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Hormones And Love: मर्द और महिलाएं क्यों रिश्तों में अलग-अलग तरीके से इमोशनल रूप से जुड़ते हैं? यहां समझें
Love and Hormones: रिश्तों में प्यार, लगाव और समझदारी सिर्फ दिल की नहीं, बल्कि हमारे शरीर के हार्मोन की भी बात होती है। लड़कियों और लड़कों के शरीर अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, इसलिए उनका जुड़ने का तरीका भी अलग होता है।
Love and Hormones Why Men and Women Emotional Bonds Differently in Relationships (Social media)
Love and Hormones: कई सालों से यह माना जाता रहा है कि मर्द सिर्फ शारीरिक रिश्तों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं, जबकि महिलाएं गहरे इमोशनल रिश्तों को अहमियत देती हैं। ये फर्क सिर्फ समाज या सोच का नतीजा नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध हमारे शरीर और जैविक प्रक्रियाओं से भी है। प्यार को अक्सर एक जादू या अनजाने एहसास की तरह समझा जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि प्यार के पीछे हमारे शरीर की हार्मोन काम करती हैं। जब हम किसी से जुड़ते हैं, तो हमारे दिमाग में कुछ खास केमिकल्स बनते हैं, जैसे ऑक्सीटोसिन और डोपामीन। यही हमें प्यार, अपनापन और खुशी का एहसास कराते हैं।
मर्दों और महिलाओं के हार्मोन अलग-अलग तरह से करते हैं काम
न्यूरोसाइंटिस्ट टारा स्वार्ट ने हाल ही में बताया है कि प्यार और इमोशनल बॉन्डिंग के पीछे हमारे दिमाग की क्या भूमिका होती है। उन्होंने समझाया कि मर्द और महिलाओं के हार्मोन अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, इसलिए दोनों का प्यार जताने का तरीका भी अलग हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि कोई एक सही है और दूसरा गलत। बल्कि हम सबका शरीर अलग तरीके से काम करता है और हमारे प्यार करने का तरीका भी उसी पर आधारित होता है।
प्यार और चाहत में हार्मोन की भूमिका
डॉ. टारा स्वार्ट ने बताया कि जब दो लोग करीब आते हैं, तो उनके शरीर में कुछ खास हार्मोन बनते हैं, जो हमारे रिश्तों को गहराई से प्रभावित करते हैं। शारीरिक नजदीकी के दौरान दोनों के हार्मोन भी अलग-अलग तरह से होते हैं। महिलाओं के शरीर में नजदीकी के समय ऑक्सीटोसिन नाम का हार्मोन निकलता है, जिसे 'प्यार का हार्मोन' कहा जाता है। यह हार्मोन उन्हें इमोशनल तरीके से और ज्यादा जुड़ने में मदद करता है। इसलिए महिलाएं शारीरिक रिश्ते को अक्सर दिल से जोड़ लेती हैं। वहीं, दूसरी तरफ पुरुषों के शरीर में उस समय ज्यादातर टेस्टोस्टेरोन बनता है, जो शारीरिक इच्छा से जुड़ा होता है। इसी वजह से कई बार मर्द इमोशनल तरीके से उतना जुड़ाव महसूस नहीं करते हैं, लेकिन जब मर्द सच में किसी से प्यार करने लगते हैं, तब उनके शरीर में भी ऑक्सीटोसिन बढ़ता है और वह भी गहराई से जुड़ने लगते हैं। ऐसे में अगर आपको कभी लगे कि किसी रिश्ते में दोनों लोग अलग-अलग तरह से महसूस कर रहे हैं, तो समझिए कि यह सिर्फ सोच का फर्क नहीं है, बल्कि हमारे शरीर के अंदर चल रहे हार्मोन का असर भी है।
कैजुअल रिश्तों में गलतफहमी क्यों होती है?
डॉ. टारा स्वार्ट ने बताया कि आज के समय में कैजुअल रिश्ते आम होते जा रहे हैं। ऐसे रिश्तों में लोग बिना किसी वादा या कमिटमेंट के साथ समय बिताते हैं और नजदीक आते हैं, लेकिन अक्सर देखा गया है कि इन रिश्तों में भावनाएं उलझ जाती हैं और कई बार गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या सिर्फ सोच का फर्क है? नहीं, इसके पीछे जैविक वजह है। जब एक महिला कैजुअल रिश्ते में धीरे-धीरे भावनात्मक रूप से जुड़ने लगती है, तो उसे लगता है कि शायद सामने वाला भी ऐसा ही महसूस कर रहा है, लेकिन मर्दों के लिए यह रिश्ता शायद सिर्फ शारीरिक आकर्षण तक ही सीमित रहता है। नतीजा यह रहता है कि इससे दोनों की सोच में फर्क आ जाता है और फिर गलतफहमी, नाराजगी और दिल टूटने जैसा दर्द होता है।
क्या इसका कोई हल है?
अगर इससे बचने के लिए कोई हल चाहिए तो इस जैविक फर्क को समझना बहुत जरूरी है। अगर हमें पता हो कि हमारे शरीर में हार्मोन कैसे काम करते हैं और रिश्तों को कैसे प्रभावित करते हैं, तो हम ज्यादा समझदारी से फैसले ले सकते हैं। रिश्ते में जाने से पहले एक-दूसरे से खुलकर बात करना, अपनी उम्मीदें साफ करना और सामने वाले के इरादे समझना बहुत जरूरी है। अगर हम इन बातों को समझ जाएं तो हम ऐसे रिश्ते में बंधने से पहले कई बार सोचेंगे और दिल टूटने के दर्द से बच पाएंगे।
रिलेशनशिप में दिमाग की भूमिका
रिलेशनशिप में दिमाग की संरचना और कार्य मर्दों और महिलाओं में अलग होते हैं। यह अंतर रिलेशनशिप में उनकी भावनाओं, व्यवहार और प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करता है।
मस्तिष्क के हिस्से
- एमिग्डाला: एमिग्डाला भावनाओं को कंट्रोल करता है। जैसे कि डर, गुस्सा और खुशी। महिलाओं में एमिग्डाला ज्यादा एक्टिव होता है, जिससे वह भावनाओं को ज्यादा महसूस करती हैं।
- हिप्पोकैम्पस: हिप्पोकैम्पस यादों को इकट्ठा करता है और भावनाओं को याद रखने में मदद करता है। महिलाओं में हिप्पोकैम्पस ज्यादा विकसित होता है, जिससे वे भावनात्मक अनुभवों को बेहतर ढंग से याद रखती हैं।
रिलेशनशिप पर प्रभाव
- भावनात्मक समर्थन: महिलाओं की भावनात्मक जरूरतें मर्दों से अलग होती हैं। वे भावनात्मक समर्थन और समझ की तलाश में रहती हैं।
- बातचीत और समझ: मर्दों और महिलाओं के बीच संचार और समझ की कमी से रिलेशनशिप में समस्याएं पैदा कर सकतीहो सकती हैं।
रिश्तों में प्यार, लगाव और समझदारी सिर्फ दिल की नहीं, बल्कि हमारे शरीर के हार्मोन की भी बात होती है। लड़कियों और लड़कों के शरीर अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, इसलिए उनका जुड़ने का तरीका भी अलग होता है।
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