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Spiti Valley Kaise Ghume: स्पीति घाटी- हिमालय के इस ठंडे रेगिस्तान में छुपे हैं, बेपनाह सुकून के ख़जाने
Spiti Valley Tour Guide: स्पीति घाटी की हर गली, हर झील, हर पहाड़ अपने भीतर कोई कहानी समेटे हुए है। आइये जानते हैं यहाँ की 10 सबसे सुंदर और शानदार अनुभव देने वाली जगहों के बारे में।
Spiti Valley Tour Guide (Photo - Social Media)
Spiti Valley Tour Guide: हिमाचल प्रदेश की गोद में बसी स्पीति घाटी भारत की उन चुनिंदा जगहों में से एक है। जहां प्रकृति अपनी सबसे रहस्यमयी और खूबसूरत शक्ल में दिखाई देती है। यह ठंडी और शुष्क घाटी 12,500 फीट की ऊंचाई पर बसी हुई है। जहां आसमान नीला, हवा शुद्ध और नज़ारे बेहद आत्मिक लगते हैं। चारों ओर फैली बर्फ से ढकी चोटियां, प्राचीन बौद्ध मठ, शांत झीलें और दुर्गम दर्रे इस घाटी को एक अनोखा रोमांच प्रदान करते हैं।
यहां की हर गली, हर झील, हर पहाड़ अपने भीतर कोई कहानी समेटे हुए है। यदि आप भी दोस्तों या परिवार के साथ कुछ हटकर घूमना चाहते हैं, तो स्पीति घाटी आपके लिए एकदम परफेक्ट डेस्टिनेशन है। आइए जानते हैं स्पीति घाटी की 10 सबसे सुंदर और शानदार अनुभव देने वाली जगहों के बारे में, जिनकी यात्रा जीवन भर यादों में बस जाएगी।
1. चंद्रताल झील-चांद की तरह चमकता एक शांत नीला पानी
स्पीति घाटी की सबसे फोटोजेनिक और शांत जगहों में गिनी जाती है चंद्रताल झील। करीब 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील अर्धचंद्र के आकार की है, इसलिए इसका नाम 'चंद्रताल' पड़ा है। इसे हिमालय की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक माना जाता है। यह रामसर साइट के अंतर्गत आती है, यानी यह पारिस्थितिकी की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां आप ट्रैकिंग का आनंद भी ले सकते हैं। झील के पास टेंटिंग की सुविधा भी है, जिससे आप रातभर यहां रुककर सितारों की छांव में विश्राम करने का एक ख्वाब पूरा कर सकते हैं।
2. धनकर मोनेस्ट्री- चट्टान की चोटी पर टिका आध्यात्मिक ठिकाना
लगभग 1,000 साल पुराना धनकर मठ एक चट्टानी पहाड़ी पर बना है और देखने में किसी किले जैसा प्रतीत होता है। यह बौद्ध धर्म के गेलुग्पा परंपरा से जुड़ा है। समुद्र तल से 12,774 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मठ पर्यटकों को अद्वितीय शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
यहां से आप स्पीति नदी का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। मठ में बुद्ध की प्राचीन मूर्तियां, भित्तिचित्र, धार्मिक ग्रंथ और चार दिशाओं के बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा भी मौजूद है।
3. काजा-आधुनिक सुविधाओं से लैस स्पीति का दिल
काजा स्पीति घाटी का मुख्य शहर और प्रशासनिक केंद्र है। यह क्षेत्र का सबसे अधिक आबादी वाला हिस्सा है, लेकिन फिर भी यहां की शांति और वातावरण अलौकिक है। यहां पर्यटकों के लिए होटल, कैफे, मेडिकल सुविधा, बाजार और बैंक जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं।
काजा से आसपास की अन्य प्रमुख जगहों जैसे कि 'की' मठ, लांग्जा गांव, हिक्किम और कोमिक गांव तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
4. कुंजुम दर्रा - दुर्गम ऊंचाई से प्रकृति का दिव्य रूप
कुंजुम दर्रा, जो 4,551 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, लाहौल और स्पीति को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पास है। यह दर्रा बाइकरों और ट्रैकर्स के लिए किसी सपने से कम नहीं है।
यहां से बारा-शिगरी ग्लेशियर, चंद्रभागा पर्वतमाला और स्पीति घाटी के विहंगम दृश्य देखे जा सकते हैं। इसके पास से ही चंद्रताल झील के लिए ट्रैकिंग मार्ग निकलता है, जो लगभग 9 किलोमीटर का है।
'की' मोनेस्ट्री - हिमालय का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षा केंद्र
'की' या 'की गोम्पा' स्पीति की सबसे प्रसिद्ध बौद्ध मठों में से एक है। यह समुद्र तल से 4,166 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां 300 से अधिक भिक्षु निवास करते हैं और यह क्षेत्र का प्रमुख बौद्ध शिक्षा केंद्र है।
इस मठ की वास्तुकला तिब्बती शैली की है और यह अंदर से चित्रों, मूर्तियों और ग्रंथों से सुसज्जित है। यहां से स्पीति नदी और घाटी के शानदार दृश्य भी देखे जा सकते हैं।
हिक्किम गांव- दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस
काजा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हिक्किम गांव, जहां दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित पोस्ट ऑफिस मौजूद है। यह समुद्र तल से 4,400 मीटर की ऊंचाई पर है।यहां से अपने प्रियजनों को एक पोस्टकार्ड भेजना एक अनोखा अनुभव होता है। यहां जीवन सरल है, पर दिलों में अपनापन बहुत गहरा है।
कोमिक गांव-एशिया का सबसे ऊंचा मोटरेबल गांव
कोमिक गांव दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल गांवों में से एक है, जो समुद्र तल से करीब 4,587 मीटर की ऊंचाई पर है। इस गांव की आबादी कम है, लेकिन यह जगह बेहद आत्मिक शांति प्रदान करती है।यहां की लाल मिट्टी, तिब्बती झंडों से सजी घरों की छतें और पुराने मठ इस गांव को खास बनाते हैं।
लांग्जा गांव- फॉसिल्स और बुद्ध प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध
लांग्जा गांव काजा से लगभग 16 किमी दूर स्थित है और यह गांव फॉसिल्स (जीवाश्मों) के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से करीब 4,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गांव में एक विशाल बुद्ध प्रतिमा है जो घाटी की ओर देखते हुए बैठी है। यहां की मिट्टी में समुद्री जीवों के जीवाश्म भी मिलते हैं, जिससे यह भूगोल और जीवाश्म विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए आदर्श स्थान बनता है।
ताबो मोनेस्ट्री - हिमालय की अजंता
ताबो मठ को 'हिमालय की अजंता' भी कहा जाता है क्योंकि इसमें अति प्राचीन भित्ति चित्र और मूर्तियां हैं जो भारतीय और तिब्बती संस्कृति का अद्भुत संगम दर्शाती हैं।
इस मठ की स्थापना 996 ईस्वी में की गई थी और यह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनने का प्रबल दावेदार है। यह शांतिप्रिय यात्रियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
पिन वैली नेशनल पार्क- दुर्लभ जीवों का बसेरा
स्पीति घाटी के भीतर स्थित पिन वैली नेशनल पार्क हिमाचल का एक महत्वपूर्ण वन्यजीव क्षेत्र है। यहां आपको हिम तेंदुआ, रेड फॉक्स, हिमालयन आइबेक्स और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यहां ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और वाइल्डलाइफ पर्यटन का लुत्फ उठाया जा सकता है।
यात्रा के सुझाव और सावधानियां
स्पीति घाटी जाने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का होता है।
यहां का तापमान बेहद कम हो सकता है। इसलिए ऊनी कपड़े जरूर साथ रखें।
हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस से बचने के लिए दवाइयां, हाइड्रेशन और पर्याप्त विश्राम जरूरी है।घाटी में कई जगह नेटवर्क की सुविधा सीमित होती है, इसलिए जरूरी जानकारी पहले से डाउनलोड करके रखें।
स्पीति घाटी कैसे पहुंचें
स्पीति घाटी भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है और यहां पहुंचना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव होता है। चूंकि यह क्षेत्र दुर्गम और ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए मौसम, सड़क स्थिति और आपकी यात्रा की योजना के अनुसार आपको सही रूट चुनना चाहिए।
सड़क मार्ग से (By Road)-
स्पीति घाटी तक सड़क मार्ग से दो मुख्य रास्ते हैं-
1. शिमला से किन्नौर – स्पीति रूट (All-Season Route)
यह रूट साल भर खुला रहता है, बशर्ते भारी बर्फबारी न हो।
ये रूट- शिमला से नारकंडा, वहां से सराहन फिर सांगला, कल्पा, नाको, ताबो होता हुआ काजा (स्पीति) पहुंचता है। ये दूरी लगभग 450 से 500 किमी है।
इस यात्रा में बीच-बीच में रुकते हुए समय लगभग 2-3 दिन का लगता है।
इस रूट का फायदा यह है कि ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ती है, जिससे हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस का खतरा कम होता है।
रूट 2 में मनाली से रोहतांग फिर कुंजुम पास होते हुए काजा (सीज़नल रूट) पहुंचा जा सकता है। यह मार्ग जून से अक्टूबर तक ही खुला रहता है।
रूट 3 में मनाली से रोहतांग पास फिर ग्रामफू से कुंजुम पास होते काजा (स्पीति) पहुंचा जा सकता है।
इसकी दूरी लगभग 200 किमी है। यहां लगने वाला समय 1 दिन, लेकिन सड़कों की हालत कठिन होती है
इस रूट में ऊंचाई अचानक बढ़ती है, इसलिए acclimatization जरूरी है।
बस सेवा (By Bus)-
HRTC (हिमाचल रोडवेज) की बसें शिमला और मनाली से काजा के लिए चलती हैं।
शिमला से रिकॉन्ग पिओ, ताबो होते हुए काजा तक बसें मिलती हैं।
मनाली से जून-अक्टूबर तक सीमित बस सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
हवाई मार्ग (By Air)-
निकटतम हवाई अड्डा-भुंतर (कुल्लू) एयरपोर्ट।
मनाली से लगभग 50 किमी दूर है। यहां से टैक्सी लेकर मनाली और स्पीति जा सकते हैं
वैकल्पिक – शिमला एयरपोर्ट। शिमला से सड़क मार्ग द्वारा स्पीति की यात्रा शुरू की जा सकती है
रेल मार्ग (By Train)-
स्पीति घाटी के लिए कोई सीधी ट्रेन सुविधा नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन हैं।
कालका रेलवे स्टेशन से शिमला रूट के लिए (इसके बाद शिमला तक टॉय ट्रेन)
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग से शिमला या मनाली होते हुए रूट जाता है। अपने वाहन से जा रहे हैं तो SUV या 4x4 वाहन का इस्तेमाल करें।
ईंधन और नकद पर्याप्त मात्रा में साथ रखें। एटीएम और पेट्रोल पंप सीमित हैं।
मोबाइल नेटवर्क कमजोर हो सकता है। खासकर काजा के बाहर। ऊंचाई के कारण Acute Mountain Sickness से बचने के लिए धीरे-धीरे चढ़ाई करें, हाइड्रेटेड रहें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें। स्पीति घाटी पहुंचने का सफर उतना ही खूबसूरत होता है जितनी यह घाटी खुद। चाहे आप रोमांच के लिए बाइक से जा रहे हों या परिवार के साथ आरामदायक कार से, यह यात्रा आपके जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में से एक बन जाती है।
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