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Jalaun News: हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है जालौन में मनाया जाने वाला उर्स, 84 वर्षों से होता रहा है आयोजन
Jalaun News: उरई में हजरत बेरी वाले बाबा का उर्स 84 वर्षों से मनाया जाता रहा है। हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक बेरी वाले बाबा का 85वां उर्स भी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। जिसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है जालौन में मनाया जाने वाला उर्स, 84 वर्षों से होता रहा है आयोजन (Photo- Social Media)
Jalaun News: जालौन में मनाया जाने वाला उर्स कौमी एकता का प्रतीक है। जिसे हिन्दू मुस्लिम एकता के रूप में भी देखा जाता है। पिछले 84 वर्षों से मनाए जाने वाले हजरत बेरी वाले बाबा के उर्स की इस वर्ष भी तैयारियां तेज हो गईं हैं। उर्स कमेटी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उर्स को लेकर जानाकारी दी। कमेटी पदाधिकारियों ने बताया की उर्स में देश के जाने माने कव्वाल भी शामिल होंगे। जिनकी जबाबी कब्बाली आकर्षण का केंद्र होती है।
हिन्दू मुस्लिम एकता का उर्स 84 वर्षों से मनाया जाता रहा है
कमेटी के अध्यक्ष अनुभव चतुर्वेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जालौन के जिला मुख्यालय उरई में हजरत बेरी वाले बाबा का उर्स 84 वर्षों से मनाया जाता रहा है। हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक बेरी वाले बाबा का 85वां उर्स भी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। जिसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे।
उर्स में हर समुदाय के लोग शामिल होते हैं
आगामी 1 व 2 जून को स्टेशन रोड स्थित बाबा की मजार पर उर्स की तैयारियां की जा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि उर्स में देश के नामी कब्बाल भी शामिल होंगे। जिनमें कोल्हापुर की छोटी तमन्ना, मुम्बई के अनीस नबाब, सहारनपुर के उमरदराज चिश्ती, फैजान रजा अजमेरी समेत तमाम कब्बाल शामिल हैं। जिनकी जबाबी कब्बाली आकर्षण का केंद्र होती है। उन्होंने बताया कि उर्स में जिले भर के हर समुदाय के लोग शामिल होते हैं। जिस कारण उर्स को कौमी एकता और हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी कहा जाता है।
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