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न्याय का "ऑपरेशन सिंदूर" : जैश, लश्कर, हिजबुल के ठिकाने तबाह, सटीक कार्रवाई

Operation Sindoor: भारत के सटीक अभियान में निशाना बनाए गए ठिकानों में बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप (सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह के हैं) शामिल थे।

Neel Mani Lal
Published on: 7 May 2025 9:43 AM IST
Operation Sindoor
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Operation Sindoor   (photo: social media ) 

Operation Sindoor: पहलगाम हमले के 12 दिन बाद भारत ने आतंकियों के खिलाफ सटीक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी मुख्यालयों को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत निशाना बनाया है। भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के नौ ठिकानों पर रात में छापेमारी की।

भारत के अभियान के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जहां छोटे हथियारों से गोलीबारी नियमित रूप से देखी जा रही थी, वहीं अब पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी देखी गई। मेंढर के मनकोट क्षेत्र में पाकिस्तानी गोलीबारी में एक स्थानीय महिला की मौत हो गई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।

'न्याय हुआ’

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “थोड़ी देर पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें निर्देशित किया गया। कुल मिलाकर नौ ठिकानों पर हमला किया गया है।” बयान में कहा गया कि, “हमारी कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और संयत प्रकृति की रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।”

कहाँ कहाँ किया हमला

भारत के सटीक अभियान में निशाना बनाए गए ठिकानों में बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां में सरजाल, कोटली में मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप (सभी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह के हैं) शामिल थे।

मुर्दिके में मरकज तैयबा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में शवावाई नाला शिविर (सभी प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के) और कोटली में मक्का राहिल शाहिद और सियालकोट में महमूना जोया (प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन के शिविर और प्रशिक्षण केंद्र) को निशाना बनाया गया। भारत द्वारा चुने गए नौ लक्ष्यों में से चार पाकिस्तान में थे और शेष पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने इन शिविरों में रसद देने के अलावा आतंकवादियों के प्रशिक्षण की सुविधा के लिए विशेष सेवा समूह (एसएसजी) की सेवाओं का इस्तेमाल किया हुआ था।

ऑपेरशन सिंदूर

पीओके के मुजफ्फराबाद से रिपोर्टिंग कर रही रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने कहा कि कई विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। इसने पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि भारत ने पाकिस्तान पर तीन जगहों पर मिसाइलों से हमला किया है और पाकिस्तान इसका जवाब देगा।

उधर, न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि मुजफ्फराबाद के निवासियों ने भी ऊपर से जेट विमानों के उड़ने की आवाजें सुनी हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फराबाद के पास एक ग्रामीण इलाके में एक जगह, जिसका इस्तेमाल कभी लश्कर-ए-तैयबा करता था, हमलों में टारगेट प्रतीत होती है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दो अन्य स्थानों पर भी हमला हुआ है। एक पंजाब प्रांत का बहावलपुर है, जहां जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा एक धार्मिक मदरसा है और दूसरा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का शहर कोटली है।

अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों के हमले अब के सबसे बड़े हमले हैं। 2019 में बालाकोट हवाई हमलों और 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हाल के वर्षों में भारत द्वारा इतनी बड़ी और व्यापक जवाबी कार्रवाई नहीं की गई थी।

हालांकि आज के हमले की प्रकृति या इस्तेमाल की गई हथियार प्रणालियों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि ये सटीक मिसाइल हमले थे।बालाकोट हमला और सर्जिकल स्ट्राइक दोनों ही भारत की जवाबी कार्रवाई थी, लेकिन ये लोकल प्रकृति के थे।

बहावलपुर : मसूद अजहर का गढ़

बहावलपुर थार रेगिस्तान के पार राजस्थान की सीमा पर स्थित है। ये मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ रहा है। मसूद अजहर, भारत द्वारा इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 के यात्रियों के बदले में छोड़े गए तीन आतंकवादियों में से एक था। बहावलपुर शहर में 1968 में मसूद अजहर का जन्म हुआ था और यहीं पर 1988 में एक विमान दुर्घटना में पाकिस्तान के तानाशाह जिया-उल-हक की मृत्यु हुई थी।

लाहौर का मुदरीक़े

लाहौर के पास मुरीदके हाफ़िज़ सईद के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ है, जिसने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। मुरीदके में मरकज़-ए-तैयबा है, जो लश्कर-ए-तैयबा का बेस कैंप है।

पीओके में कोटली

पीओके में कोटली, जम्मू से नियंत्रण रेखा के ठीक पार है। जम्मू-कश्मीर में पुंछ इसके उत्तर-पूर्व में और राजौरी दक्षिण-पूर्व में है। यहां भी आतंकी ट्रेनिंग सेंटर हैं।

मुजफ्फराबाद

मुजफ्फराबाद पीओके की राजधानी है। इसके पूर्व में जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला और कुपवाड़ा जिले हैं। यह उन आतंकी समूहों के लिए जाना जाता है जिनके सदस्यों को भारत में घुसने के लिए पाकिस्तानी सेना मदद करती है।

इससे पहले क्या हुआ

पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया पर विचार करते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के खिलाफ़ फिर से प्रतिरोध स्थापित करने के लिए एक बहुआयामी सैन्य रणनीति पर काम किया। रणनीति की प्रक्रिया में सैन्य जवाबी कार्रवाई सहित सभी विश्वसनीय विकल्पों पर विचार किया गया था। सरकार के शीर्ष स्तर पर यह अहसास बढ़ रहा था कि फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले से स्थापित प्रतिरोध अब खत्म हो चुका है और इसे फिर से स्थापित करने का समय आ गया है। आज का घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठकों के बाद हुआ है, जिसमें सैन्य तैयारियों और जवाबी विकल्पों पर चर्चा की गई।

मोदी ने 5 अप्रैल को रक्षा सचिव आर.के. सिंह से भी मुलाकात की और सशस्त्र बलों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियों और खरीद पर चर्चा की। सामरिक स्तर पर, सेना ने सीमाओं पर अग्रिम सुरक्षा को मजबूत किया है, जबकि सीमा पार किसी भी कार्रवाई से निपटने के लिए अतिरिक्त मजबूती और तैयारियां चल रही हैं।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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