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Chitrakoot News : असमय बारिश से चित्रकूट में धान की फसल तबाह, किसानों ने मांगा राहत व मुआवजा
Chitrakoot News: बुंदेलखंड में हुई लगातार बारिश से धान की फसलें जलमग्न होकर सड़ गईं। किसानों ने सरकार से फसल मुआवजा और राहत पैकेज की मांग की।
Unseasonal Rain Destroys Paddy Crop in Chitrakoot ( Image From Social Media )
Chitrakoot News: बुंदेलखंड क्षेत्र में हुई असमय और लगातार बारिश ने किसानों की मेहनत पर कहर बरपाया है। खेतों में पकने को तैयार धान की फसलें जलमग्न होकर सड़ चुकी हैं, कई स्थानों पर धान की बालियों में अंकुर फूट आए हैं, जिससे पूरी फसल चौपट हो गई है।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एडवोकेट प्रखर पटेल और समाजसेवी मुकेश कुमार के नेतृत्व में बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिलाधिकारी चित्रकूट के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर किसानों के लिए तत्काल राहत और मुआवजा देने की मांग की है।
अपने पत्र में संगठन ने लिखा है कि “यह केवल फसलों का नुकसान नहीं, बल्कि किसानों के जीवन और भविष्य का प्रश्न है। जिस किसान की मेहनत पर प्रदेश की अन्न-व्यवस्था टिकी है, आज वही किसान असहाय खड़ा है।”बुंदेलखंड क्षेत्र पहले से ही सूखा, पलायन और आर्थिक पिछड़ेपन की मार झेल रहा है। ऐसे में यह प्राकृतिक आपदा किसानों के जीवन में विनाश बनकर आई है। खेतों में पानी भर जाने से न सिर्फ धान की फसल, बल्कि मसूर, चना और आलू जैसी आगामी रबी फसलों की तैयारी भी प्रभावित हो गई है। हजारों किसान अब बीज और खाद खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।
प्रखर पटेल और मुकेश कुमार ने मुख्यमंत्री से चार प्रमुख मांगें रखी हैं—
राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीमें तुरंत सर्वे करें।
प्रभावित किसानों को राहत राशि और उचित मुआवजा दिया जाए।
अगली फसल के लिए ब्याजमुक्त ऋण, बीज व खाद की सहायता दी जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जमीनी समीक्षा कर किसानों को उसका वास्तविक लाभ दिलाया जाए।उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं कई गांवों का दौरा किया, जहाँ धान की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। खेतों में पानी भरा है, जिससे पकी फसल अंकुरित हो गई है। किसानों के चेहरों पर निराशा और असहायता साफ झलक रही है।बुंदेलखंड का किसान हर बार विपरीत परिस्थितियों में भी उम्मीद का बीज बोता है, लेकिन इस बार मौसम ने उसकी मेहनत को तबाह कर दिया है। गांवों में अब यह सवाल गूंज रहा है कि आने वाले महीनों में परिवार का गुजारा कैसे होगा।बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस स्थिति को कृषि आपदा घोषित किया
जाए और प्रभावित जिलों के किसानों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की जाए।उन्होंने कहा कि “किसान प्रदेश की आत्मा हैं—उनकी पीड़ा ही प्रदेश की पीड़ा है। सरकार को इस त्रासदी को केवल प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि किसानों के अस्तित्व से जुड़ा संकट मानते हुए तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।”इस मौके पर अनुपम, भरत, कृष्णकांत, महेंद्र सिंह, सुभील, राहुल, सुनील, केशव द्विवेदी, अयूब अली, राजकुमार, चूड़ामणि, नवाब अली, रससदवा, बैजनाथ, सुनील भगत, अरविंद, राम अभिलाष, सुधीर, उज्जैन, कामता, महादेव, रामसागर, अतुल, विनीत, अलफ नारायण, महेश, रामलखन, छोटके, अभिलाष, गौरव, ज्ञानेंद्र, आशीष, मेहंदी हुसैन, अशोक उपाध्याय, इरसाद अली, संतोष सहित अनेक किसान मौजूद रहे।
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