Hardoi News: दरगाहों से मिलता है मानवता का संदेश,हज़रत सय्यद मोहम्मद अहमद चिश्ती रह का सालाना उर्स अकीदत के साथ सम्पन्न

Hardoi News: उर्स की शुरुआत सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन सागरी चिश्ती ने दरगाह शरीफ के क़दीमी तबर्रुकात की ज़ियारत कराई इसके के बाद चादरपोशी गुलपोशी की रस्म अदा की गई।

Pulkit Sharma
Published on: 3 Jun 2025 11:44 AM IST
Hardoi News: दरगाहों से मिलता है मानवता का संदेश,हज़रत सय्यद मोहम्मद अहमद चिश्ती रह का सालाना उर्स अकीदत के साथ सम्पन्न
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Hardoi News: सिलसिला-ए-चिश्तिया के महान सूफी बुजुर्ग हज़रत शाह सय्यद मोहम्मद अहमद फातमी चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स मुबारक सण्डीला नगर के मोहल्ला मंगल बाजार स्थित दरगाह हज़रत सागर मियां रह. में तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में अकीदत के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रेदेश के कई शहरों से आए अकीदतमंदों ने मज़ार पर चादर चढा कर दुआएं की और औलिया-ए-किराम की शिक्षा पर चलने का संकल्प लिया।

उर्स की शुरुआत सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन सागरी चिश्ती ने दरगाह शरीफ के क़दीमी तबर्रुकात की ज़ियारत कराई इसके के बाद चादरपोशी गुलपोशी की रस्म अदा की गई, जिसमें सैकड़ों जायरीन और मेहमानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान पूरे वातावरण में आध्यात्मिक सुकून और प्रेम का संदेश गूंजता रहा।उर्स में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए ख़ानकाह-ए-नसीरया, बिलग्राम के सज्जादा नशीन सय्यद अफसर मियां नसीरी ने अपने संबोधन में कहा दरगाहों से हमेशा मानवता का भाईचारे का संदेश मिलता हैं। औलिया-ए-किराम ने हर दौर में अमन और मानवता हमदर्दी की राह दिखाई है। इनकी खानकाहों/दरगाहों में आने वाला इंसान खुद को आत्मिक रूप से मजबूत और सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार महसूस करता है उन्होंने कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए सूफी संतों की शिक्षाओं को अपनाना आवश्यक है।

सूफी संतों ने अपने जीवन से बुराइयों का खात्मा कर इंसान को अच्छाई की राह पर चलना सिखाया

दरगाह के सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन सागरी चिश्ती ने कहा "उर्स औलिया-ए-किराम की याद को ताज़ा करने और उनकी तालीमात को आम करने का ज़रिया है। इन बुज़ुर्गों की दरगाहों से आज भी मोहब्बत, अदब और इंसानियत की खुशबू फैल रही है। जो लोग यहां आते हैं, वे दिली सुकून और आत्मिक शक्ति लेकर लौटते हैं।दरगाह साबरी आगरा के सज्जादा नशीन हाजी कासिम मियां ने कहा कि सूफी संतों ने अपने जीवन से बुराइयों का खात्मा कर इंसान को अच्छाई की राह पर चलना सिखाया। उन्होंने समाज में नफरत को खत्म कर मोहब्बत के चिराग जलाए, जो आज भी लोगों को रौशन कर रहे हैं।

तीन दीवसीय उर्स के दौरान आयोजित महफिल-ए-समां में राजू मुरली के सूफियाना कलाम ने उपस्थित जनसमूह को भाव-विभोर कर दिया। चादरपोशी की रस्म में सभी वर्गों के लोगों ने भाग लेकर गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की। दरगाह परिसर में विशाल लंगर का आयोजन भी किया गया.पहले दिन ईद मीलादुन्नबी के मौके पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में मौलाना मेहंदी हसन और फरीद उद्दीन अहमद ने पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत और शिक्षाओं पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि नबी-ए-करीम की तालीमात आज भी पूरी इंसानियत के लिए रहनुमाई हैं।इस अवसर पर उत्तर प्रदेश हज कमेटी के सदस्य वली मोहम्मद, नगर पालिका अध्यक्ष मोहम्मद रईस अंसारी, पूर्व पालिका अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री, युवा भाजपा नेता नौशाद नदवी,शहर काज़ी सय्यद आरिफ अब्दुल्लाह,सूफ़ी नूरुल हक़ सफवी सूफी शफ़ी अहमद साबरी, मुन्ना साबरी, सूफी इस्हाक़ अली बाबा खान समेत बड़ी संख्या में जायरीन शामिल रहे।

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