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Gonda News: मनमानी संपत्ति कर और स्वकर प्रणाली के विरोध में सभासदों का प्रदर्शन, तहसील में सौंपा ज्ञापन
Gonda News: नाराज़ सभासदों ने नगर पालिका कार्यालय से मुख्य मार्गों पर जुलूस निकालकर जमकर नारेबाजी की और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मासिक स्वकर प्रणाली और संपत्ति कर में मनमानी वृद्धि को वापस लेने की मांग की गई है।
मनमानी संपत्ति कर और स्वकर प्रणाली के विरोध में सभासदों का प्रदर्शन (photo: social media )
Gonda News: गोंडा जिले के कर्नलगंज नगर पालिका परिषद में प्रस्तावित संपत्ति कर निर्धारण और मासिक स्वकर प्रणाली लागू करने के विरोध में शुक्रवार को सभासदों और नागरिकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नाराज़ सभासदों ने नगर पालिका कार्यालय से मुख्य मार्गों पर जुलूस निकालकर जमकर नारेबाजी की और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मासिक स्वकर प्रणाली और संपत्ति कर में मनमानी वृद्धि को वापस लेने की मांग की गई है।
सभासदों का नेतृत्व कर रहीं महताब बानो (वार्ड नं. 19), अंसारी खातून (वार्ड नं. 3), कन्हैयालाल वर्मा, रुकैया, गुफरान अंसारी, गीता देवी, रवि कुमार (वार्ड नं. 2), मुख्तार अब्बासी (वार्ड नं. 13), सिराज, पवन कुमार (वार्ड नं. 7), सरोज (वार्ड नं. 8), सुमन (वार्ड नं. 15), सुमन गुप्ता (वार्ड नं. 18), रुकसाना, अंकुर मौर्य (वार्ड नं. 11), मोहम्मद साबिर, चिश्ती रजा, मोहम्मद जमील, सचिन कुमार (वार्ड नं. 12), अजय कुमार सहित अन्य सभासदों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
सभासदों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2024 को जारी पत्रांक 1375/9-2024-85/05टी०सी०-1 के तहत लागू की गई स्वकर प्रणाली और संपत्ति कर निर्धारण से जनता पर अनुचित बोझ पड़ रहा है। ज्ञापन में सभासदों ने कहा कि इस राजाज्ञा को लागू करने से पहले स्थानीय निकाय से कोई राय नहीं ली गई, जो कि एक स्वशासी संस्था है। उन्होंने तर्क दिया कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, किसी भी जनहित नीति को लागू करने से पहले बोर्ड बैठक में अनुमोदन आवश्यक है, जो इस मामले में नहीं किया गया। सभासदों ने इस कदम को जनता के हितों के खिलाफ और अन्यायपूर्ण बताया।
सरकार संविदा कर्मचारियों को 10,000 रुपये मासिक मानदेय दे रही
सभासदों ने यह भी तर्क दिया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के लाभार्थियों पर यह कर बोझ डालना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार संविदा कर्मचारियों को 10,000 रुपये मासिक मानदेय दे रही है, जो उनके पारिवारिक पोषण के लिए भी अपर्याप्त है। ऐसे में उन पर अतिरिक्त कर का बोझ डालना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार ने अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई, जिससे स्थानीय नागरिकों को भू-स्वामित्व का अधिकार मिल सके या उनके भवन निर्माण का प्रकार निश्चित हो।
सभासदों ने इस नीति को अमानवीय और अन्यायपूर्ण करार देते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। जुलूस नगर पालिका कार्यालय से शुरू होकर कर्नलगंज के मुख्य मार्गों से होता हुआ तहसील पहुंचा, जहाँ सभासदों ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान "मनमानी कर वृद्धि वापस लो" और "जनता पर अत्याचार बंद करो" जैसे नारे गूंजे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा। यह विरोध प्रदर्शन कर्नलगंज में बढ़ते असंतोष को दर्शाता है, जहाँ नागरिक और सभासद मिलकर सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बता रहे हैं। सभासदों ने मांग की है कि सरकार नैसर्गिक न्याय और जनहित को ध्यान में रखते हुए इस राजाज्ञा को तुरंत वापस ले।
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