सुबह-सुबह का योगा और प्राणायाम आपको दिलाएगा प्रदूषण, एलर्जी और थकान से राहत, अपनाएं ये प्राकृतिक उपाय

Morning Yoga Benifits: योग विज्ञान में सांस सिर्फ ऑक्सीजन लेने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन प्राण का स्रोत मानी जाती है।

Ragini Sinha
Published on: 21 July 2025 7:00 AM IST (Updated on: 21 July 2025 7:01 AM IST)
Morning yoga benifits
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Morning yoga benifits (Social Media)

Morning Exercise Benifits: आजकल सांस से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। चाहे वो एलर्जी, प्रदूषण, फ्लू के बाद की थकावट हो या पुरानी अस्थमा की शिकायत। योग विज्ञान में सांस सिर्फ ऑक्सीजन लेने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन प्राण का स्रोत मानी जाती है।

जब हम सही ढंग से सांस लेते हैं, तो यह न केवल पाचन और नींद में सुधार करता है, बल्कि भावनात्मक संतुलन और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।


प्राणायाम क्या है?

प्राणायाम यानी सांसों की सजग और नियंत्रित तकनीक। योग में इसे शुद्धिकरण और ऊर्जा संतुलन का माध्यम माना गया है। साथ ही शट्कर्म जैसे प्राचीन शुद्धिकरण अभ्यास भी शरीर को अंदर से साफ करने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं।

मानसून में मददगार योग अभ्यास

मानसून के मौसम में नमी और एलर्जी बढ़ जाती है, ऐसे में नीचे बताए गए अभ्यास फेफड़ों की सफाई और सांस की ताकत बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

  • नमक के पानी से नाक की सफाई: नाक की रुकावट और एलर्जी को दूर करता है
  • कपालभाति: शरीर को डिटॉक्स करता है और फेफड़ों को टोन करता है।
  • भस्त्रिका: ऊपरी फेफड़ों को एक्टिव करता है।
  • पूर्ण योगिक श्वास: पूरे फेफड़ों से गहराई से सांस लेना सिखाता है।
  • सांस रोकना: ऑक्सीजन की कार्यक्षमता बढ़ाता है।

अगर आप अस्थमा या बीमारी से उबर रहे हैं, तो यह अभ्यास धीरे-धीरे और विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें। तेज अभ्यास से बचें और हर राउंड के बीच विश्राम लें।

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी बीमारी या लक्षण के लिएडॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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