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Chitrakoot ओवरलोड ट्रक वसूली कांड में तीन थानाध्यक्ष समेत सात निलंबित
वसूली का वीडियो वायरल होने पर एसपी की सख्ती, भरतकूप, पहाड़ी, राजापुर थानों पर कार्रवाई
Chitrakoot News (Image from Social Media)
Chitrakoot News: ओवरलोड़ ट्रकों को बेधड़क निकालने के नाम पर हर थानो और चौकियों में की जाने वाली अवैध वसूली के मामले में पुलिस महकमे पर गाज गिरनी शुरु हो गई है। सोशल मीडिया में वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने प्रभारी निरीक्षक भरतकूप, थानाध्यक्ष पहाड़ी व राजापुर के एक सब इंस्पेक्टर व तीन सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
भरतकूप क्रशर मंडी से सर्वाधिक गिट्टी और डस्ट लादकर ट्रक निकलते है। इसके अलावा बांदा जिले की तरफ से भी केन नदी में संचालित खदानों से बालू लेकर ट्रक गुजरते है। इस तरह रोजाना औसतन करीब सात सौ ट्रक मुख्यालय कर्वी होकर राजापुर व मऊ के रास्ते प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, अयोध्या, लखनऊ आदि जनपदों में गिट्टी व बालू की सप्लाई करते है। बताते हैं कि रास्ते में पड़ने वाले हर थानों और चौकियों में इन ट्रकों से हर महीने इंट्री के नाम पर वसूली की जाती है। बुधवार को सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ। वायरल वीडियो में जिले के तीन थानों भरतकूप, पहाड़ी व राजापुर के कारखास के अलावा एक एसआई ट्रकों से अवैध वसूली (इंट्री) का पैसा लेते नजर आ रहे है। एसपी अरुण कुमार सिंह ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और सीओ सिटी अरविंद वर्मा व सीओ राजापुर राजकमल से जांच कराई। प्रथम दृष्ट्या मामला सही पाए जाने पर एसपी ने विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक भरतकूप मनोज कुमार, आरक्षी रणवीर सिंह, थानाध्यक्ष पहाड़ी अनुपमा तिवारी, आरक्षी शुभम द्विवेदी एवं थानाध्यक्ष राजापुर पंकज तिवारी, एसआई इमरान खां एवं आरक्षी अजय कुमार को निलंबित कर दिया है। एसपी ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच एएसपी सत्यपाल सिंह को सौंपी गई है। इन सभी पर विभागीय एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए है।
खनिज विभाग का एक इंस्पेक्टर बेधड़क कर रहा वसूली
जिले में ट्रकों से इंट्री के नाम पर अवैध वसूली करने में खनिज विभाग का एक इंस्पेक्टर भी काफी चर्चाओं में है। यह भी थाना और चौकियों की तरह ट्रकों से हर महीने इंट्री वसूल रहा है। खनिज विभाग की मेहरबानी से एक ही रवन्ने में स्थानीय स्तर पर कई चक्कर गिट्टी और बालू लेकर ट्रक निकल जाते है। जबकि दूसरे जनपदों को जाने वाले ट्रक इंट्री जमा करने के बाद ही निकल पाते है। ट्रक में कितनी सामग्री लदी है, इसकी कोई नापतौल नहीं होती। इंट्री अगर जमा है तो ट्रक में चाहे जितनी सामग्री लादी जाए, उसकी तरफ कोई आंख उठाकर देखने वाला नहीं है। महकमे में कई वर्ष से जमे एक जिम्मेदार की गाड़ी सिर्फ इसी मकसद से सड़कों में दौड़ती नजर आती है। जिन ट्रकों की इंट्री जमा नहीं होती, उनके ही चालान काटे जाते है और सीज की कार्रवाई होती है।
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