अब कुत्ते भी जाएंगे जिम! शंघाई में खुला अनोखा फिटनेस सेंटर, मिलेगा स्पा और पर्सनल ट्रेनिंग का लाभ"

World First Unique Dog Gym: गोगो जिम सिर्फ एक कुत्तों का जिम नहीं है, यह एक चेतावनी है कि अब जानवरों की भलाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Jyotsna Singh
Published on: 18 May 2025 1:40 PM IST
World First Unique Dog Gym in Shanghai China
X

World First Unique Dog Gym in Shanghai China

World First Unique Dog Gym: आज के युग में जब इंसान अपनी फिटनेस को लेकर पहले से कहीं अधिक सजग हो चुका है, उसी सजगता की झलक अब पालतू जानवरों के लिए भी देखने को मिल रही है। आपने अब तक इंसानों के लिए अत्याधुनिक जिम, योग सेंटर और फिटनेस क्लब्स देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा था कि आपका पालतू कुत्ता भी ट्रेडमिल पर दौड़ सकता है या मालिश का आनंद ले सकता है? यह अब संभव है, और वो भी चीन जैसे देश में, जो तकनीक और नए मामले प्रयोगों के लिए जाना जाता है।

गोगो जिम सिर्फ एक कुत्तों का जिम नहीं है, यह एक चेतावनी है कि अब जानवरों की भलाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह आधुनिक सोच और तकनीक का संगम है, जो हमें यह सिखाता है कि स्वस्थ जीवनशैली केवल इंसानों तक सीमित नहीं होनी चाहिए।

अगर हम अपने पालतू जानवरों को परिवार का हिस्सा मानते हैं, तो उनके स्वास्थ्य और खुशी की जिम्मेदारी भी उतनी ही गंभीरता से लेनी चाहिए।

गोगो जिम शंघाई में तैयार हो रहा है दुनिया का अनोखा डॉग जिम

सिंगापुर की एक प्रतिष्ठित पालतू स्वास्थ्य सेवा कंपनी 'हील पेटकेयर' ने चीन के शंघाई में 'गोगोजिम' नामक पहला कुत्तों का जिम तैयार किया है। इस आधुनिक सुविधाओं से लैस जिम का वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें छोटे-बड़े कुत्ते ट्रेडमिल पर कसरत करते नजर आए।


जून के अंत तक यह जिम आम लोगों के लिए खुल जाएगा और पालतू प्रेमी अपने कुत्तों को यहां व्यायाम करवाने ला सकेंगे। फिलहाल इसकी सदस्यता शुल्क तय नहीं हुई है, लेकिन उत्साही लोगों ने पहले ही इसे लेकर योजनाएं बना ली हैं।

क्या है गोगो जिम की खासियत

गोगोजिम को पूरी तरह से कुत्तों की जरूरतों के मुताबिक डिजाइन किया गया है। इसमें चार खास कमरे बनाए गए हैं -

फिटनेस सेंटर

ट्रेडमिल, जंपिंग प्लेटफॉर्म, और छोटी-छोटी फिटनेस मशीनों के साथ।

स्पा और मालिश केंद्र

कुत्तों के लिए आरामदायक थेरैपी और मालिश की सुविधा।

पर्सनल ट्रेनिंग

प्रत्येक कुत्ते के लिए व्यक्तिगत फिटनेस प्लान, उनके वजन, नस्ल और उम्र के आधार पर।

पैट्स शॉप

पोषण, खिलौने, ग्रूमिंग प्रोडक्ट आदि उपलब्ध। यह एक समग्र अनुभव है, जो न केवल कुत्ते के शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए है, बल्कि उनके मानसिक संतुलन और जीवनशैली को भी बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया है।

इस अनोखे जिम का उद्देश्य क्या है

गोगोजिम का मुख्य उद्देश्य पालतू कुत्तों की सक्रियता और समग्र स्वास्थ्य को सुधारना है। वर्तमान में शहरी जीवनशैली के कारण कुत्ते भी मोटापे, निष्क्रियता, और तनाव जैसे समस्याओं से प्रभावित हो रहे हैं। गोगोजिम इन समस्याओं को कम करने के लिए एक व्यावसायिक और वैज्ञानिक पहल है।


इसके अलावा यह एक सोशल प्लेटफॉर्म भी बन रहा है, जहां कुत्तों और उनके मालिकों के बीच संबंध को मज़बूती मिलती है।

कुत्तों की मॉडलिंग प्रतियोगिता और जागरूकता अभियान

गोगोजिम ने 19 अप्रैल को एक डॉग मॉडलिंग प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें जीतने वाले कुत्तों को तीन महीने का मुफ्त जिम पास मिला। यह प्रतियोगिता सिर्फ प्रचार का माध्यम नहीं थी, बल्कि यह लोगों में पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने का तरीका भी थी।

क्या है लोगों की प्रतिक्रिया जिम के लिए

शंघाई में रहने वाली जरेन अपने दो साल के कॉर्गी को इस जिम में लेकर आती हैं। उनका कहना है कि इससे उनके कुत्ते की मुद्रा और स्वास्थ्य में काफी सुधार आया है।


वहीं झांग नामक एक शख्स पहले से ही पांच साल की सदस्यता लेने की योजना बना चुके हैं। सोशल मीडिया पर इसे लेकर उत्साह इतना बढ़ गया है कि अब लोग बिल्लियों के लिए भी इसी तरह के जिम की मांग कर रहे हैं।

जानवरों की सेहत पर ध्यान क्यों जरूरी है

जानवर हमारे परिवार का हिस्सा बन चुके हैं। वे न केवल भावनात्मक सहयोग देते हैं, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी मालिकों की जिम्मेदारी बनती है। शोध बताते हैं कि मोटे पालतू जानवरों में जीवन प्रत्याशा औसतन 2-3 साल कम हो सकती है। निष्क्रियता से गठिया, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। नियमित व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, जिससे वे आक्रामकता और तनाव में कमी आती है। इसलिए गोगोजिम जैसे सकारात्मक प्रयास समाज में पालतू जानवरों की ओर बढ़ रही संवेदनशीलता का संकेत हैं।

भारत और दुनिया में संभावनाएं

भारत में भी पालतू जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साल 2024 तक, भारत में पालतू कुत्तों की संख्या लगभग 3 करोड़ तक पहुंच चुकी थी। हालांकि, फिलहाल इस तरह की पहल बहुत ही सीमित है। यदि भारत में भी इस मॉडल को अपनाया जाए तो यह न केवल पालतू जानवरों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि एक नई व्यवसायिक दिशा भी दे सकता है। उदाहरण के लिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में उच्च आय वर्ग के लिए यह सेवा आकर्षक हो सकती है। पशु चिकित्सकों, फिटनेस एक्सपर्ट और पालतू उत्पाद ब्रांड्स के लिए नया बाज़ार खुल सकता है।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Admin 2

Admin 2

Next Story