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Transparent Recruitment Process in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से युवाओं के सपने हो रहे साकार
Transparent Recruitment Process in Uttar Pradesh: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरी पाने के लिए किसी को रिश्वत नहीं देनी पड़ रही है।
Transparent Recruitment Process in Uttar Pradesh (Social Media image)
उत्तर प्रदेश में गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में प्रदेश की पुलिस भर्ती के अंतर्गत नियुक्त नवचयनित 60244 सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गये। यह क्षण प्रदेश सरकार, युवाओं तथा उनके अभिभावकों के लिए गर्व व संतोष प्रदान करने वाला पल था। गृहमंत्री अमित शाह ने जिस प्रकार खुले मन से मंच से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना की उससे भाजपा विरोधी उन सभी ताकतों के चेहरे उतर गए जो हर समय सोशल मीडिया के माध्यम से गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच विरोध की अफवाह उड़ाते रहते हैं। उन पत्रकारों के चेहरे भी उतर गये है जो प्रदेश नेतृत्व व केंद्रीय नेतृत्व के मध्य मनमुटाव की खबरें चलाकर अपनी दुकानें चलाया करते थे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरी पाने के लिए किसी को रिश्वत नहीं देनी पड़ रही है। बिना खर्ची, बिना पर्ची, सिफारिश और भ्रष्टाचार अब योग्यता के आधार पर ही नौकरियां मिल रही हैं। भ्रर्तियाँ जातिवाद ,तुष्टिकरण और परिवारवाद की राजनीति और दलालो की धन उगाही से मुक्त हैं। 2014 और 2017 से पूर्व सपा, बसपा ओैर कांग्रेस की सरकारों में नौकरियो का क्या हाल होता था यह किसी से छुपा नही है। गृहमंत्री ने युवाओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि प्रदेश के युवा अब हर जिले व हर तहसील के में पुलिसबल का हिस्सा बनने जा रहे हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कुछ कालखंड तक यूपी पुलिस की तुलना देश के श्रेष्ठ पुलिसबलों के साथ होती थी लेकिन बाद में धीरे धीरे राजनीतिक कारणों से कानून व्यवस्था बिगड़ती चली गई। प्रदेश अब नवनिर्माण के दौर से गुजर रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश सरकार ने विगत आठ वर्षों में 8.50 लाख सरकारी नौकरिया दी हैं। बिना भेदभाव के शासन में हिस्सेदारी का लाभ सबको दिया है। स्मार्ट पुलिस आज की आवश्यकता है सभी भर्तियां इसे ध्यान में रखकर की गई हैं।
प्रदेश में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती ने सपा सरकार में हुई भर्तियों को पीछे छोड़ दिया है । आंकड़ों के अनुसार सपा सरकार में केवल 49965 पदों पर ही भर्तियाँ हुई थीं। भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल में यह आंकड़ा 2,18,262 तक पहुंच चुका है। इनमें 35247 महिलाएं है। भाजपा सरकार ने पिछली सरकारों में अटकी भर्ती प्रकिया भी आगे बढ़ाई है। वर्ष 2011 में उपनिरीक्षक, प्लाटून, कमांडर व समकक्ष के 1003 पदों पर भर्ती के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरशःअनुपालन कराया। हाईकोर्ट के आदेश पर भी अनेक पदों पर भर्तियां की गई।युवाओं के लिए प्रदेश सरकार ने खिलाड़ी कोटे के अंतर्गत भी भर्तियां खोली हैं जिसके अतंर्गत 491 सिपाहियों की भर्ती की गई है इनमें 313 पुरुष और 178 महिलाएं है।
योगी राज की भर्तियों में आरक्षण नियमावली का अक्षरशः पालन किया जा रहा है जिसके कारण विवाद कम हो रहे हालांकि 69,000 शिक्षकों की भर्ती का प्रकरण अभी भी चल रहा है अगर यह मुद्दा भी योगी सरकार सुलझाने में सफल हो जाती है तो फिर आगामी पंचायत चुनाव व 2027 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की विजय का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
योगीराज में प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में भी व्यापक परिवर्तन दृष्टिगोचर हो रहा है जिसके कारण अब प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। एक समय था जब सपा सरकार ने पीएसी को निस्तेज कर दिया था जिस कारण पुलिसबलों का आत्मविश्वास हिल गया था। पीएसी एक बार फिर जीवंत हो उठी है तो पुलिस का मनोबल भी बढ़ा है। कोविड महामारी काल से लेकर प्रयागराज महाकुंभ -2025 में यूपी पुलिस ने मानवता की एक मिसाल प्रस्तुत की है। योगीराज में एटीएस, एसटीएफ, एसडीआरएफ और एसएसएफ को पहले से अध्कि मजबूत किया गया है। हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से लाखें लोगों को सहायता मिल रही है । महिला क्रांतिकारियों व वीरांगनाओं वीरागना ऊदा देवी, बदायूं में वीरांगना अवंती बाई व गोरखपुर में वीरांगना झलकारी बाई महिला पीएसी बटालियन की स्थापना की गई है। योगीराज में निष्पक्ष पारदर्शी प्रक्रिया से साढे आठ लाख युवाओं को नौकरी दी गई है। साथ ही संविदा पर भी 3.78 लाख युवाओं को नौकरी दी गई है। एमएसएई व निजी क्षेत्र के सहयोग से 2 करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिल चुका है।
अग्निवीर योजना के लाभार्थियो के भविष्य को बड़ी राहत देने के लिए अग्निवीरों को पुलिस भर्ती सहित विभिन्न भर्तियों में 20 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की गई है क्योकि अभी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के पूर्व इस प्रकार के पारदर्शी भर्ती अभियानों व आयोजनों से भाजपा को युवाओं का साथ मिल सकता है हालांकि अभी युवाओं के लिए बहुत कुछ करना शेष है। प्रदेश में खेलों व पर्यटन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी युवाओं के विकास के लिए अवसर के कई मार्ग खुल रहे हैं। युवा उद्यमी योजना हो या फिर विश्वकर्मा श्रम कल्याण योजना से भी युवा लाभान्वित हो रहे हैं । बेहतर प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था के कारण अब विदेशी निवेशक भी उत्तर प्रदेश की और आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर बनने से स्थानीय युवाओं को यहीं पर रोजगार तथा नौकरी के नये अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
सरकार व निजी क्षेत्रों के सहयोग के कारण अब प्रदेश में बेरोजगारी दर में काफी आ गई है। 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत थी जो अब वर्तमान में मात्र 2.4 प्रतिशत है। आज प्रदेश का युवा पलायन के लिए मजबूर नहीं है। व्यापक पैमाने पर होने वाले पलायन में एक सीमा तक कमी आई है।
लोकसभा चुनाव -2024 के समय प्रतियोगी परीक्षाओं का पर्चा आउट हो जाने से युवाओं व अभिभावकों में सरकार के खिलाफ एक वातावरण बन गया था तथा केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले थे और जिस कारण भाजपा की सीटें भी कम हो गई थीं । मुख्यमंत्री ने इसको चुनौती के रूप में लिए और परीक्षाओं के शुचितापूर्ण आयोजन के लिए उप्र सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण काननू लागू किया गया है जिसमें कड़े प्रावधान हैं।
प्रेषक - मृत्युंजय दीक्षित
फोन नं. - 9198571540
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