TRENDING TAGS :
आचार्य विद्यानंद जी की शताब्दी पर पीएम मोदी का खास संदेश, भारत की गौरवशाली सभ्यता की जय!
प्रधानमंत्री मोदी ने आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती समारोह में 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि प्राप्त की। इस अवसर पर उन्होंने भारत की प्राचीन और जीवंत सभ्यता की महत्ता और आचार्य जी के प्रेरणादायक विचारों को साझा किया।
PM Modi's special message centenary Acharya Vidyanand
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती समारोह में ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मोदी ने आचार्य विद्यानंद जी की शताब्दी जयंती पर डाक टिकट और सिक्के भी जारी किए। अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम सब भारत की आध्यात्मिक परंपरा के एक खास मौके पर मौजूद हैं। पूज्य आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज की 100वीं जयंती का यह पावन अवसर उनकी प्रेरणाओं से भरा हुआ है और यह कार्यक्रम हम सभी को बहुत प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं कि आपने मुझे यहां आने का मौका दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन खास है क्योंकि 28 जून 1987 को आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज को आचार्य पद की उपाधि मिली थी। यह सिर्फ एक सम्मान नहीं था, बल्कि जैन धर्म में विचार, संयम और करूणा की एक नई दिशा शुरू हुई। आज जब हम उनकी जन्मशताब्दी मना रहे हैं, तो यह दिन हमें उस महत्वपूर्ण पल की याद दिलाता है। मैं आचार्य विद्यानंद जी को श्रद्धा से नमन करता हूं और उनके आशीर्वाद की कामना करता हूं।
PM मोदी को मिला धर्म चक्रवर्ती सम्मान
मोदी ने कहा कि मुझे 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि देने का फैसला हुआ है, लेकिन मैं खुद को इसके योग्य नहीं मानता। हमारे संस्कारों में जो भी सम्मान मिलता है, उसे प्रसाद समझकर स्वीकार करना चाहिए। इसलिए मैं इस सम्मान को विनम्रता से स्वीकार करता हूं और भारत के चरणों में समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे पुरानी और जीवित सभ्यता है। हमारी सभ्यता हजारों सालों से अमर है क्योंकि हमारे विचार, सोच और दर्शन अमर हैं। यह दर्शन हमारे ऋषि-मुनि, महर्षि, संत और आचार्यों से आता है। आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज इसी परंपरा के आधुनिक प्रकाशस्तंभ हैं।
सेवा और अहिंसा ही भारत की पहचान: PM मोदी
मोदी ने कहा कि आचार्य विद्यानंद जी महाराज कहते थे कि जीवन तभी सही हो सकता है जब वह सेवा से भरपूर हो। उनका यह विचार जैन धर्म की असली भावना से जुड़ा है और भारत की सोच को भी दर्शाता है। भारत सेवा और मानवता का देश है। उन्होंने बताया कि जब दुनिया में बहुत समय तक हिंसा से हिंसा खत्म करने की कोशिश होती रही, तब भारत ने अहिंसा की ताकत को समझाया। हमने हमेशा मानवता की सेवा को सबसे ऊपर रखा। सब मिलकर साथ चलें और आगे बढ़ें, यही हमारा वादा है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge