भाजपा विधायक के काफिले ने तोड़ा टोल बैरियर, टोलकर्मियों से मारपीट का आरोप, CCTV में कैद हुई घटना

Barabanki News: बाराबंकी में सुल्तानपुर-लखनऊ हाईवे पर बारा टोल प्लाजा पर भाजपा विधायक दिनेश रावत के काफिले द्वारा टोल बैरियर तोड़ने और समर्थकों द्वारा टोलकर्मियों से मारपीट का मामला सामने आया है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 13 Sept 2025 8:39 PM IST
भाजपा विधायक के काफिले ने तोड़ा टोल बैरियर, टोलकर्मियों से मारपीट का आरोप, CCTV में कैद हुई घटना
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Barabanki News: लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर स्थित बारा टोल प्लाजा पर शनिवार दोपहर उस समय हंगामा मच गया, जब हैदरगढ़ से भाजपा विधायक दिनेश रावत के काफिले की एक गाड़ी ने टोल बैरियर तोड़ दिया। आरोप है कि इसके बाद पीछे आ रहे समर्थकों ने टोलकर्मियों से मारपीट की। पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई है।टोल प्रबंधन के अनुसार, घटना शनिवार दोपहर करीब 2:45 बजे की है, जब विधायक दिनेश रावत छह गाड़ियों के काफिले के साथ लखनऊ से हैदरगढ़ की ओर लौट रहे थे। जैसे ही काफिला टोल पर पहुंचा, सबसे आगे चल रही गाड़ी ने टोल बैरियर तोड़ते हुए प्लाजा पार कर लिया।

टोलकर्मियों का आरोप है कि बैरियर खुलने में हुई मामूली देरी पर पीछे चल रहे समर्थक भड़क गए और टोल स्टाफ राम सिंह, अखिलेश वर्मा और बृजेश यादव के साथ मारपीट की। बीच-बचाव करने आए अन्य कर्मचारियों के साथ भी दुव्यवहार और अभद्रता की गई।टोलकर्मी बृजेश यादव ने बताया कि काफिले में ब्लॉक प्रमुख सुनील सिंह की गाड़ी भी थी और यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी विधायक समर्थकों द्वारा टोल स्टाफ पर दबाव बनाने और दुर्व्यवहार की घटनाएं हो चुकी हैं।

घटना के बाद टोल प्रबंधक जगभान सिंह ने हैदरगढ़ कोतवाली को पूरी जानकारी दी और तीनों घायल कर्मचारियों ने पुलिस को लिखित तहरीर भी सौंप दी है। तहरीर में छह गाड़ियों के नंबर भी दर्ज किए गए हैं। हालांकि प्रभारी निरीक्षक अभिमन्यु मल्ल ने शाम तक किसी औपचारिक शिकायत की पुष्टि नहीं की।टोल प्रबंधन ने यह मामला एनएचएआई के परियोजना निदेशक कर्नल शरद चंद सिंह को भी रिपोर्ट किया है।

वहीं, विधायक दिनेश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब यह घटना हुई, वह काफी आगे निकल चुके थे। उन्होंने माना कि पीछे कहासुनी जरूर हुई थी, लेकिन मारपीट से इनकार किया। उल्टा उन्होंने टोल स्टाफ पर पहले बदसलूकी करने का आरोप लगाया।इस घटना के बाद टोल कर्मियों में नाराजगी है और उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामला अब राजनीतिक तूल भी पकड़ सकता है, क्योंकि यह टोल नियमों के उल्लंघन और सरकारी संपत्ति को नुकसान से जुड़ा हुआ है।

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