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Baghpat News: सात सालों का ग्रह योग बदलेंगे देश की दशा-दिशा, ज्योतिषाचार्य सुरभि जैन की भविष्योक्ति में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हलचल के संकेत
Baghpat News: प्रख्यात ज्योतिषाचार्य 'सुरभि जैन' ने गुरु के मिथुन राशि में प्रवेश और शनि के वक्री होने को लेकर गहरी ज्योतिषीय दृष्टि से एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है।
Astrologer Surabhi Jain predictions indicate political social and economic upheaval (Social media)
Baghpat News: प्रख्यात ज्योतिषाचार्य 'सुरभि जैन' ने गुरु के मिथुन राशि में प्रवेश और शनि के वक्री होने को लेकर गहरी ज्योतिषीय दृष्टि से एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार सितंबर 2025 से सितंबर 2032 तक का समय भारत के लिए सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत परिवर्तनकारी सिद्ध होगा। यह कालखंड देश की कुंडली में सप्तमेश व द्वादशेश मंगल की अशुभ दशा के कारण कई असंतुलन और बदलावों को जन्म देगा।
प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी
सुरभि जैन का कहना है कि इस अवधि में गुरु के गोचर में बार-बार होने वाली अतिचारी स्थिति और शनि की वक्री चाल के कारण मौसम चक्र असामान्य रहेगा, अचानक सूखा, बेमौसम बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी।
राजनीतिक दृष्टिकोण से केंद्र सरकार के भीतर नेतृत्व परिवर्तन या नीतिगत टकराव के संकेत हैं। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता परिवर्तन की संभावना प्रबल है। वही उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व में फेरबदल कर सकती है। सत्ता में बैठे नेताओं के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहेगा।
जन्म दर में गिरावट आएगी
सामाजिक जीवन में विवाह संस्था कमजोर होगी, विवाहों में दरार और तलाक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। जन्म दर में गिरावट आएगी जबकि युवा पीढ़ी तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की ओर अधिक आकर्षित होगी। विशेष रूप से इंजीनियरिंग और कानून के क्षेत्र में करियर के नए द्वार खुलेंगे।
आर्थिक मोर्चे पर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विदेशी निवेश में वृद्धि होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे। हालांकि, यह काल कुछ धार्मिक विवाद और सामाजिक तनाव का कारण भी बन सकता है, लेकिन ज्योतिषाचार्य सुरभि जैन मानती हैं कि अगर शासन और समाज संयम और समझदारी से आगे बढ़े, तो यह समय सुधार और सशक्तिकरण का अवसर भी बन सकता है।
गुरु का मिथुन राशि में गोचर 14 मई को, 18 अक्तूबर को कर्क में होंगे प्रविष्ट अतिचारी गति से बदलेगा कई राशियों का भाग्य ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, बृहस्पति (गुरु) 14 मई 2025 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे और वहां अतिचारी गति (Accelerated Transit) से केवल पांच महीने तक रहकर 18 अक्तूबर 2025 को कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु का यह असामान्य रूप से तेज़ गोचर न केवल वैदिक ज्योतिष की दृष्टि से विशेष है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों पर भी पड़ने की संभावना है।
गुरु ज्ञान, धर्म, शिक्षा और नीति के प्रतीक माने जाते हैं। मिथुन राशि में उनका अल्पकालिक ठहराव संचार, मीडिया, तकनीकी और शिक्षा के क्षेत्रों में तीव्र परिवर्तन का संकेत देता है। वहीं, कर्क राशि में प्रवेश के साथ ही धार्मिक गतिविधियों, सामाजिक भावनाओं और पारिवारिक संरचना में नई दिशा देखने को मिलेगी। इस गोचर का असर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग होगा, लेकिन मिथुन, कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह समय जीवन में संतुलन, निर्णय और धैर्य की परीक्षा लेगा।
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