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मोदी सरकार ने यूपी को दी बड़ी सौगात, जेवर में देश की छठी सेमीकंडक्टर यूनिट को मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि संयंत्र में हर महीने 20,000 वेफर्स का निर्माण होगा। जिससे लगभग 3.6 करोड़ चिप्स का उत्पादन संभव होगा। इन चिप्स का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में भारत की छठी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना एचसीएल और फॉक्सकॉन के बीच एक संयुक्त साझेदारी के तहत पूरी की जाएगी, और इसे जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। संयंत्र में निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद 2027 से उत्पादन आरंभ होगा।
एचसीएल को हार्डवेयर विकास और निर्माण के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव है। जबकि फॉक्सकॉन वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण की अग्रणी कंपनियों में से एक है। इस संयंत्र के माध्यम से दोनों कंपनियां 3,700 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेंगी।
3.6 करोड़ चिप्स का हो सकेगा उत्पादन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि संयंत्र में हर महीने 20,000 वेफर्स का निर्माण होगा। जिससे लगभग 3.6 करोड़ चिप्स का उत्पादन संभव होगा। इन चिप्स का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाएगा। सेमीकंडक्टर उत्पादन के क्षेत्र में भारत अभी आरंभिक अवस्था में है। लेकिन इसमें अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कोविड-19 के दौरान आई चिप की कमी ने देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में सोचने पर मजबूर किया खासकर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और घरेलू नवाचार की हो।
पांच राज्यों में पहले से हैं सेमीकंडक्टर इकाइयां
फिलहाल, अन्य पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां गुजरात और असम सहित विभिन्न राज्यों में निर्माणाधीन हैं। जिनमें से कुछ का उद्घाटन इसी वर्ष के अंत तक होने की संभावना है। सरकार ने बताया कि इन इकाइयों के साथ भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति हासिल करने की ओर अग्रसर है।
देश में अब सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्र भी तेजी से स्थापित हो रहे हैं। विभिन्न राज्य सरकारें इस क्षेत्र में डिजाइन कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दिशा में देश भर के 270 से अधिक शैक्षणिक संस्थान और 70 से ज्यादा स्टार्टअप से जुड़े छात्र और उद्यमी अत्याधुनिक डिज़ाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं। अब तक, ऐसे छात्रों द्वारा बनाए गए 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली द्वारा परीक्षण और टेपआउट किया जा चुका है।
मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स जैसी गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता कंपनियां भी भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र को समर्थन देने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं। जैसे-जैसे भारत में मोबाइल फोन, लैपटॉप, चिकित्सा उपकरण, रक्षा उत्पाद और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर की मांग भी उसी गति से बढ़ रही है। यह नई चिप निर्माण इकाई भारत के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूती देगी।
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