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PM मोदी का खास लेख: RSS चीफ मोहन भागवत के जन्मदिन पर राष्ट्र निर्माण में योगदान की खुलकर सराहना
PM Modi Pens Note For RSS Chief: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भागवत के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की।
PM Modi Pens Note For RSS Chief Mohan Bhagwat
PM Modi Pens Note For RSS Chief Mohan Bhagwat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भागवत के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने भागवत के परिवार के साथ अपने गहरे संबंधों को भी याद किया। पीएम मोदी ने लिखा- आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिवस है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत जी का आज जन्मदिन है।
परिवार से गहरा संबंध
यह एक सुखद संयोग है कि इसी साल संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। मैं भागवत जी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें। मेरा उनके परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है। मुझे उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था। मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है। वकालत के साथ-साथ मधुकरराव जी जीवनभर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित रहे। अपनी युवावस्था में उन्होंने लंबा समय गुजरात में बिताया और संघ कार्य की मजबूत नींव रखी।
समाज के लिए किया काम
भागवत जी ने उस समय प्रचारक का दायित्व संभाला, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश पर इमरजेंसी थोप दी थी। उस दौर में प्रचारक के रूप में भागवत जी ने आपातकाल-विरोधी आंदोलन को निरंतर मजबूती दी। उन्होंने कई वर्षों तक महाराष्ट्र के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों, विशेषकर विदर्भ में काम किया। 1990 के दशक में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख के रूप में मोहन भागवत जी के कार्यों को आज भी कई स्वयंसेवक स्नेहपूर्वक याद करते हैं। इसी कालखंड में मोहन भागवत जी ने बिहार के गांवों में अपने जीवन के अमूल्य वर्ष बिताए और समाज को सशक्त करने के कार्य में समर्पित रहे।
राष्ट्र प्रथम की विचारधारा
20वीं सदी के आखिरी पड़ाव पर वह अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख बने। वर्ष 2000 में वह सरकार्यवाह बने और यहां भी भागवत जी ने अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता और सटीकता से संभाला। 2009 में वह सरसंघचालक बने और आज भी अत्यंत ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। भागवत जी ने राष्ट्र प्रथम की मूल विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।
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