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राहुल गांधी ने EC को दिखाया आईना! प्रेस कांफ्रेंस के बाद किया पलटवार, वीडियो से दिया जवाब
Rahul Gandhi on EC: राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर जबरदस्त टकराव! प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ संग्राम अब और तीखा हो गया है। कांग्रेस ने EC पर झूठ बोलने का लगाया आरोप, जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने उठाए बड़े सवाल।
Rahul Gandhi on EC: देश की सबसे बड़ी संवैधानिक संस्था, चुनाव आयोग, और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर महासंग्राम छिड़ गया है। रविवार को चुनाव आयोग ने आरोपों का जवाब देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन उसके बाद कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए चुनाव आयोग पर एक बार फिर 'झूठ' बोलने का आरोप लगा दिया। यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि देश की राजनीति में एक नया मोर्चा खुल गया है, जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है।
जब चुनाव आयोग ने किया पलटवार
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर पार्टी का जन्म आयोग में पंजीकरण से होता है। उन्होंने कहा, "हमारे लिए न तो कोई पक्ष है, न विपक्ष, सभी समकक्ष हैं।" ज्ञानेश कुमार ने 'वोट चोरी' के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आरोप भारत के संविधान का अपमान हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं और चुनाव आयोग और मतदाता ऐसे आरोपों से डरने वाले नहीं हैं।
EC के बयान पर कांग्रेस का 'एक्स' हमला
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही कांग्रेस ने अपने आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो कोलाज पोस्ट किया। इस वीडियो में पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का बयान दिखाया गया, जिसमें वे कहते हैं कि "हमारे लिए न तो कोई पक्ष है, न विपक्ष, सब समकक्ष हैं।" इसके ठीक बाद राहुल गांधी का वीडियो दिखाया गया, जिसमें वे कहते हैं, "कुछ दिन पहले बीजेपी के लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, उनसे कोई एफिडेविट नहीं मांगा गया। उनका ही डेटा है, उनके ही आंकड़े हैं, मुझसे एफिडेविट मांगा जा रहा है।" इस वीडियो के साथ कांग्रेस ने लिखा, 'चुनाव आयोग ने फिर झूठ बोला।'
कांग्रेस नेताओं ने उठाए तीखे सवाल
मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान 'वोट चोरी जैसे शब्द संविधान का अपमान हैं' पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "आप कौन होते हैं ये बोलने वाले? चोरी करना बंद कर दीजिए, हम वोट चोरी जैसे शब्दों का प्रयोग करना बंद कर देंगे।" उन्होंने यह भी पूछा कि अगर सीसीटीवी फुटेज से निजता भंग होती है, तो चुनाव आयोग 45 दिन का समय क्यों देता है?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह पहली बार था जब 'नया' चुनाव आयोग सीधे तौर पर बोल रहा था, न कि सूत्रों के हवाले से। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की सूची प्रकाशित करने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई तर्क दिए, लेकिन कोर्ट ने उन सभी को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन होगा?
जयराम रमेश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद इन 65 लाख मतदाताओं की जानकारी को खोजने योग्य प्रारूप में प्रकाशित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आधार आईडी को मतदाता पहचान के लिए इस्तेमाल करने की भी अनुमति दी। रमेश ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इन सभी निर्देशों का विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों का पूरी तरह से पालन करेगा? रमेश ने कहा कि यह संवैधानिक रूप से ऐसा करने के लिए बाध्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए तीखे सवालों का कोई सार्थक जवाब नहीं दिया।
'EC पूरी तरह बेनकाब हो चुका है'
जयराम रमेश ने दावा किया कि राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा, वह चुनाव आयोग के ही डेटा पर आधारित था। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग न केवल अपनी अक्षमता के लिए, बल्कि अपनी स्पष्ट पक्षपातपूर्ण रवैये के लिए भी पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।" इस तरह, चुनाव आयोग की सफाई के बाद भी यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि और भी गहराता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या यह विवाद कानूनी लड़ाई का रूप लेता है या राजनीतिक मंच पर ही इसका समाधान होता है। फिलहाल, दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
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