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Chandauli News : मोथा तूफान से चंदौली में धान व तिलहन की फसलें बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान
Chandauli News : चक्रवाती तूफान मोथा की बारिश से चंदौली जिले में खड़ी धान और तिलहन फसलें डूब गईं। किसानों को भारी आर्थिक नुकसान, मुआवजे की मांग तेज।
Cyclone Motha Damages Paddy and Oilseed Crops in Chandauli ( Image From Social Media )
Chandauli News: चक्रवाती तूफान 'मोथा' के कारण चंदौली जिले में हुई भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिले को "धान का कटोरा" कहा जाता है, और इस साल अच्छी फसल की उम्मीद से किसान बेहद खुश थे, खासकर वनांचल के नौगढ़ क्षेत्र में। लेकिन, तूफान के साथ आई लगातार बरसात ने खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में पानी भर जाने और तेज हवाओं से फसलें गिर गई हैं, जिससे बालियों के सड़ने और उत्पादन कम होने का खतरा बढ़ गया है। इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
धान की फसल को बड़ा नुकसान
चंदौली में इस समय धान की जगह -जगह कटाई चल रही थी और बहुत से जगहों पर फसलें कटाई के लिए पूरी तरह तैयार थीं। ऐसे में मोंथा तूफान के चलते जोरों से बारिश हुई। तेज हवाओं के साथ हुई बरसात के कारण हजारों हेक्टेयर में खड़ी धान की फसलें खेतों में मिट्टी से चिपक गई हैं। पानी भर जाने से कई जगहों पर फसलें डूब गई हैं, जिससे उनमें सड़न पैदा होने की आशंका है। किसानों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई है और अब उन्हें उपज में भारी गिरावट का डर सता रहा है।
तिलहन फसलों को भी क्षति
धान के साथ-साथ, तूफान से तिलहन की फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। जिन किसानों ने तिलहन की खेती की थी, उनकी फसलें भीगने और खराब होने के कगार पर हैं, जिससे उनकी आय का एक और जरिया प्रभावित हुआ है।
रबी फसलों की बुआई हुई पिछड़ी
बारिश और जलभराव का असर अब रबी की बुआई पर भी पड़ रहा है। खेतों में पानी जमा होने के कारण किसान समय पर अगली फसल, जैसे गेहूं या सरसों, की बुआई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इस देरी से आने वाले सीजन की फसल का उत्पादन भी प्रभावित होने की संभावना है, जो किसानों के लिए दोहरी मार है।
मुआवजे की मांग तेज
बड़े नुकसान से हताश किसानों ने अब सरकार से मुआवजे की मांग उठाई है। उनका कहना है कि इस आपदा ने उनकी पूरी मेहनत और पूंजी पर पानी फेर दिया है। किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सर्वे कराकर उन्हें उचित मुआवजा देने की गुहार लगाई है, ताकि वे इस संकट से उबर सकें और अगली खेती की तैयारी कर पाएं। यह आपदा किसानों की आर्थिक स्थिति के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
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