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फीमेल विक्टिम की FIR लिखेगी सिर्फ लेडी पुलिस, सरकार का हलफनामा
इलाहाबाद : यूपी सरकार के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि प्रदेश में किसी भी महिला विक्टिम की एफआइआर महिला पुलिस अधिकारी ही दर्ज करेंगी। यही नहीं कहा गया कि दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का पालन करते हुए प्रत्येक थानों में महिला विक्टिम के बयान कि वीडियोग्राफी करने की भी व्यवस्था कर दी गई है।
हलफनामा में क्या?
पुलिस विभाग के दोनों शीर्ष अधिकारियों ने हलफनामा देकर कोर्ट को बताया है कि जिन थानों में पीड़िता के बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा तत्काल लिए जाने कि व्यवस्था नहीं है वहां सूचना मिलते ही तत्काल व्यवस्था कराई जाएगी। यह एफिडेविट अधिकारियों ने एक जनहित याचिका में कोर्ट के मांगने पर दिया है।
वाराणसी की संस्था ने दी थी याचिका
जनहित याचिका वाराणसी कि एक संस्था 'गुड़िया स्वयंसेवी संस्थान' ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता धारा 154 (1) के प्रावधानों का यूपी में पालन नहीं हो रहा है। महिलाएं थानों पर केस दर्ज नहीं करा पा रही हैं। क्योंकि प्रदेश के कई थानों में आज भी महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती नहीं है। इस पर कोर्ट ने उक्त दोनों अधिकारियों से हलफनामा मांगा था।
प्रदेश के सभी थानों में व्यवस्था लागू
हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों अधिकारियों ने हलफनामा दायर कर कहा कि सभी आठ आईजी जोन से रिपोर्ट प्राप्त कर ली गई गई है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के सभी थानो में पीड़ित विक्टिम कि एफआइआर महिला अधिकारी द्वारा लिखे जाने तथा उनके बयान की वीडियोग्राफी करने की भी व्यवस्था करा दी गई है।
डकैती प्रभावित थानों में जाती हैं अधिकारी
बताया गया कि डकैती प्रभावित थानों में महिला सिपाहियों कि तैनाती अभी नहीं हो सकी है। पीड़िता कि एफआइआर और उसके बयान कि वीडियोग्राफी के लिए महिला अधिकारी को वहां भेजा जाता है। कोर्ट इस केस की दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई करेगी।
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