Hapur News:बस कंडेक्टर को आयकर विभाग ने भेजा सात करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन का नोटिस

Hapur News: हापुड़ के पिलखुवा निवासी बस कंडक्टर सुभाष को आयकर विभाग ने 7 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध जीएसटी लेन-देन पर नोटिस भेजा है। मामला 2020-21 का है और धौलाना के एक निजी अस्पताल से जुड़े लेन-देन में सुभाष का नाम सामने आया। सुभाष ने दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका जताई है और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

Avnish Pal
Published on: 13 Jun 2025 10:47 PM IST
Hapur News:बस कंडेक्टर को आयकर विभाग ने भेजा सात करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन का नोटिस
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Hapur News: थाना पिलखुवा के मोहल्ला राणा पट्टी में रहने वाले बस कंडेक्टर सुभाष को आयकर विभाग ने सात करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध आय के मामले में नोटिस भेजा है। सुभाष प्राइवेट बस पर कंडेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और लगभग 40 गज के मकान में रहता हैं। उसे यह नोटिस वर्ष 2020-21 के लिए धौलाना स्थित एक निजी अस्पताल से जुड़े जीएसटी ट्रांजेक्शन के आधार पर जारी किया गया है। इस घटना ने न केवल सुभाष के परिवार, बल्कि पूरे आसपास के लोगों को हैरानी में डाल दिया है।

यह पूरा प्रकरण

जानकारी के अनुसार आयकर विभाग को धौलाना के एक निजी अस्पताल से जीएसटी से संबंधित दो बड़े लेन-देन की जानकारी मिली। इन लेन-देन में सुभाष का नाम सामने आया है। विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, जीएसटीआर-एक में करीब 3.27 करोड़ और जीएसटीआर-तीन बी में 3.75 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन सुभाष के नाम पर दर्ज हैं। इन ट्रांजेक्शन की कुल राशि सात करोड़ रुपये से अधिक है। आयकर अधिकारी जितेन्द्र सिंह ने नौ फरवरी 2024 को सुभाष को नोटिस जारी कर 19 फरवरी 2024 तक जवाब मांगा था। जिसमें यह स्पष्ट करने को कहा गया कि इन ट्रांजेक्शन का उनसे क्या संबंध है।

क्या बोला पीड़ित ने

सुभाष ने इस नोटिस को प्राप्त करने के बाद शुक्रवार को हापुड़ के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और पूरे मामले की शिकायत दर्ज की। उन्होंने अधिकारियों से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, ताकि इस मामले के असली दोषियों का पता लगाया जा सके। सुभाष का कहना है कि वह एक सामान्य व्यक्ति हैं और उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह इतने बड़े लेन-देन में शामिल हो सकें। उन्होंने संदेह जताया कि उनके दस्तावेजों, जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड का किसी ने दुरुपयोग किया होगा।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

मोहल्ला राणा पट्टी महादेव के लोगों के बीच इस घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुभाष एक सीधे-साधे और मेहनती व्यक्ति है। जिनकी आर्थिक स्थिति सामान्य है। उनके लिए करोड़ों रुपये के लेन-देन की बात अविश्वसनीय लगती है। कई लोगों का मानना है कि यह मामला पहचान की चोरी (आइडेंटिटी थेफ्ट) या दस्तावेजों के दुरुपयोग का हो सकता है। कुछ निवासियों ने आशंका जताई कि सुभाष का नाम किसी बड़े वित्तीय घोटाले में गलत तरीके से शामिल किया गया हो।

आयकर विभाग की कार्रवाई और संभावित परिणाम

आयकर विभाग ने सुभाष से पूछा है कि वह लेन-देन का स्रोत और संबंध स्पष्ट करें। यदि सुभाष यह साबित नहीं कर पाए कि यह ट्रांजेक्शन उनसे संबंधित नहीं हैं, तो विभाग इस राशि को उनकी अघोषित आय मान सकता है। ऐसी स्थिति में सुभाष को भारी कर, जुर्माना, और संभवत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम के तहत अघोषित आय पर 30 प्रतिशत से अधिक कर और 60 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जो इस मामले में करोड़ों रुपये की राशि हो सकती है।

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले हाल के वर्षों में बढ़े हैं। जहां सामान्य नागरिकों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी कंपनियों के नाम पर बड़े लेन-देन किए जाते हैं। जीएसटी और आयकर विभाग अब डेटा एनालिटिक्स और क्रास -वेरिफिकेशन के जरिए ऐसे मामलों का पता लगा रहे हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सुभाष को अपने दस्तावेज जैसे पैन, आधार, बैंक खाते की जांच करानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका कोई दुरुपयोग तो नहीं हुआ। साथ ही उन्हें एक अधिवक्ता या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से आयकर विभाग को ठोस सबूतों के साथ जवाब देना चाहिए।

पीड़ित के सामने बड़ी चुनौती

सुभाष के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह साबित करना है कि उनके नाम पर दर्ज यह लेन-देन फर्जी हैं। इसके लिए उन्हें अपने बैंक खातों, आय के स्रोत, और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की पूरी जानकारी विभाग को उपलब्ध करानी होगी। साथ ही यदि दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ है, तो उन्हें पुलिस में साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करानी होगी। स्थानीय पुलिस ने सुभाष की शिकायत पर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।

क्या बोले जिम्मेदार?

एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि,मामले की शिकायत मिली है संबंधित विभाग के अधिकारियों को प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए हैं किसी भी हाल में पीड़ित के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

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Shivam Srivastava

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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