Chandauli News: पुलिस का 'जागरूकता अभियान 2.0', नए आपराधिक कानूनों से रूबरू हुआ आमजन

Chandauli News: चंदौली में पुलिस ने चलाया 'जागरूकता अभियान 2.0', छात्रों और आमजन को भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता व साक्ष्य अधिनियम की दी जानकारी।

Sunil Kumar
Published on: 1 Nov 2025 6:30 PM IST
Polices Awareness Campaign 2.0, new criminal laws
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पुलिस का 'जागरूकता अभियान 2.0', नए आपराधिक कानूनों से रूबरू हुआ आमजन (Photo- Newstrack)

Chandauli News: उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर, चंदौली जिले में "नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता अभियान - 2.0" सफलतापूर्वक चलाया गया। इस व्यापक अभियान का मुख्य उद्देश्य आम जनता और छात्र-छात्राओं को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – की सरल भाषा में जानकारी देना था। जिले के पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में, सभी पुलिस स्टेशनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि ये महत्वपूर्ण कानूनी बदलाव हर नागरिक तक पहुँचें। यह पहल एक आधुनिक, पारदर्शी और त्वरित न्याय प्रणाली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रमुख स्थानों पर जागरूकता का प्रसार

इस अभियान के तहत पुलिस ने लोगों के बीच सीधे पहुँचने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। सार्वजनिक स्थानों, मुख्य चौराहों, बस अड्डों, बाजारों, स्कूलों और कॉलेजों में बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए। पुलिसकर्मियों ने इन स्थानों पर मौजूद आम लोगों और विद्यार्थियों को नए कानूनों की मुख्य धाराओं और उनके महत्व को आसान भाषा में समझाया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हर कोई इन कानूनी सुधारों को समझ सके, जो नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और अपराध को नियंत्रित करने में सहायक होंगे।

नुक्कड़ नाटक और प्रतियोगिताओं से जनभागीदारी

जागरूकता को अधिक प्रभावी बनाने के लिए, कई स्थानों पर नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए। कलाकारों ने छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से दिखाया कि ये नए कानून कैसे काम करेंगे और कैसे ये नागरिकों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करेंगे। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को जोड़ने के लिए वाद-विवाद, निबंध लेखन और पेंटिंग/पोस्टर प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नए कानूनों पर अपने विचार साझा किए, जिससे समाज में कानूनी चेतना का प्रसार हुआ।

Chandauli News: SP चंदौली ने 'नए आपराधिक कानूनों' पर छात्रों को किया जागरूक, साइबर सुरक्षा पर भी दिया जोर

Chandauli News:उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर चलाए जा रहे "नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता अभियान- 2.0" के तहत, पुलिस अधीक्षक (SP) चंदौली आदित्य लाग्हें ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम शिविर पुलिस लाइन, चंदौली में दिनांक 01नवंबर को हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य जिले के युवाओं और छात्रों को देश के तीन नए आपराधिक कानूनों— भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—के बारे में सरल भाषा में जानकारी देना था। पॉलिटेक्निक और तपोवन विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लिया, जहां उन्हें पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से इन महत्वपूर्ण कानूनी बदलावों से अवगत कराया गया।

'दंड से न्याय' की ओर: एसपी ने समझाया कानूनों का महत्व

कार्यक्रम की शुरुआत एसपी चंदौली श्री आदित्य लाग्हें ने "दण्ड से न्याय की ओर" के प्रेरणादायक नारे के साथ की। उन्होंने छात्रों को बताया कि ये नए कानून न केवल सजा पर बल्कि न्याय दिलाने पर ज्यादा जोर देते हैं।

भारतीय न्याय संहिता (BNS): यह कानून भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लेता है। इसमें मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों पर कठोर दंड और छोटे अपराधों में सामुदायिक सेवा जैसी सजा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS): यह दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लेता है। इसमें ई-एफआईआर और ज़ीरो एफआईआर जैसे प्रावधान हैं, जो पीड़ितों के लिए शिकायत दर्ज कराना आसान बनाते हैं। इसके अलावा, जांच की प्रगति की जानकारी 90 दिन में शिकायतकर्ता को देना अनिवार्य किया गया है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA): यह पुराने साक्ष्य अधिनियम की जगह लेता है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को कानूनी रूप से मजबूत मान्यता देता है, जिससे त्वरित और साक्ष्य-आधारित न्याय सुनिश्चित होता है।

एसपी ने छात्रों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया और इन तीनों कानूनों से संबंधित पंपलेट भी वितरित किए, ताकि यह जानकारी समाज में दूर-दूर तक फैल सके।

साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय

कानूनी जागरूकता के साथ-साथ, एसपी चंदौली ने आज के दौर की सबसे बड़ी चुनौती, साइबर अपराध, पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने छात्रों को सतर्क करते हुए कहा कि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचें:

व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा: किसी भी अनजान लिंक, संदेश या कॉल पर बैंक विवरण, ओटीपी या निजी जानकारी साझा न करें।

धोखाधड़ी से बचें: KYC अपडेट, इनाम जीतने, नौकरी या लोन देने के नाम पर होने वाले फ्रॉड से हमेशा सतर्क रहें।

शिकायत तुरंत करें: सोशल मीडिया पर बनी फेक प्रोफाइल या किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

साइबर हेल्पलाइन: यदि आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं, तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या सरकारी पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएँ, ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।

महिला एवं बाल सुरक्षा पर विशेष ध्यान

अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) दिगम्बर कुशवाहा ने बताया कि नए कानूनों में महिला और बाल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इन कानूनों में ऐसे कई कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं जो महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने पर केंद्रित हैं।

क्षेत्राधिकारी (CO) सकलडीहा, स्नेहा तिवारी ने नए कानूनों के तहत जीरो एफआईआर (Zero FIR) और ई-एफआईआर (E-FIR) की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि 'जीरो एफआईआर' के तहत, पीड़ित किसी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उस थाना क्षेत्र में न हुआ हो, जिससे न्याय की प्रक्रिया तेज होती है।

इस महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक (सदर) अनन्त चन्द्रशेखर (IPS), पुलिस उपाधीक्षक अरुण कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस जनजागरूकता अभियान को सफल बनाने में सहयोग दिया।

यह कार्यक्रम इस बात को सुनिश्चित करता है कि पुलिस विभाग केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह युवाओं को कानूनी रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आधुनिक चुनौतियों के प्रति जागरूक करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

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