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तुर्किये को मिलेगी सजा! भारत ने उसकी गतिविधियों को कर लिया नोट, अब होकर रहेगा फैसला
Türkiye- India Relation: तुर्किये और पाकिस्तान न केवल रणनीतिक साझेदार हैं बल्कि दोनों देश मुस्लिम दुनिया में नेतृत्व की समान महत्वाकांक्षा भी साझा करते हैं। राष्ट्रपति अर्दोआन की 'मुस्लिम उम्माह' की अगुवाई करने की इच्छा और पाकिस्तान की कट्टरपंथी नीतियां दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती हैं।
Recep Tayyip Erdoğan (Photo: Social Media)
Türkiye- India Relation: 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत पर हमला करने के लिए अपने ड्रोन भेजने वाले तुर्किये के खिलाफ भारत ने अपनी निगाहे टेढ़ी कर ली हैं। तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने से भारत सरकार भी कहीं न कहीं अब तुर्किये के को देखकर सचेत हो गई है। इसी बीच आज विदेश मंत्रालय की तरफ से हुई प्रेस वार्ता में तुर्किये के संलिप्पता पर जवाब देते हुये विदेश मंत्रालय ने कहा भारत ने उनकी गतिविधियों से नोट किया गया है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रेय्यप तैय्यब अर्दोआन का भारत के प्रति रवैया कई बार शत्रुतापूर्ण और पक्षपाती दिखाई दिया है। यह रुख केवल द्विपक्षीय राजनीति तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें इस्लामी दुनिया में वैचारिक नेतृत्व की प्रतिस्पर्धा और कट्टर इस्लामी रुझानों की झलक भी साफ दिखती है। तुर्किये और पाकिस्तान न केवल रणनीतिक साझेदार हैं बल्कि दोनों देश मुस्लिम दुनिया में नेतृत्व की समान महत्वाकांक्षा भी साझा करते हैं। राष्ट्रपति अर्दोआन की 'मुस्लिम उम्माह' की अगुवाई करने की इच्छा और पाकिस्तान की कट्टरपंथी नीतियां दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती हैं।
तुर्किये ने किया हथियार सप्लाई का खंडन
भारत-पाकिस्तान संबंधों के तनाव के बीच तुर्किये के C-130 हरक्यूलिस विमान द्वारा पाकिस्तान में हथियार पहुँचाने की खबरों ने इन संबंधों को और पुख्ता किया। हालांकि तुर्किये ने इन खबरों का खंडन करते हुये किसी भी प्रकार के हथियार की सप्लाई से मना कर दिया
अर्दोआन का भारत के प्रति रहा है होस्टाइल रवैया
कश्मीर के मुद्दे पर तुर्किये का रुख भारत के लिए विशेष रूप से आपत्तिजनक रहा है। फरवरी 2024 में राष्ट्रपति अर्दोआन ने सुयंक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के समर्थन में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कश्मीरियों के साथ खड़े होने की बात कही थी जिसपर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था।
पाकिस्तान और तुर्किये के बीच घनिष्ठता इसी बात से पता चलती है कि साल 2015-2019 और 2020-2024 के बीच तुर्की के हथियार निर्यात में 103 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज की रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक तुर्की पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा हथियार स्पलायर बन चुका था।
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