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Etawah News: 78 साल बाद भी इटावा के गांव में नहीं पहुंची पक्की सड़क, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
Etawah News: ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में रास्ते की हालत दलदली हो जाती है, जिससे न सिर्फ बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, बल्कि बीमारों को अस्पताल ले जाना भी चुनौती बन जाता है।
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Etawah News: देश को आज़ाद हुए 78 साल बीत चुके हैं, लेकिन इटावा जनपद के कई गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। चकरनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बिड़ौरी और पिपरौली गढ़िया के मजरा काले पाथर और कोला के लगभग 80 परिवार अब तक पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी वे कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं, और सरकार की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं।
ग्रामीणों ने दी जानकारी
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में रास्ते की हालत दलदली हो जाती है, जिससे न सिर्फ बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, बल्कि बीमारों को अस्पताल ले जाना भी चुनौती बन जाता है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि कई बार गांव के युवाओं की शादियां भी टूट जाती हैं क्योंकि बारात गांव तक नहीं पहुंच पाती। बेटियों की शादी अक्सर गांव के बाहर गेस्टहाउस में करनी पड़ती है।
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से कच्ची सड़क को खोद कर खेत में मिला दिया, जिससे गांव के करीब 80 परिवारों का संपर्क पूरी तरह कट गया। इसको लेकर गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सड़क निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए और प्रशासन से शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की योजनाओं का लाभ अब तक उनके गांव तक नहीं पहुंच पाया है। आवास योजना, सड़क योजना और मूलभूत विकास के नाम पर केवल वादे हुए, जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ।
एसडीएम बोले मामले को गंभीरता से लिया जाएगा
इस संबंध में चकरनगर एसडीएम ब्रह्मानंद कठेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कुछ लोगों द्वारा रास्ते पर कब्जा करने की शिकायत की गई है। उन्होंने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच के लिए एक टीम गठित कर दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रास्ते को जल्द ही जनता के लिए खुलवाया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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