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ओडिशा की दिल दहला देने वाली घटना: 16 वर्षीय छात्रा को बेरहमी से जलाया, तीन आरोपी अब भी फरार
Odisha News: यह भयावह वारदात शनिवार सुबह लगभग 8:30 बजे हुई जब किशोरी अपने दोस्त को किताबें देने जा रही थी।
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Odisha News: ओडिशा के पुरी ज़िले के निमापाड़ा तहसील के बायाबर क्षेत्र से एक बेहद दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक 16 वर्षीय स्कूली छात्रा को तीन अज्ञात युवकों ने ज़िंदा जला दिया। यह भयावह वारदात शनिवार सुबह लगभग 8:30 बजे हुई जब किशोरी अपने दोस्त को किताबें देने जा रही थी।
भर्गवी नदी के सुनसान रास्ते पर हुआ हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लड़की जैसे ही भर्गवी नदी के किनारे एक सुनसान रास्ते से गुज़री, तभी तीन युवकों ने उसे रोका, उठाया और उस पर कोई ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया। हमलावर घटना के तुरंत बाद मौके से फरार हो गए। आग की लपटें और पीड़िता की चीखें सुनकर स्थानीय लोग दौड़े और किसी तरह आग बुझाई।
गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता, राजधानी अस्पताल रेफर
लड़की को पहले पिपिली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया, लेकिन जलने की गंभीरता को देखते हुए उसे तुरंत भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल रेफर कर दिया गया। राज्य सरकार ने अब उसे AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती कराने का निर्णय लिया है जहाँ उसका इलाज जारी है। उसके हाथ, पैर और धड़ बुरी तरह झुलस चुके हैं और हालत गंभीर बनी हुई है।
पीड़िता के परिवार का बयान: कोई दुश्मनी नहीं थी
पीड़िता के परिवार ने किसी प्रकार की निजी दुश्मनी, प्रेम संबंध या बदले की भावना की बात से स्पष्ट इनकार किया है। उनके अनुसार लड़की शांत स्वभाव की थी और पढ़ाई में लगी रहती थी। “हमें नहीं पता कि किसी से उसका कोई विवाद था। हम पूरी तरह सदमे में हैं,” एक परिजन ने मीडिया को बताया।
बालंगा थाने से मात्र 1.5 किमी दूर हुई वारदात
चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना बालंगा पुलिस थाने से महज़ 1.5 किलोमीटर की दूरी पर घटी, फिर भी पुलिस समय पर घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकी। इससे पुलिस गश्त और क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री का बयान: दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
घटना की गूंज राज्य सरकार तक भी पहुंची। ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने इस वीभत्स अपराध की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस जघन्य कृत्य के लिए दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी।
परिदा ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी और जल्द ही वह स्वयं AIIMS जाकर पीड़िता से मुलाकात करेंगी और उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी।
बालासोर की घटना की यादें फिर ताज़ा
यह दर्दनाक घटना ऐसे समय में हुई है जब ओडिशा अभी बालासोर की ‘फकीर मोहन कॉलेज’ की छात्रा की आत्मदाह की घटना को नहीं भूला है। 12 जुलाई को उस छात्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल के कक्ष के बाहर खुद को आग लगा ली थी।
लगातार उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया था। वह भी AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती थी, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
क्या हो रहा है ओडिशा में?
लगातार सामने आ रहीं इन घटनाओं ने राज्य की महिला सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्राएं, जो भविष्य की उम्मीद होती हैं, वही आज सबसे असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
चाहे स्कूल हो, कॉलेज, घर या सड़क – हर जगह लड़कियों की अस्मिता को खतरा है। एक के बाद एक, ऐसी घटनाएँ यह बताती हैं कि अब सिर्फ सहानुभूति या घोषणाओं से कुछ नहीं होगा, जमीनी स्तर पर कड़े और ठोस कदम उठाने होंगे।
क्या पुलिस और प्रशासन जागेगा?
जब तक अपराधियों को त्वरित न्याय, उदाहरण बनती सज़ा और सामाजिक बहिष्कार नहीं मिलेगा, तब तक अपराधियों के हौसले बुलंद रहेंगे और मासूम बेटियाँ जलती रहेंगी। सरकार को सिर्फ इलाज की लागत उठाने की बजाय, न्याय और सुरक्षा की लागत चुकानी होगी।
Odisha News:यह सिर्फ एक घटना नहीं, एक प्रश्न है — क्या हम अपनी बेटियों को सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं? या फिर हर चीख केवल रिपोर्ट बनती रहेगी, हर आँच सिर्फ शरीर नहीं — समाज की आत्मा को भी जलाती रहेगी?
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