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अखिलेश यादव पर भड़के डॉ निर्मल, बोले- दलित और पिछड़े वर्ग के नायकों का किया अपमान, सामंतवादी पार्टी बन चुकी है सपा
Lucknow News: लखनऊ में डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ बड़ा बयान दिया।
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Lucknow News: लखनऊ में सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य और अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने प्रेसवार्ता में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने न सिर्फ दलित महापुरुषों, बल्कि पिछड़े वर्ग के नायकों का भी बार-बार अपमान किया है। उन्होंने आगे सवाल उठाया कि आखिर क्यों सपा और उसके नेताओं को दलितों और पिछड़े वर्ग के महापुरुषों से इतनी चिढ़ है।
डॉ. निर्मल ने लगाए आरोप
लखनऊ के वीवीआईपी राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. निर्मल ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में कई जिलों और संस्थानों से महापुरुषों के नाम हटा दिए गए। उन्होंने कहा कि दलितों, वंचितों और महिलाओं के शिक्षा समर्थक रहे ज्योतिबा फूले के नाम से बना जिला अमरोहा, पिछड़ों के संरक्षक छत्रपति साहू जी महाराज के नाम से बना अमेठी जिला और केजीएमयू जैसी संस्थाओं से इनके नाम हटा देना महापुरुषों के योगदान का अपमान है। यही नहीं, आंबेडकर की पत्नी माता रमाबाई का नाम भी कानपुर देहात जिले से हटाया गया।
डॉ. निर्मल ने अखिलेश पर साधा निशान
एमएलसी लालजी प्रसाद निर्मल ने दावा किया कि कोई भी अन्य राजनीतिक दल आज तक डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान नहीं कर पाया, लेकिन सपा प्रमुख ने बार-बार ऐसा किया है। उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जिसमें डॉ. आंबेडकर के चित्र से चेहरा हटाकर अखिलेश यादव का चेहरा लगाया गया। उन्होंने कहा कि इस कृत्य के लिए किसी कार्यकर्ता को जिम्मेदार ठहराकर अखिलेश खुद को निर्दोष साबित नहीं कर सकते।
वहीं इस दौरान प्रेसवार्ता में डॉ. निर्मल ने कई तीखे सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अखिलेश यादव को जवाब देना होगा कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज कन्नौज, हरित उद्यान गोमती नगर, अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डा आलमबाग लखनऊ, तारामंडल रामपुर और संभल से आंबेडकर का नाम क्यों हटाया। इसके साथ ही उन्होंने आजम खां के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें गाजियाबाद हज हाउस के कार्यक्रम में डॉ. आंबेडकर को 'भूमाफिया' कहा गया और अखिलेश यादव ने इसका समर्थन किया।
दलित समाज कभी नहीं करेगा माफ
इस दौरान डॉ निर्मल ने सपा द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण बिल फाड़े जाने, ठेकेदारी और सरकारी जमीन आवंटन में दलितों की प्राथमिकता समाप्त करने जैसे निर्णयों पर भी सवाल उठाए। डॉ. निर्मल ने कहा कि डॉ. आंबेडकर और आरक्षण, दलितों के लिए जीवनरेखा हैं और इन्हें कमजोर करने का प्रयास दलित समाज कभी माफ नहीं करेगा। डॉ. निर्मल ने सख्त लहजे में कहा कि सपा अब समाजवादी नहीं, बल्कि सामंतीपार्टी बन चुकी है, जिसने दलितों और पिछड़ों के अधिकारों का बार-बार हनन किया है।
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