Hardoi News: रेल विकास से वंचित हरदोई, दोहरीकरण व नई रेल लाइन की मांग अब भी अधूरी

Hardoi News: हरदोई में रेल दोहरीकरण और नई लाइन की मांग अब तक अधूरी, बालामऊ जंक्शन से कई रूट सिंगल ट्रैक पर संचालित

Pulkit Sharma
Published on: 24 Oct 2025 5:00 PM IST
Hardoi News: रेल विकास से वंचित हरदोई, दोहरीकरण व नई रेल लाइन की मांग अब भी अधूरी
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Hardoi News: देशभर में यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों के सुचारु संचालन के लिए भारतीय रेल जहां तेज़ी से ट्रैकों के दोहरीकरण का कार्य करा रही है, वहीं हरदोई जनपद अब भी उपेक्षा का शिकार दिखाई देता है। जिन रूटों पर दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है या जारी है, वहां यात्रियों को राहत भी मिल रही है, लेकिन हरदोई और इसके आसपास के महत्वपूर्ण स्टेशन पर्याप्त ध्यान के अभाव में विकास से कोसों दूर नजर आते हैं।हरदोई में लंबे समय से रेल ढांचे में सुधार की मांग उठती रही है, मगर न तो रेल अधिकारियों ने इस दिशा में ठोस पहल की और न ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधिों ने आवश्यक सक्रियता दिखाई। लोकसभा चुनाव के दौरान हरदोई सदर सीट से सांसद जयप्रकाश रावत ने संडीला–हरदोई रेल लाइन को प्राथमिकता देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद यह मुद्दा सिर्फ कागजों में दबकर रह गया। जमीनी स्तर पर अब तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है।

दोहरीकरण के इंतजार में रेल यात्री

हरदोई जनपद के महत्वपूर्ण बालामऊ जंक्शन से सीतापुर, मिश्रिख और कानपुर/उन्नाव दिशा की ब्रांच लाइनें वर्षों से सिंगल ट्रैक पर ही चल रही हैं। इस मार्ग पर पैसेंजर से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित होती हैं, जिसके चलते अक्सर ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। यदि इन रूटों का दोहरीकरण हो जाए तो यात्रियों को न केवल समय पर ट्रेन मिलने की सुविधा होगी, बल्कि अधिक ट्रेनों के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। रेल प्रशासन की उदासीनता के कारण इस क्षेत्र की अपेक्षाएं अब तक अधूरी बनी हुई हैं।रेलवे के दोहरीकरण से जहां आम यात्रियों को सीधे लाभ मिलेगा वहीं रेलवे राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। बालामऊ से कानपुर होते हुए उन्नाव और सीतापुर जनपद तक रेल आवागमन का महत्व किसी से छिपा नहीं है। रोजाना हजारों यात्री इस रूट का उपयोग करते हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता रेलवे के विकास के दावों की पोल खोलती नजर आती है।

मिश्रिख रेल लाइन बिछे तो श्रद्धालुओं को मिल जाए लाभ

सवायजपुर विधानसभा के विधायक माघवेंद्र प्रताप सिंह ने फर्रुखाबाद–हरदोई–मिश्रिख रेल लाइन के निर्माण की मांग उठाई थी। इस परियोजना के लिए करीब 56 लाख रुपये का सर्वे बजट भी स्वीकृत हुआ था, मगर आज तक इस सर्वे की रिपोर्ट का न तो कोई उल्लेख मिला और न ही जमीन पर इसकी शुरुआत का कोई संकेत दिखा। विधायक द्वारा कई बार इस मुद्दे पर अधिकारियों से वार्ता की गई, लेकिन उनके पास भी स्पष्ट जवाब नहीं है।मिश्रिख स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरदोई से यात्रा करते हैं, लेकिन रेल संपर्क के अभाव में उन्हें निजी या रोडवेज बसों का सहारा लेना पड़ता है। यदि हरदोई से मिश्रिख तक रेल लाइन बिछाई जाती है तो श्रद्धालुओं की यात्रा आसान होगी और रेलवे को भी अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो सकेगी।

मध्य प्रदेश, गुजरात, बंगाल समेत कई राज्यों से श्रद्धालु हरदोई पहुंचते हैं, लेकिन अंतिम पड़ाव तक ट्रेन न होने के कारण यात्रा का अनुभव कठिन बन जाता है।कुल मिलाकर हरदोई क्षेत्र में रेल सुविधाओं के विस्तार को लेकर स्थिति जस की तस है। दोहरीकरण और नई रेल लाइन की योजनाओं पर विचार तो हो रहा है, लेकिन क्रियान्वयन की गति बेहद धीमी है। जनपद के लोग अब भी इंतजार कर रहे हैं कि आखिर कब रेल मंत्रालय इस दिशा में गंभीरता दिखाएगा और हरदोई की रेल व्यवस्था को वास्तव में विकास की पटरी पर लाया जाएगा।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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