस वर्ज़न भारत के Maritime Strike Role में भी बेहद शक्तिशाली है।

आधुनिकीकरण (Upgradation):

HAL और DRDO मिलकर सुखोई-30MKI को Super Sukhoi के रूप में अपग्रेड कर रहे हैं:

• AESA Radar (उन्नत रडार)

• Indigenous Weapons Integration (जैसे: ASTRA, Rudram)

• Cockpit Glass Panel, Mission Computer

• Electronic Warfare Suite

संख्या और उत्पादन:

• भारत के पास लगभग 272 Su-30MKI हैं (2024 तक)

• HAL ने इसका स्वदेशी निर्माण शुरू कर दिया है

निष्कर्ष:

सुखोई-30MKI भारतीय वायुसेना की रीढ़ है। इसकी स्पीड, ताकत, रेंज और हथियार ले जाने की क्षमता इसे भारत के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक बनाती है। यह भारत की तीन दिशाओं में एक साथ युद्ध लड़ने की क्षमता को मजबूत करता है।

HQ-9 (Hongqi-9 या 红旗-9)

चीन का एक लंबी दूरी का सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (SAM) है, जिसे विशेष रूप से हवाई खतरों से रक्षा के लिए बनाया गया है। यह प्रणाली चीन की People’s Liberation Army (PLA) द्वारा संचालित की जाती है और इसे अक्सर S-300 और Patriot सिस्टम के समकक्ष माना जाता है।


HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम: विस्तृत जानकारी

1. निर्माता:

• China Aerospace Science and Industry Corporation (CASIC)

• कुछ तकनीकी सहयोग रूस के S-300 सिस्टम से लिया गया है।

2. प्रणाली का प्रकार:

• लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LR-SAM)

• हवाई लक्ष्यों जैसे कि:

• लड़ाकू विमान

• ड्रोन

• क्रूज़ मिसाइल

• बैलिस्टिक मिसाइल (कुछ वर्ज़न में) को नष्ट करने में सक्षम।

विशेषता

विवरण

रेंज

(HQ-9A) ~200 किमी (हवाई लक्ष्यों के लिए)

रेंज

(HQ-9B/C) ~250-300+ किमी (अद्यतन संस्करण)

ऊंचाई क्षमता

~30 किमी तक

गति

Mach 4.2 तक (तेज़ सुपरसोनिक)

मार्गदर्शन प्रणाली

• Inertial Navigation System (INS)

• Mid-course command guidance

• Active radar terminal seeker

4. संरचना:

एक विशिष्ट HQ-9 बैटरी में शामिल होते हैं:

• 1 रडार वाहन (Fire Control Radar)

• 1 कमांड एंड कंट्रोल यूनिट

• 4–8 लॉन्च वाहन (TELs)

• प्रत्येक TEL में 4 मिसाइलें

5. रडार प्रणाली:

• HT-233 रडार: 3D फेज़ड एरे रडार, जो ~1200 किमी तक का एयरस्पेस स्कैन कर सकता है।

• यह मल्टी टारगेट ट्रैकिंग और इंटरसेप्शन में सक्षम है।

6. वर्ज़न और अपडेट:

र्ज़न

विवरण

HQ-9A

मूल लंबी दूरी की SAM प्रणाली

HQ-9B

बेहतर रेंज और सेंसर क्षमता

HQ-9C

Active seeker और उन्नत टारगेटिंग

HQ-19

एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संस्करण, S-400 जैसा


FD-2000

HQ-9 का एक्सपोर्ट वर्जन

7. HQ-9 बनाम अन्य वायु रक्षा प्रणालियाँ:

प्रणाली

देश

अधिकतम रेंज

टिप्पणी

HQ-9B

चीन

~250-300 किमी

PLA का प्राथमिक लॉन्ग-रेंज सिस्टम

S-400

रूस

~400 किमी

तकनीकी रूप से HQ-9 से अधिक उन्नत

Patriot PAC-3

अमेरिका

~160 किमी

(एयर टारगेट्स) एंटी-मिसाइल क्षमता उच्च

8. वैश्विक उपयोगकर्ता (FD-2000 वर्ज़न):

प्रणाली

देश

अधिकतम रेंज

टिप्पणी

HQ-9B

चीन

~250-300 किमी

PLA का प्राथमिक लॉन्ग-रेंज सिस्टम

S-400

रूस

~400 किमी

तकनीकी रूप से HQ-9 से अधिक उन्नत

Patriot PAC-3

अमेरिका

~160 किमी

(एयर टारगेट्स) एंटी-मिसाइल क्षमता उच्च

Barak-8

भारत/इज़रायल

~100 किमी

शिप-बेस्ड डिफेंस में उत्कृष्ट

8. वैश्विक उपयोगकर्ता (FD-2000 वर्ज़न):

• पाकिस्तान (रक्षा स्रोतों के अनुसार)

• तुर्कमेनिस्तान

• उज्बेकिस्तान

• अल्जीरिया (अनुमानित)

निष्कर्ष:

HQ-9 चीन का प्रमुख और अत्यधिक उन्नत वायु रक्षा कवच है जो हवाई क्षेत्र में बहुस्तरीय सुरक्षा देता है। यह भारत के लिए सामरिक चिंता का विषय बनता है, विशेषकर जब पाकिस्तान ने इसका FD-2000 संस्करण प्राप्त किया है। हालांकि भारत के पास S-400, Akash, और Barak-8 जैसे शक्तिशाली वायु रक्षा विकल्प मौजूद हैं।

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