जुबिन गर्ग केस का खुला राज, हादसा नहीं साजिश थी सिंगर की मौत, CID जांच में सामने आई सच्चाई

Jubin garg case resolved: असम के सिंगर जुबिन गर्ग की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश थी। CID जांच में खुलासा हुआ कि पत्नी और मैनेजर की योजना के तहत उन्हें जहर देकर मारा गया। केस में पांच गिरफ्तार, चार्जशीट 8 दिसंबर तक दायर होगी।

Harsh Srivastava
Published on: 5 Nov 2025 10:31 PM IST
जुबिन गर्ग केस का खुला राज, हादसा नहीं साजिश थी सिंगर की मौत, CID जांच में सामने आई सच्चाई
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Jubin garg case resolved: असम के मशहूर और चहेते सिंगर जुबिन गर्ग की मौत को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। सिंगापुर में हुई जुबिन गर्ग की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश के तहत किया गया कत्ल थी! असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जाँच कर रही एसआईटी (SIT) की अंतरिम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जुबिन की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पाँचों लोगों पर हत्या (Murder) की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है, और 8 दिसंबर तक इस मामले में हत्या की चार्जशीट भी दाखिल कर दी जाएगी।

गोपनीय रिपोर्ट और दो पोस्टमार्टम का रहस्य

19 सितंबर को सिंगापुर में जुबिन की मौत के बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या वह डूबने से मरे, उन्हें दौरा पड़ा या फिर उन्हें जहर दिया गया? जुबिन का दो-दो बार पोस्टमार्टम हुआ एक बार सिंगापुर में और दूसरी बार गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में। दोनों रिपोर्ट्स अब असम पुलिस की सीआईडी और उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग के पास हैं। सीआईडी की एडिशनल एसपी मोरामी दास ने खुद ये रिपोर्ट्स जुबिन गर्ग के घर पहुंचाई थीं। हालांकि, गरिमा ने रिपोर्ट देखने के बाद उसे पुलिस को यह कहकर वापस लौटा दिया था कि जाँच सीआईडी कर रही है, इसलिए वही तय करे कि रिपोर्ट सार्वजनिक करनी है या नहीं। अब सवाल यह है कि इस रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जिसे मुख्यमंत्री ने भी फिलहाल सार्वजनिक न करने का फैसला लिया है। हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि वक्त आने पर इसे जारी किया जाएगा, ताकि किसी तरह की भ्रम या असमंजस की स्थिति न बने।

बैंडमेट का सनसनीखेज दावा: 'जुबिन को दिया गया जहर'

जुबिन की मौत की जाँच में उनके बैंडमेट्स के बयानों ने नए रहस्य खोले हैं। बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी, जो 19 सितंबर को सिंगापुर में जुबिन के साथ यॉट पर मौजूद थे, ने सीआईडी के सामने दावा किया कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं, बल्कि जहर देने से हुई थी। शेखर के मुताबिक, यॉट सागर में पहुँचते ही जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। सिद्धार्थ ने असम एसोसिएशन सिंगापुर के तन्मय फुकन को ड्रिंक्स सर्व करने से रोक दिया और खुद सभी को ड्रिंक्स परोसी। शेखर का दावा था कि जैसे ही जुबिन पानी में उतरे, उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह एक ट्यूब को पकड़ने की कोशिश करते दिखे। जब बाकी लोग उन्हें बचाने दौड़े, तो सिद्धार्थ शर्मा चिल्लाए, "जाबो दे, जाबो दे," यानी उसको जाने दो। शेखर ने आरोप लगाया कि जुबिन को पहले से साजिशन जहर दिया गया था और यही कारण था कि उन्हें सिंगापुर बुलाया गया था।

सबसे बड़ा विरोधाभास: दावा करने वाला ही आरोपी

सबसे बड़ा विरोधाभास यह है कि शेखर ज्योति गोस्वामी, जो जुबिन को जहर देने का दावा कर रहे थे, उन्हें भी बाद में सीआईडी ने जुबिन की मौत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जुबिन की पत्नी गरिमा ने भी यही सवाल उठाया था कि यदि शेखर को सच में जहर देने की बात पता थी, तो वह 15 दिनों तक खामोश क्यों रहे, उन्होंने पहले ही पुलिस को सच क्यों नहीं बताया? शेखर के बयान के दो दिन बाद जुबिन के एक और बैंडमेट पार्थो प्रतिम ने बयान दिया, जिसमें उन्होंने शेखर और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा दोनों को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनके मुताबिक, 18 सितंबर की रात होटल में दोनों ने जुबिन के साथ पूरी रात पार्टी की, और यह जानने के बावजूद कि जुबिन पूरी रात जागे हुए हैं और उन्हें दौरे पड़ते हैं, वे अगले दिन उन्हें समुद्र में तैरने के लिए ले गए।

गिरफ्तारियाँ और पैसे का विवाद

इस केस में नॉर्थ ईस्ट इंडिया कल्चरल फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता का नाम भी सामने आया है। आरोप है कि पैसों के विवाद के चलते ही जुबिन को सिंगापुर बुलाया गया था। अब तक सीआईडी ने जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता, बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी और सिंगर अमृत प्रीतम सहित कुल पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है। सीआईडी ने सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है। इसमें वह मोबाइल भी शामिल है, जिसमें जुबिन की तैराकी का आखिरी वीडियो रिकॉर्ड हुआ था। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक और बड़ा खुलासा किया है कि इस केस की जाँच के लिए सीआईडी अब सिंगापुर नहीं जाएगी, जो यह दर्शाता है कि एजेंसी के पास भारत में ही पर्याप्त सबूत जमा हो गए हैं।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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