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Chandauli News: जब खाकी उतरी ज़मीन पर, दिलों में बढ़ी उम्मीद

Chandauli News: चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र के लोंदा चौकी इंचार्ज अनन्त भार्गव ने एक शिकायतकर्ता के साथ ज़मीन पर बैठकर उसकी समस्या सुनी। यह दृश्य बदलते सामाजिक परिवेश में पुलिस विभाग की एक प्रेरणादायक तस्वीर बनकर उभरा है।

Sunil Kumar
Published on: 4 July 2025 9:56 PM IST
Chandauli News: जब खाकी उतरी ज़मीन पर, दिलों में बढ़ी उम्मीद
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जब खाकी उतरी ज़मीन पर, दिलों में बढ़ी उम्मीद  (photo: social media )

Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो पुलिस की मानवीय और संवेदनशील छवि को दर्शाती है। आमतौर पर पुलिसिया कार्रवाई का मतलब सख्ती, लाठीचार्ज या कागजी कार्रवाई समझा जाता है। लेकिन चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र के लोंदा चौकी इंचार्ज अनन्त भार्गव ने एक शिकायतकर्ता के साथ ज़मीन पर बैठकर उसकी समस्या सुनी। यह दृश्य बदलते सामाजिक परिवेश में पुलिस विभाग की एक प्रेरणादायक तस्वीर बनकर उभरा है।

जब चौकी इंचार्ज बने आम नागरिक

दरअसल, एक व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर लोंदा चौकी पहुंचा था। चौकी पर उसके बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। अक्सर ऐसी परिस्थितियों में अधिकारी शिकायत को अनदेखा कर देते हैं या जल्दबाजी में निपटाने का प्रयास करते हैं। लेकिन अनन्त भार्गव ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए शिकायतकर्ता को न सिर्फ ध्यान से सुना, बल्कि वे स्वयं भी ज़मीन पर बैठ गए। उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ बैठकर संवाद किया और उसकी समस्या को गहराई से समझा।

कुर्सी नहीं, नीयत चाहिए इंसाफ के लिए

चौकी इंचार्ज का यह व्यवहार देखकर शिकायतकर्ता भी सहज हो गया और उसने अपनी बात बिना किसी हिचकिचाहट के रखी। अनन्त भार्गव ने तुरंत समस्या के समाधान की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी। यह घटना यह साबित करती है कि इंसाफ करने के लिए केवल कुर्सी का होना जरूरी नहीं है, बल्कि एक अच्छी नीयत और लोगों के प्रति संवेदनशीलता का होना अधिक महत्वपूर्ण है।

विश्वास की किरण: जनता और पुलिस के बीच

आज के समय में जब आम जनता और पुलिस के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती जा रही है, अनन्त भार्गव की यह पहल उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। यह तस्वीर दिखाती है कि वर्दी के पीछे भी एक इंसान है, जो लोगों के दुख-दर्द को समझता है और उनकी मदद करने के लिए तत्पर है।

सकारात्मक बदलाव की एक झलक

अनन्त भार्गव का यह कार्य केवल एक तस्वीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पुलिस व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। अगर हर पुलिसकर्मी इसी तरह आम लोगों से जुड़े और उनकी समस्याओं को समझे, तो निश्चित रूप से जनता का पुलिस पर भरोसा कई गुना बढ़ जाएगा। यह सच्ची लोकसेवा का उदाहरण है, जहाँ कानून की रक्षा के साथ-साथ लोगों के प्रति सहानुभूति और समर्पण का भाव भी हो।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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