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Sawan 2025: जलाभिषेक के लिए घर का पानी ही क्यों है सबसे पवित्र और प्रभावशाली?
Sawan 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि जलाभिषेक के लिए मंदिर का पानी नहीं, बल्कि घर से लाया गया पानी क्यों ज्यादा महत्व रखता है?
Sawan 2025 jalabhishek (Social media)
Sawan 2025: सावन का महीना शुरू हो चुका है और शिवभक्तों के लिए यह एक बेहद शुभ समय होता है। इस पावन महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाकर आशीर्वाद पाने की परंपरा सालों से चली आ रही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जलाभिषेक के लिए मंदिर का पानी नहीं, बल्कि घर से लाया गया पानी क्यों ज्यादा महत्व रखता है?
जलाभिषेक की पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने हलाहल विष को पीया था, तब उनके शरीर में आग जैसी जलन होने लगी थी। इस पीड़ा को शांत करने के लिए देवताओं ने उनपर जल चढ़ाना शुरू किया। तभी से सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
घर का पानी क्यों है जरूरी?
पानी सिर्फ एक तरल नहीं है यह ऊर्जा है। जब आप अपने घर का पानी भगवान शिव को अर्पित करते हैं, तो आप अपनी घर की ऊर्जा और भावनाएं भी उनके चरणों में अर्पित करते हैं। अगर आपके घर में नकारात्मकता है, तो जलाभिषेक से उसका शुद्धिकरण होता है। अगर घर में पहले से ही शांति है, तो ये पूजा उसे और अधिक सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है।
सावन में की जाने वाली ये गलतियां न करें
अक्सर लोग मंदिर जाकर वहीं रखा गया पानी चढ़ा देते हैं, लेकिन ये तरीका परंपरा और ऊर्जा सिद्धांतों के विरुद्ध है। अपने घर से पानी लाएं और पूरी श्रद्धा से शिवलिंग पर चढ़ाएं।
जलाभिषेक के नियम
- शिवलिंग लग पानी लगातार चढ़ाएं धार नहीं टूटनी चाहिए।
- जलधारी के ऊपर पैर न रखें।
- उत्तर दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाएं।
इस सावन, भक्ति के साथ शुद्ध भावना और सही नियमों का पालन करके भगवान शिव का आशीर्वाद पाएं।
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