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Gorakhpur News: गोरखपुर चिड़ियाघर में बजट खपाते रहे जिम्मेदार, डेढ़ महीने में बाघिन समेत पांच वन्यजीवों की मौत के बाद गिन रहे खामियां
Gorakhpur News: चिड़ियाघर में कौवे का एंट्री सभी बाड़ों में है। ऐसे में ज्यादातर वन्यजीव संक्रमण की जद में आ गए हैं। 22 मई को बाघिन मैलानी में संक्रमण की पुष्टि हुई।
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Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिला है गोरखपुर। कोई भी फाइल यहां से शासन को जाती है तो तत्काल मंजूर हो जाती है। गोरखपुर के चिड़ियाघर में करोड़ों खर्च हो गए लेकिन जिम्मेदारों को वन्यजीवों की सुरक्षा की फिक्र नहीं दिखी। दिल्ली से लेकर प्रदेश की टीमों ने निरीक्षण में खामियों को पकड़ा है। डेढ़ महीने में बाघिन शक्ति समेत पांच वन्यजीवों की मौत के बाद चिड़ियाघर प्रशासन सुरक्षा के इंतजाम कर रहा है।
चिड़ियाघर में डेढ़ माह के अंदर बर्ड फ्लू के चलते पांच वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत सबसे पहले हुई थी। पांच मई को मादा भेड़िया भैरवी, सात को बाघिन शक्ति और आठ मई को तेंदुआ मोना की मौत हुई थी। बाघिन शक्ति की मौत की वजह बर्ड फ्लू सामने आई है। यहां से कानपुर भेजे गए शेर पटौदी ने भी वहां दम तोड़ दिया। बीते 22 मई को आठ वन्य जीवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने से कुछ घंटे पहले विदेशी पक्षी काकाटेल की भी मौत हो गई। सुबह आई जांच रिपोर्ट में तीन कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई जबकि शाम को काकाटेल के अलावा बाघिन मैलानी, हिमालय गिद्ध और तेंदुआ के दो शावकों के नमूने पॉजिटिव मिले हैं। कौए चिड़ियाघर परिसर में मृत मिले थे। यह जांच भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) में हुई है। रिपोर्ट जारी होने के बाद से हड़कंप मचा है।
बाघिन और हिमालयन गिद्ध की स्थिति चिंताजनक
चिड़ियाघर के उपनिदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार को दो चरणों में भोपाल से सैम्पल की रिपोर्ट मिली है।पहले चरण में चार मृत मिले कौओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। उनमें से तीन में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। दोपहर में विदेशी पक्षी काकाटेल पक्षी की मौत हो गई। देर शाम को दूसरे चरण की रिपोर्ट में मृत काकाटेल का नमूना पॉजिटव मिला। इसके अलावा बाघिन, तेंदुआ के दो शावक और दुर्लभ प्रजाति का हिमालयन गिद्ध भी संक्रमित मिला है। इनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। बाघिन और हिमालयन गिद्ध की हालत कुछ चिंताजनक है।
कौवे लेकर आए बर्डफ्लू?
चिड़ियाघर में कौवे का एंट्री सभी बाड़ों में है। ऐसे में ज्यादातर वन्यजीव संक्रमण की जद में आ गए हैं। 22 मई को बाघिन मैलानी में संक्रमण की पुष्टि हुई। वह बीमार है। उधर, हिमालयन गिद्ध का जोड़ा भी बीमार नजर आ रहा हैं। इन्हें गिद्धों को सबसे संवेदनशील वन्यजीव माना जाता है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीवों में बर्ड फ्लू की तस्दीक होने के बाद उनके खुराक में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली दवाएं शामिल कर दी गई है। दरअसल बर्ड फ्लू का कोई सटीक इलाज नहीं है। उसे रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए ही हराया जा सकता है।
बाड़ों को ढका जा रहा
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव की अगुआई में चिड़ियाघर के प्रशासनिक अधिकारियों की आपात के बाद वन्यजीवों के बाड़ों को ढक दिया जाए। जिससे कि कौवे वहां तक पहुंच न सकें। रामगढ़ताल से सटे 121 एकड़ में फैले चिड़ियाघर में शेर, बाघ, तेंदुआ के बाड़े खुले में है। इसके अलावा हिरण, बारहसिंघा, चीतल के भी बाड़े हैं। इन बाड़ों को ढकने आवश्यक जाल एवं चद्दर का इंतजाम किया जा रहा है।
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