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कानपुर ब्लास्ट में पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन,6 आरोपियों पर कसा शिकंजा,पुलिस कमिश्नर ने किया बड़ा खुलासा
Kanpur blast update: कानपुर में मेस्टन रोड पर हुए धमाके से मचा हड़कंप! पुलिस कमिश्नर ने खुलासा किया कि विस्फोट अवैध पटाखों के स्टॉक से हुआ था। अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है और कई पर कार्रवाई की तैयारी है।
Kanpur blast update: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बुधवार को मेस्टन रोड इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सड़क किनारे खड़ी दो स्कूटी में अचानक भीषण धमाका हुआ। इस चौंकाने वाली घटना में आठ से अधिक लोग घायल हो गए, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ-साथ यूपी एटीएस (ATS) भी मौके पर पहुँची और जाँच शुरू कर दी गई।
शुरुआती जाँच और पुलिस कमिश्नर के बयान से पता चला है कि यह धमाका किसी बड़े बम या आतंकी हमले का नतीजा नहीं था, बल्कि अवैध रूप से रखे गए पटाखों के कारण हुआ था। हालाँकि, इस घटना ने पुलिस और प्रशासन पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, खास तौर पर अवैध गतिविधियों पर संरक्षण देने के आरोपों को लेकर।
अवैध पटाखों से धमाका, साज़िश की अफ़वाह
कानपुर के पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने इस घटना के बाद जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआती जाँच के बाद यह खुलासा हुआ है कि धमाका अवैध पटाखों के भारी स्टॉक के कारण हुआ, न कि किसी बड़े बम के कारण। उन्होंने स्वीकार किया कि घटना के तुरंत बाद लोगों में अफ़वाह फैली थी कि कई लोग मारे गए हैं, जिसकी वजह से अस्पताल में भी हंगामा हुआ, जिसे शांत करना पड़ा। कमिश्नर ने सख्त लहजे में कहा कि कुछ लोगों ने मामले को डाइवर्ट करने की भी कोशिश की थी, यह कहकर कि किसी ने बड़ा बम फेंका है। लेकिन पुलिस ने अब तक की जाँच के आधार पर स्पष्ट कर दिया है कि यह पटाखों की अवैध स्टॉकिंग का परिणाम था।
पुलिस संरक्षण में हुई अवैध स्टॉकिंग?
इस मामले का सबसे गंभीर और चौंकाने वाला पहलू यह है कि पुलिस कमिश्नर ने खुद सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि अवैध स्टॉकिंग किसी के संरक्षण में की गई थी। कमिश्नर रघुवीर लाल ने सख्त लहजे में कहा कि अब उन सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो इसमें शामिल हैं। इसमें न केवल वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने अवैध पटाखे रखे थे, बल्कि वे पुलिस अधिकारी भी कार्रवाई के दायरे में होंगे जो इस अवैध गतिविधि को प्रोटेक्ट करते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से भी कानपुर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए पुलिस कमिश्नर को फोन आया था, जिससे पता चलता है कि यह मामला शीर्ष स्तर तक पहुँच चुका है। यह स्वीकारोक्ति अपने आप में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत के आरोपों को बल देती है।
सर्च ऑपरेशन, गिरफ्तारी और घायलों का हाल
घटना की गंभीरता को देखते हुए अब यूपी एटीएस और कानपुर पुलिस के समन्वय से मौके पर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य इलाके से हर तरह के अवैध विस्फोटक या पटाखे के स्टॉक को जब्त करना है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस मामले में अभी तक 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे सघन पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कि पूछताछ के बाद और भी लोगों को पूछताछ के लिए लाया जाएगा और इस अवैध नेटवर्क का पर्दाफाश होगा। धमाके में घायल हुए लोगों में से चार गंभीर रूप से घायल लोगों को आगे के उपचार के लिए लखनऊ रेफर किया गया है। दो लोग मामूली रूप से घायल हुए थे, जिन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी, जबकि दो अन्य जिला अस्पताल में उपचाराधीन हैं। पुलिस ने यह भी घोषणा की है कि वह कल से अवैध पटाखों के खिलाफ व्यापक सर्च अभियान चलाएगी, ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों। यह घटना कानपुर में अवैध पटाखों के कारोबार के गहरे जाल और स्थानीय प्रशासन की लचर व्यवस्था को उजागर करती है।
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