Banda News: वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर ‘स्वाभिमान’ कवि सम्मेलन में गूंजा राष्ट्रभक्ति का स्वर

Banda News: महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में “स्वाभिमान” शीर्षक से भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

Anwar Raza
Published on: 10 May 2025 3:36 PM IST
Swabhimaan kavi sammelan Banda
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स्वाभिमान’ कवि सम्मेलन  (photo: social media ) 

Banda News: रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज प्रेक्षागृह शुक्रवार रात्रि एक अद्वितीय काव्य संध्या का साक्षी बना, जब बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन द्वारा महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में “स्वाभिमान” शीर्षक से भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देशभर से पधारे नामचीन कवियों ने अपनी ओजपूर्ण, व्यंग्यात्मक एवं देशभक्ति से परिपूर्ण रचनाओं से श्रोताओं में जोश भर दिया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत वीर रस के सुप्रसिद्ध कवि योगेन्द्र शर्मा (भीलवाड़ा, राजस्थान) की जोशीली कविता से हुई, जिसमें उन्होंने कहा—

“एक शीश के बदले हमने दस शीश काटे होते,

दो-चार दरिंदों की फांसी लाल किले में होती,

तो पाकिस्तान की हिंदुस्तान में घुसने की हिम्मत न होती।”

उनकी कविता ने सभागार को देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया। स्थानीय कवयित्री कविछाया सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित रचना प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। वहीं रीता गुप्ता ने तिरंगे की शान में कहा—

“भारत का तिरंगा हमेशा शान रहा है,

हम भारतीयों के दिल का अभिमान रहा है।”

आर.सी. योगा ने आतंकवाद पर कटाक्ष करते हुए पढ़ा

“आतंकी अंगारों से वर्तमान धधक रहा है,

बेगुनाहों पर हमले से बचपन सिसक रहा है।”

मंजूषा पंवार (फरीदाबाद) की पहलगाम नरसंहार पर भावुक कविता

“मार दिया पति को, मेहंदी अभी छूट न पाई थी,

हिंदू होने की महिला ने कैसी कीमत चुकाई थी।”

—ने श्रोताओं की आंखें नम कर दीं।

अनामिका जैन (मेरठ) ने रानी लक्ष्मीबाई की वीरता को इन शब्दों में उकेरा

“रानी लक्ष्मीबाई चूड़ियां उतार, तलवार धार लेती है,

दुर्गा बनकर टूट पड़ी तो अरिदल की फिर शामत है।”

उनकी रचना “कविता तुमको बतलाएगी, क्या सिंदूर की कीमत है” को भी भरपूर सराहना मिली।

प्रवीण शुक्ला (हापुड़) ने अपने चिर-परिचित व्यंग्य अंदाज़ में हास्य का पुट जोड़ते हुए श्रोताओं को हँसने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे छत्तीसगढ़ रायपुर से पधारे हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने तीखे राजनीतिक कटाक्षों से खूब वाहवाही बटोरी। उनका यह शेर विशेष रूप से चर्चित रहा—

“एक बात सुन ले पाकिस्तान,

शांत है तो भारत,

भड़क गए तो महाभारत।”

कविता तिवारी (लखनऊ) की ओजस्वी कविताओं ने मंच को गरिमा प्रदान की और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया।

इस गरिमामयी अवसर पर मंच पर उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, पूर्व सांसद कुमार पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, विधान परिषद सदस्य जितेन्द्र सिंह सेंगर, नरैनी विधायक ओममणि वर्मा, जिला पंचायत सदस्य सुनील सिंह पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष मालती बासु, ब्लॉक प्रमुख स्वर्ण सिंह सोनू, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता सहित अनेकों गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के संयोजक बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन के संस्थापक प्रवीण सिंह रहे, जिनकी अगुवाई में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आयोजन को सफल बनाने में दिनेश दीक्षित, जगराम सिंह चौहान, कल्लू सिंह राजपूत, मनोज पुरवार, श्यामजी निगम, अमित सेठ ‘भोलू’, वंदना गुप्ता, देशराज सिंह, दिलीप गुप्ता और शशांक सिंह परमार का योगदान उल्लेखनीय रहा। मंच संचालन की जिम्मेदारी पंकज रावत ने बखूबी निभाई।

यह कवि सम्मेलन न केवल महाराणा प्रताप की वीरता को समर्पित रहा, बल्कि राष्ट्रीय चेतना, महिला सशक्तिकरण और समकालीन मुद्दों को समर्पित भावपूर्ण कविताओं ने इसे एक यादगार साहित्यिक संध्या बना दिया।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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