बरेली हिंसा के मास्टरमाइंड पर चला नगर निगम हंटर, मौलाना तौकीर रज़ा दफ्तर किया सील, 2000 लोगों पर FIR

बरेली हिंसा पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, मौलाना तौकीर रज़ा का दफ्तर सील, 2000 लोगों पर FIR दर्ज। पुलिस की सख्ती से शहर में तनाव, जांच जारी।

Harsh Srivastava
Published on: 29 Sept 2025 3:16 PM IST
बरेली हिंसा के मास्टरमाइंड पर चला नगर निगम हंटर, मौलाना तौकीर रज़ा दफ्तर किया सील, 2000 लोगों पर FIR
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Bareilly Violence Tauqeer Raza office sealed: उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में 'आई लव मुहम्मद' अभियान से जुड़े विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई भीषण हिंसक झड़पों को लेकर योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हिंसा के मास्टरमाइंड माने जा रहे इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा पर शिकंजा कसते हुए, बरेली नगर निगम ने उनकी संस्था के दफ्तर को सील कर दिया है। यह दफ्तर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर स्थित था, जिसे नगर निगम ने नाले पर अवैध रूप से अतिक्रमण करके बनाए जाने के कारण चिह्नित किया था। इस कार्रवाई को मौलाना तौकीर रज़ा के खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा है।

FIR में तौकीर रज़ा बने आरोपी नंबर 1: 'माहौल बिगाड़ने' का आरोप

बरेली में हुई हिंसा के बाद दर्ज की गई प्राथमिक रिपोर्ट (FIR) में मौलाना तौकीर रज़ा खान को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है। रज़ा को पहले नज़रबंद किया गया था और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। FIR में आरोप लगाया गया है कि रज़ा ने अपने समर्थकों को शहर का माहौल बिगाड़ने के लिए उकसाया था। FIR के अनुसार, तौकीर रज़ा ने अपने समर्थकों से कथित तौर पर कहा, "आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे पुलिस वालों की हत्या करनी पड़े, और मुसलमानों की ताक़त दिखानी है।" पुलिस अधिकारी अब इस पूरी साजिश का पता लगाने के लिए तौकीर रज़ा और उनके साथियों के मोबाइल फ़ोन की भी गहन जांच कर रहे हैं। यह बयान दिखाता है कि हिंसा को लेकर पुलिस का रुख कितना गंभीर है।

कैसे भड़की बरेली में हिंसा?

हिंसा की शुरुआत तब हुई जब पिछले हफ्ते 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में आयोजित एक प्रोटेस्ट अचानक रद्द हो गया। प्रशासन द्वारा धारा 163 (बीएनएसएस) लागू किए जाने के बावजूद, नमाज़ के बाद तौकीर रज़ा के आवास और कोतवाली मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। कुछ ही देर में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं तेज़ी से दरगाह-ए-आला हज़रत और इस्लामिया मैदान की ओर फैल गईं। उपद्रवियों ने सार्वजनिक और निजी वाहनों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और शहर के मुख्य बाज़ार दहशत के चलते बंद करने पड़े।

2000 लोगों पर FIR: पुलिस का सख्त एक्शन

इस पूरी घटना को लेकर पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। मामले में अब तक कुल 11 FIR दर्ज की जा चुकी हैं, जिसमें दो हज़ार से ज़्यादा लोगों को नामजद किया गया है। हिंसा फैलाने के आरोप में करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। नगर निगम की कार्रवाई, जिसमें IMC दफ़्तर को नाले पर अवैध निर्माण के आरोप में सील किया गया है, साफ तौर पर दिखाती है कि प्रशासन अब किसी भी तरह के अतिक्रमण या अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। मौलाना तौकीर रज़ा के खिलाफ प्रशासनिक और आपराधिक कार्रवाई का यह दोहरा वार, उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के प्रति सरकार की सख्ती को दर्शाता है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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