Gorakhpur News: MMMUT कैंपस में इंजीनियर के साथ तैयार होंगे डॉक्टर, इतने सीटों पर होगा प्रवेश

Gorakhpur News: विश्वविद्यालय में एमबीबीएस समेत मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए अलग संकाय खोले जाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है।

Purnima Srivastava
Published on: 21 May 2025 7:58 AM IST
Gorakhpur News: MMMUT कैंपस में इंजीनियर के साथ तैयार होंगे डॉक्टर, इतने सीटों पर होगा प्रवेश
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Gorakhpur News

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी कैंपस में इंजीनियरों के साथ डॉक्टर भी तैयार होंगे। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। एमसीआई के मानक के अनुरूप व्यवस्था के लिए सरकारी अस्पताल को जोड़ा जाएगा। चिकित्सा विभाग को लेकर पिछले 2 मई को सीएम ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

विश्वविद्यालय में एमबीबीएस समेत मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए अलग संकाय खोले जाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसे मूर्त रूप देने के लिए समिति गठित की गई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना में शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालय की योजना पहले एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने की है। उसके बाद भविष्य में बीडीएस, बीबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, बीएससी नर्सिंग, बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, एमडी, एमएस, एमडीएस समेत विभिन्न डिप्लोमा- सर्टिफिकेट कोर्स जैसे साइकोलॉजिकल मेडिसिन, पब्लिक हेल्थ, ऑर्थोपेडिक्स, इंडस्ट्रियल हाइजीन, डायबिटोलॉजी, चाइल्ड हेल्थ, एनेस्थीसिया, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, मेडिकल रेडियोलॉजी, ऑप्थॉलमोलॉजी, क्लिनिकल पैथोलॉजी, ऑब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, डर्मेटोलॉजी आदि चलाए जाने की योजना है। चिकित्सा शिक्षा को लेकर वार्षिक फीस अभी निर्धारित नहीं है। एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए एक अस्पताल होना भी जरूरी है। विश्वविद्यालय की योजना है कि किसी सरकारी अस्पताल के साथ मिलकर यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाए।योजना को मूर्त रूप देने के लिए विश्वविद्यालय ने अधिष्ठाता छात्र मामले प्रो वीके गिरि को समन्वयक नियुक्त किया है। प्रो गिरि चिकित्सा संकाय शुरू करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करेंगे। प्रस्ताव को विवि के संविधिक निकायों की सहमति के लिए आगामी बैठकों मे प्रस्तुत किया जाएगा।

एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए होगा आवेदन

आरंभिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की मान्यता के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। नेशनल मेडिकल कमीशन की सहमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम आरंभ होगा। शुरू में एमबीबीएस की 100 सीटों की मान्यता के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।

एनईपी में है बहु विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान

राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 अंतरानुशासनिक व बहु विषयक शिक्षा को प्रोत्साहित करता है। यह पारंपरिक सीमाओं को तोड़कर शिक्षा को अधिक समावेशी और प्रासंगिक बनाने का प्रयास करता है। दुनिया के लगभग सभी प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे हार्वर्ड विश्वविद्यालय, जॉन हॉपकिंस विवि, येल विवि, इंपीरियल कॉलेज लन्दन, किंग्स कॉलेज लन्दन आदि में इंजीनियरिंग के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा के लगभग सभी पाठ्यक्रम संचालित हैं। एमएमएमयूटी में वर्तमान में चिकित्सा क्षेत्र से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान चल रहा है। इनमें ईसीजी रिकॉर्डिंग का डिजाइन और विकास, एचआरवी विश्लेषण, टेलीमेडिसिन, डेटा संपीड़न, व्याख्या और रोग निदान, मायोइलेक्ट्रिक हाथ, मानव शरीर क्रिया विज्ञान पर योग का प्रभाव, बायोमेडिकल उपकरण, मस्तिष्क कंप्यूटर इंटरफेस, न्यूरो रोगों के लिए सिग्नल प्रोसेसिंग, ग्रामीण महिलाओं की स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के लिए चैट बॉट शामिल हैं।

एआई ने इंजीनियर और डॉक्टरों को करीब लाया

कुलपति प्रो.जेपी सैनी का कहना है कि वर्तमान में, इंजीनियरों को किसी समस्या के बारे में सोचने का तरीका डॉक्टरों के दवा के बारे में सोचने के तरीके से बहुत अलग है। बिग डेटा, व्यक्तिगत चिकित्सा और एआई के युग में इंजीनियरिंग का महत्व, विशेष रूप से चिकित्सा में बढ़ रहा है। कार्डियोवैस्कुलर बायोइंजीनियरिंग के क्षेत्र में इंजीनियरों ने रक्त प्रवाह के रोगी-विशिष्ट कंप्यूटर मॉडल बनाए हैं, जो डॉक्टरों को हृदय रोग का निदान और उपचार करने में मदद करते हैं। ये अभूतपूर्व आविष्कार केवल शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और इंजीनियरों की बहु-विषयक टीमों के योगदान से ही संभव है।

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