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Chandauli News: ARTO पर भ्रष्टाचार का आरोप, बस में सवार महिलाओं और बच्चों को प्रचंड गर्मी में घंटों कराया खड़ा,जानिए कितने रुपए की हो रही है डिमांड
Chandauli News: चंदौली जनपद में जीरो टॉलरेंस की सरकार के दावों के बीच परिवहन विभाग पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
ARTO Accused of Corruption Women and Children Stranded in Scorching Heat (Social Media)
Chandauli News: चंदौली जनपद में जीरो टॉलरेंस की सरकार के दावों के बीच परिवहन विभाग पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां एआरटीओ ने बच्चों और महिलाओं सहित 19 यात्रियों को प्रचंड गर्मी में सड़क पर घंटों खड़ा रखा।
एआरटीओ से बस छोड़ने की गुहार लगाई
मामला तब सामने आया जब गुजरात से चलकर बिहार जा रही एक निजी बस को मंडी पुलिस चौकी के पास रोक दिया गया। बस में मासूम बच्चे, महिलाएं और अन्य यात्री मौजूद थे, जो तेज धूप और भीषण गर्मी में बस के बाहर खड़े होकर एआरटीओ से बस छोड़ने की गुहार लगाते रहे। चालक का आरोप है कि एआरटीओ के दलालों ने बस छोड़ने के एवज में 7 लाख रुपये तक की डिमांड शुरू कर दी। जबकि बस पर पहले से ही एआरटीओ ने 20,500 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बावजूद अवैध रूप से दूसरे दिन बीतने पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मांग की जा रही थी।
मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा
हालात से परेशान बस चालक ने 12 घंटे बाद यात्रियों के लिए दूसरी गाड़ी की व्यवस्था कर उन्हें रवाना किया। हालांकि, मूल बस अब भी पिछले दो दिनों से मंडी पुलिस चौकी में खड़ी है।
एआरटीओ डॉक्टर सर्वेश गौतम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बस के इमरजेंसी गेट की जांच तीन दिन के अभियान के तहत की जा रही है और उसी प्रक्रिया के तहत बस को रोका गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक इमरजेंसी गेट की जांच में आखिर दो दिन कैसे लग सकते हैं?
बस चालक का कहना है कि उसे लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और गुजरात के परिवहन संचालकों से पैसे वसूली की जा रही है। मेरे बस का गुजरात का परमिट था यूपी का परमिट नहीं था,जिसका जुर्माना भी मैं भरने के लिए तैयार हूं। उसके बावजूद भी लाखों रुपए की डिमांड की जा रही है जितना का बस नहीं उससे ज्यादा का पैसा मांगा जा रहा है।
सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार
अब बस चालक ने यूपी के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि चंदौली का परिवहन विभाग इससे पहले भी भ्रष्टाचार और दलाली के मामलों को लेकर सुर्खियों में रह चुका है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अमानवीय रवैये की पोल खोल दी है।
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