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इन 6 वस्तुओं को हटाइए, दिवाली पर घर में खुद चलकर आएंगी मां लक्ष्मी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिवाली से पहले घर की 6 नकारात्मक वस्तुएं हटाने से मां लक्ष्मी स्वयं घर में प्रवेश करती हैं। जानिए किन चीज़ों को तुरंत निकालना चाहिए ताकि धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में स्थायी रूप से बनी रहे।
Diwali 2025 (Image Credit-Social Media)
Diwali 2025: धन-समृद्धि और शुभता का प्रतीक दिवाली का त्यौहार सिर्फ दीपकों को रोशन करने का ही नहीं, बल्कि अपने घर और जीवन में नई शुरुआत करने का सबसे शुभ समय भी मना जाता है। यह वो पल होता है जब हम अपनी सोच और माहौल दोनों को सकारात्मकता से जोड़ते हैं। वास्तु शास्त्र मानता है कि अगर दिवाली से पहले घर में जमी नकारात्मक चीज़ों को हटा दिया जाए, तो घर की ऊर्जा शुद्ध होती है और मां लक्ष्मी स्वयं उस घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं।
अगर आप चाहते हैं कि इस साल दिवाली के दीये सिर्फ जलें नहीं, बल्कि आपके जीवन में उजाला भी भरें तो इन 6 चीज़ों को अपने घर से आज ही बाहर करें-
1. टूटा-फूटा और बेकार सामान होता है दरिद्रता की जड़
अक्सर हमारे घरों में कोई न कोई टूटा गिलास, बर्तन या पुराना फर्नीचर पड़ा रहता है। हम सोचते हैं कि 'कभी काम आ जाएगा', पर वास्तु शास्त्र के अनुसार यह सोच ही दरिद्रता को बुलावा देती है।
टूटे हुए बर्तन, फटी मूर्तियां या दीमक लगा फर्नीचर घर में नकारात्मक प्रभाव फैलाते हैं। विशेषकर खंडित देवी-देवताओं की मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए। इन्हें किसी नदी या पवित्र स्थान पर सम्मानपूर्वक विसर्जित कर दें। पुराने और खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी निकाल दें, क्योंकि ये घर की ऊर्जा को रोकते हैं।
2. समय और तरक्की पर ताला लगाती हैं घर में रखी बंद या खराब घड़ियां
घड़ी सिर्फ वक्त बताने का यंत्र नहीं, बल्कि जीवन की गति का प्रतीक है। जब घड़ी रुक जाती है, तो यह आपकी प्रगति में भी ठहराव लाती है।
वास्तु कहता है कि घर में बंद पड़ी घड़ियां रखना अशुभ होता है। इन्हें या तो तुरंत ठीक करवाएं या हटा दें। ध्यान रखें, चलती हुई घड़ी हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ही लगाएं ताकि जीवन में निरंतर प्रगति बनी रहे।
3. नकारात्मकता के वाहक होते हैं घर में पड़े फटे या पुराने जूते-चप्पल
हममें से कई लोग बेकार पड़े जूते-चप्पल को सालों तक संभाले रहते हैं। मगर यही वस्तुएं लक्ष्मी जी को अप्रसन्न करती हैं। फटे हुए या बहुत पुराने जूते-चप्पल घर में नहीं रखने चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं। इन्हें साफ करके किसी ज़रूरतमंद को दान कर दें। यह कर्म भी पुण्य का कार्य माना जाता है।
4. नकारात्मक ऊर्जा के ठहराव का प्रतीक होते हैं सूखे और मुरझाए पौधे
घर में हरियाली जीवंतता का प्रतीक होती है। लेकिन जब वीपौधे सूखने लगते हैं, तो वह ऊर्जा भी थम जाती है।
वास्तु के अनुसार, मरे या सूखे पौधे ' नकारात्मक ऊर्जा के ठहराव और उदासी' का संकेत हैं। इन्हें तुरंत हटाकर उनकी जगह ऐसे पौधे लगाएं जो सकारात्मकता और सौभाग्य लाते हों जैसे मनी प्लांट, तुलसी या बांस। इससे घर का वातावरण फिर से जीवन्त और तरोताज़ा महसूस होता है।
5. आर्थिक रुकावट का कारण बनता है पुराना कबाड़ और रद्दी
घर के किसी कोने में पड़े पुराने अखबार, बेकार फाइलें या टूटा सामान ये सब धीरे-धीरे घर में एक अदृश्य 'ऊर्जा ब्लॉकेज' बना देते हैं।
वास्तु शास्त्र कहता है कि जब तक आप पुरानी चीजें नहीं छोड़ेंगे, तब तक नई ऊर्जा घर में नहीं आएगी। इसलिए अलमारियों और स्टोर रूम से तुरंत रद्दी निकालें। पुराने कपड़े या फाइलें रीसायकल करें। अनावश्यक वस्त्र दान में दें। यह छोटा-सा कदम आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की हल्कापन देता है। यही हल्कापन लक्ष्मी जी के आगमन का रास्ता बनाता है।
6. ऊर्जा को बिगाड़ती हैं दीवारों पर टंगी अशुभ या हिंसक तस्वीरें
घर की दीवारें हमारी सोच को प्रतिबिंबित करती हैं। अगर उन पर युद्ध, दुख या हिंसा दर्शाने वाली तस्वीरें लगी हैं, तो घर की ऊर्जा स्वतः असंतुलित हो जाती है।
ऐसी तस्वीरें तुरंत हटाएं और उनकी जगह प्रेरणादायक, प्राकृतिक या देवताओं के शांतिमय चित्र लगाएं। यह न सिर्फ घर को सुंदर बनाता है, बल्कि वातावरण में सुख-शांति भी बढ़ाता है।
असल में दिवाली की सफाई सिर्फ धूल मिटाने के लिए नहीं होती बल्कि यह मन, घर और जीवन को 'रीसेट' करने का मौका है। जब आप बेकार चीजों को हटाते हैं, तो आपके घर में न सिर्फ जगह खाली होती है बल्कि ऊर्जा भी साफ़ होती है। यही वह क्षण है जब मां लक्ष्मी का स्वागत सबसे सहजता से होता है।
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