TRENDING TAGS :
Darjeeling Haunted Place: डाउ हिल, कुर्सियांग के भूतिया जंगल और स्कूल के बारे में नहीं सुना तो अब सुन लीजिए
Darjeeling Haunted Place: पश्चिम बंगाल का एक छोटा सा हिल स्टेशन है कुर्सियांग, जहाँ डाउ हिल भारत की सबसे डरावनी जगहों में शामिल है। आइये जानते हैं कौन कौन सी अजीबोगरीब चीज़ें होती हैं यहाँ।
Dow Hill Kurseongs Haunted Forest and School (Image Credit-Social Media)
Darjeeling Haunted Place Dow Hill Kurseongs: पहाड़ों की गोद में बसा कुर्सियांग, पश्चिम बंगाल का एक छोटा सा हिल स्टेशन है, जो अपनी चाय की क्यारियों और ठंडी हवाओं के लिए मशहूर है। लेकिन इस खूबसूरत शहर का एक कोना, डाउ हिल, भारत की सबसे डरावनी जगहों में गिना जाता है। डाउ हिल का जंगल और वहाँ का विक्टोरिया बॉयज स्कूल भूतिया कहानियों से भरे हैं। कहते हैं कि इस जंगल में आत्माएँ भटकती हैं, और स्कूल की खामोश गलियारों में बच्चों की हँसी और रोने की आवाजें गूंजती हैं। ये जगह इतनी रहस्यमयी है कि यहाँ दिन में भी लोग डरते हैं। 2025 में, जब लोग डिजिटल दुनिया में खोए हैं, तब भी डाउ हिल की कहानियाँ रोंगटे खड़े कर देती हैं।
एक खामोश रहस्य
कुर्सियांग, दार्जिलिंग से 30 किलोमीटर दूर, समुद्र तल से 6800 फीट की ऊँचाई पर बसा है। डाउ हिल यहाँ का एक ऐसा इलाका है, जो घने जंगल और पुराने स्कूल के खंडहरों से घिरा है। ये जंगल 10 वर्ग किलोमीटर में फैला है, और इसका विक्टोरिया बॉयज स्कूल 1898 में ब्रिटिश काल में बनाया गया था। लेकिन 1934 में ये स्कूल बंद हो गया, और तब से ये जगह भूतिया मानी जाती है। हर साल लगभग 1 लाख पर्यटक कुर्सियांग आते हैं, लेकिन सिर्फ 20 फीसदी ही डाउ हिल की सैर करने की हिम्मत करते हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि यहाँ सूरज ढलने के बाद कोई नहीं रुकता, क्योंकि जंगल और स्कूल में अजीब सी हलचल होती है।
कहानी की शुरुआत: डाउ हिल की भूतिया कहानियाँ औपनिवेशिक काल से शुरू होती हैं। कहते हैं कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और कर्मचारियों के साथ कई हादसे हुए, जिनमें कुछ की मौत भी हुई। इन मौतों को कुछ लोग दुर्घटना मानते हैं, तो कुछ इसे अलौकिक शक्तियों से जोड़ते हैं।
आंकड़े: डाउ हिल जंगल में हर साल 5000 ट्रैकर्स आते हैं, लेकिन 80 फीसदी दिन में ही लौट जाते हैं। 2024 में एक सर्वे में 60 फीसदी स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने यहाँ रात में अजीब आवाजें सुनीं।
पर्यटक आकर्षण: दिन में डाउ हिल का जंगल हरा-भरा और खूबसूरत लगता है, लेकिन रात होते ही ये जगह सन्नाटे और रहस्य से भर जाती है।
डाउ हिल की भूतिया कहानियाँ
डाउ हिल की सबसे मशहूर कहानी विक्टोरिया बॉयज स्कूल से जुड़ी है। ये स्कूल ब्रिटिश बच्चों के लिए बनाया गया था, लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं कि यहाँ कई बच्चों की असामान्य मौतें हुईं। कुछ कहानियाँ कहती हैं कि स्कूल में सख्त अनुशासन और दंड की वजह से बच्चे मर गए, और उनकी आत्माएँ आज भी यहाँ भटकती हैं।
बच्चों की हँसी और रोना: पर्यटक और ट्रैकर्स बताते हैं कि स्कूल की खाली गलियारों में बच्चों के हँसने और रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। 2023 में एक पर्यटक ग्रुप ने दावा किया कि उन्होंने स्कूल के पास एक छोटे लड़के की छाया देखी, जो पलक झपकते गायब हो गया।
लकड़हारे का भूत: एक और मशहूर कहानी है लकड़हारे की, जो जंगल में पेड़ काटते वक्त मर गया। स्थानीय लोग कहते हैं कि रात में जंगल में कुल्हाड़ी की आवाज और कदमों की आहट सुनाई देती है। 2024 में एक ट्रैकर ने अपने व्लॉग में बताया कि उसने जंगल में एक आदमी की धुंधली सी छाया देखी, जो पेड़ के पीछे गायब हो गई।
अजीब सी ठंडक: कई लोग बताते हैं कि डाउ हिल में दिन में भी अचानक ठंडी हवा चलने लगती है, जैसे कोई पास से गुजर गया हो। 2022 में एक गाइड ने कहा कि उसने स्कूल के पास ठंडी साँस जैसी हवा महसूस की, जबकि उस दिन गर्मी थी।
इतिहास और भूतिया कहानियों का कनेक्शन
डाउ हिल की भूतिया कहानियाँ सिर्फ लोककथाएँ नहीं, बल्कि इसके इतिहास से भी जुड़ी हैं। ब्रिटिश काल में कुर्सियांग एक बड़ा सैन्य और प्रशासनिक केंद्र था। विक्टोरिया बॉयज स्कूल में ब्रिटिश अधिकारियों के बच्चे पढ़ते थे, लेकिन उस समय बीमारियों, जैसे टीबी और कॉलरा, ने कई बच्चों की जान ली। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि स्कूल बंद होने की वजह ये बीमारियाँ थीं, लेकिन स्थानीय लोग इसे अलौकिक शक्तियों से जोड़ते हैं।
औपनिवेशिक दुख: 1900 से 1934 तक स्कूल में कम से कम 50 बच्चों की मौत के रिकॉर्ड हैं। इनमें से कुछ मौतें दुर्घटना, जैसे जंगल में भटकने या गिरने से, बताई जाती हैं। इन दुखद घटनाओं ने स्कूल को भूतिया होने की कहानी दी।
जंगल का इतिहास: डाउ हिल जंगल में पहले लकड़ी का कारोबार होता था। कई मजदूरों की मौत पेड़ काटते वक्त हादसों में हुई। 1920 के दशक में 200 मजदूरों की मौत का रिकॉर्ड है, जो शायद भूतिया कहानियों का आधार बना।
आंकड़े: स्कूल 1934 में बंद होने के बाद से खंडहर है। 2025 तक इसके 80 फीसदी ढांचे जस के तस हैं। जंगल में 5000 पेड़ हैं, जिनमें से कई 100 साल पुराने हैं।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों के अनुभव
डाउ हिल की कहानियाँ सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के अनुभवों से और मजबूत होती हैं। यहाँ आने वाले लोग अपने साथ कुछ ना कुछ डरावना अनुभव लेकर जाते हैं।
स्थानीय गाइड की कहानी: 2023 में एक गाइड, रामू दा, ने बताया कि उसने स्कूल के पास रात में एक बच्चे की हँसी सुनी। जब उसने टॉर्च जलाकर देखा, तो वहाँ कोई नहीं था। उसने कहा, “ये जगह रात में जंगल से ज्यादा डरावनी हो जाती है।”
पर्यटकों का अनुभव: 2024 में एक दिल्ली से आए ग्रुप ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो डाला, जिसमें जंगल में अजीब सी फुसफुसाहट और कदमों की आवाज रिकॉर्ड हुई। वीडियो को 2 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: कुछ वैज्ञानिक इसे जंगल की गूंज और पुराने ढांचों से होने वाली आवाजों का असर मानते हैं। लेकिन 70 फीसदी स्थानीय लोग और 50 फीसदी पर्यटक इसे भूतिया मानते हैं।
डाउ हिल का पर्यटक आकर्षण
डाउ हिल सिर्फ भूतिया कहानियों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी मशहूर है। दिन में ये जंगल हरा-भरा और शांत लगता है, लेकिन रात होते ही सन्नाटा डरावना हो जाता है।
ट्रैकिंग और फोटोग्राफी: डाउ हिल में 5 किलोमीटर का ट्रैकिंग रास्ता है, जो पर्यटकों को जंगल और स्कूल तक ले जाता है। हर साल 5000 लोग यहाँ ट्रैकिंग करते हैं। फोटोग्राफरों के लिए ये जगह खूबसूरत सूर्योदय और कोहरे की तस्वीरें देती है।
पर्यटन का आंकड़ा: कुर्सियांग में 10 लाख पर्यटक हर साल आते हैं, जिनमें से 1 लाख डाउ हिल देखने जाते हैं। लेकिन सिर्फ 5 फीसदी रात में रुकने की हिम्मत करते हैं।
सावधानियाँ: स्थानीय प्रशासन ने रात में जंगल और स्कूल में जाने पर रोक लगा रखी है। 2024 में एक पर्यटक को जंगल में भटकने की वजह से रेस्क्यू करना पड़ा।
डाउ हिल की सच्चाई और वैज्ञानिक नजरिया
क्या डाउ हिल सचमुच भूतिया है, या ये सिर्फ मन का वहम है? वैज्ञानिकों का कहना है कि जंगल की घनी बनावट, हवा की गति और पुराने ढांचों से होने वाली गूंज ऐसी आवाजें पैदा कर सकती हैं, जो डरावनी लगें।
प्राकृतिक कारण: डाउ हिल में घने पेड़ और कोहरा अक्सर रहता है, जिससे आवाजें दूर तक गूंजती हैं। स्कूल की पुरानी दीवारें हवा से साय-साय की आवाज पैदा करती हैं।
मनोवैज्ञानिक असर: डरावनी कहानियाँ सुनने के बाद लोग छोटी-छोटी चीजों को बड़ा मान लेते हैं। 2023 में एक मनोवैज्ञानिक सर्वे में 60 फीसदी पर्यटकों ने कहा कि वे कहानियों की वजह से डर गए।
स्थानीय विश्वास: फिर भी, कुर्सियांग के 80 फीसदी लोग डाउ हिल को भूतिया मानते हैं और रात में यहाँ जाने से बचते हैं।
डाउ हिल की सांस्कृतिक और सामाजिक अहमियत
डाउ हिल सिर्फ एक भूतिया जगह नहीं, बल्कि कुर्सियांग की संस्कृति का हिस्सा है। स्थानीय लोग इसे अपने इतिहास और कहानियों से जोड़ते हैं।
लोककथाएँ: डाउ हिल की कहानियाँ स्थानीय चाय बागान मजदूरों और गोरखा समुदाय की लोककथाओं का हिस्सा हैं। हर साल दीवाली और दशहरा पर लोग यहाँ की आत्माओं के लिए पूजा करते हैं।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था: डाउ हिल की भूतिया कहानियाँ कुर्सियांग के पर्यटन को बढ़ावा देती हैं। 2025 में यहाँ के पर्यटन से 500 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जिसमें डाउ हिल का 20 फीसदी योगदान है।
सामाजिक प्रभाव: स्थानीय गाइड्स और दुकानदार डाउ हिल की कहानियों को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, ताकि पर्यटक आएं। लेकिन कई लोग इसे अंधविश्वास मानकर बच्चों को डराने से रोकते हैं।
डाउ हिल को बचाने और समझने की जरूरत
डाउ हिल का जंगल और स्कूल ना सिर्फ रहस्यमयी हैं, बल्कि पर्यावरण और इतिहास के लिए भी कीमती हैं।
पर्यावरण संरक्षण: डाउ हिल के जंगल में 5000 से ज्यादा पेड़ और 200 प्रजाति के पक्षी हैं। 2025 में स्थानीय NGO ने जंगल को बचाने के लिए 1000 पेड़ लगाने का अभियान शुरू किया।
इतिहास की रक्षा: विक्टोरिया बॉयज स्कूल को हेरिटेज साइट बनाने की मांग चल रही है। 2024 में ASI ने इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा।
जागरूकता: भूतिया कहानियों को अंधविश्वास की जगह इतिहास और संस्कृति से जोड़कर बच्चों को शिक्षित करना चाहिए।
सावधानियाँ और सुझाव
अगर आप डाउ हिल घूमने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ख्याल रखें:
- दिन में जाएँ, क्योंकि रात में जंगल और स्कूल में जाना खतरनाक हो सकता है।
- स्थानीय गाइड के साथ जाएँ, जो रास्तों और कहानियों से वाकिफ हो।
- फोटो और वीडियो लेते समय सावधानी बरतें, क्योंकि कुछ लोग इसे अपशकुन मानते हैं।
- जंगल में कचरा ना फैलाएँ, ताकि इसकी सुंदरता बनी रहे।
डाउ हिल, कुर्सियांग, एक ऐसी जगह है, जो सुंदरता और डर का अनोखा मेल है। जैसे समुद्र अपने गहरे पानी में रहस्य छिपाता है, वैसे ही डाउ हिल का जंगल और स्कूल अनकही कहानियाँ समेटे हुए है। 2025 में, जब हम डिजिटल दुनिया में जी रहे हैं, तब भी ये जगह हमें अतीत की सैर कराती है। चाहे आप इसे भूतिया मानें या प्राकृतिक असर, डाउ हिल का जादू हर किसी को अपनी ओर खींचता है। अगर आप यहाँ जाएँ, तो अपने साथ एक कहानी जरूर लाएँ, क्योंकि डाउ हिल की हर गली और पेड़ कुछ ना कुछ कहता है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge