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अतुल्यनीय है भारत! माया हों या अखिलेश हर किसी ने भाजपा सरकार को सराहा, दिल जीतने वाली बात तो औवैसी ने बोली
Operation Sindoor: विपक्ष के प्रमुख चेहरों ने सरकार और सेना के निर्णय के साथ खड़े होकर राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है।
Operation Sindoor: भारत की तीनों सेनाओं द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई को लेकर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने राजनीति से ऊपर उठकर एक सुर में भारतीय सेना का समर्थन किया है। बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और AIMIM जैसी पार्टियों के नेताओं ने इस अभियान को गौरवमयी, साहसिक और राष्ट्रहित में जरूरी बताया है।
राजनीति से ऊपर राष्ट्रहित
मायावती बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की भारतीय सेना की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई गौरवमय व सराहनीय है। उनका यह बयान साफ दर्शाता है कि वह इस कार्रवाई को सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गरिमा से जुड़ा विषय मानती हैं।
अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा "पराक्रमो विजयते!!!!!" इस प्राचीन संस्कृत वाक्य का अर्थ है कि पराक्रम की हमेशा विजय होती है। उनके इस संदेश को भारतीय जवानों के साहस और विजय के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
असदुद्दीन ओवैसी AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमले का स्वागत करते हुए कहा कि मैं हमारी रक्षा सेनाओं द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों का स्वागत करता हूँ। पाकिस्तानी डीप स्टेट को ऐसी सख्त सीख दी जानी चाहिए कि फिर कभी दूसरा पहलगाम न हो। पाकिस्तान के आतंक ढांचे को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए। जय हिन्द!" यह बयान आतंकवाद के खिलाफ उनकी स्पष्ट और मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
वहीं, प्रियंका गांधी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारतीय जवानों को सलामी देते हुए लिखा कि हमारी सेना पर हमें अत्यंत गर्व है। हमारे बहादुर जवान हमारी स्वतंत्रता और अखंडता को सुरक्षित रखते हैं। भगवान उनकी रक्षा करें और उन्हें धैर्य और वीरता से चुनौतियों का सामना करने की अपार हिम्मत दें। जय हिन्द।
सेना के साथ साथ सरकार को सराहा
इन बयानों से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर राष्ट्र सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक दलों को एकजुट किया है। जहां सामान्यतः ऐसे मौकों पर बयानबाजी में मतभेद देखने को मिलते हैं, इस बार विपक्ष के प्रमुख चेहरों ने सरकार और सेना के निर्णय के साथ खड़े होकर राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है।
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