लविवि में नेताजी और कांशीराम के योगदान को याद करते हुए समाजवादी विचारों को आगे बढ़ाने का आह्वान

समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने भी दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नेताजी और कांशीराम ने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ा है।

Virat Sharma
Published on: 9 Oct 2025 7:44 PM IST
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Lucknow Today News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशा-निर्देश पर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में मान्यवर कांशीराम की पुण्यतिथि और स्व नेताजी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर एक विशेष संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नेताजी मुलायम सिंह यादव और मान्यवर कांशीराम के सपनों का भारत एवं सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर विस्तृत चर्चा की गई।

संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों प्रभात राज और अक्षत पाण्डेय द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रेम प्रकाश ने किया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी विभाग की प्रोफेसर रीता चौधरी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम और श्रद्धेय नेताजी के सपनों का भारत सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समानता पर आधारित है, जो मनुस्मृति द्वारा लागू की गई वर्ण व्यवस्था के खात्मे की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था।




वहीं प्रोफेसर सूरज बहादुर थापा ने भी संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि आज के समाज में नेताजी और कांशीराम के विचारों की अधिक आवश्यकता है, खासकर साम्प्रदायिक सौहार्द और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए।

नेताजी और कांशीराम के योगदान पर चर्चा

समाजवादी पार्टी महानगर के पूर्व अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने संगोष्ठी में लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ी नेताजी की यादों को साझा करते हुए कहा कि समाजवादी सरकार बनाने के लिए नौजवानों को पीडीए आंदोलन से जुड़कर समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने 2027 में समाजवादी सरकार की उम्मीद जताई, जिसमें कांशीराम और नेताजी के सपनों को पूरा किया जाएगा।




क्रिश्चियन कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने नेताजी और कांशीराम के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने यह भी कहा कि 2027 में समाजवादी सरकार बनने पर प्रदेश में सभी छात्रसंघों पर लगे तालों को खोल दिया जाएगा।

समाजवादी विचारधारा का प्रचार

समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने भी दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नेताजी और कांशीराम ने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ा और दलितों, पिछड़ों और शोषित वर्गों को राजनीतिक शक्ति दी। उन्होंने बहुजन समाज की एकजुटता से सामाजिक न्याय को मजबूती देने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया।




कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख नेता और छात्र

संगोष्ठी में अखिलेश यादव, कैफ गाजीपुरी, अतुल शुक्ला, रेहान अहमद, अक्षय समाजवादी, तौकील गाजी, जीतू कश्यप, हरीश रावत, आयुष मिश्रा, मिथिलेश यादव महामंत्री, प्रसन्न शुक्ला, रुस्तम सिंह सहित कई अन्य नेताओं और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सोनू कटियार, परमानंद यादव, उमाकृष्ण विद्यार्थी, मोहित पाल, मनीष यादव, अनुराग चौधरी, अर्पित, शैलेन्द्र, अमरजीत, अविनाश, उत्कर्ष, आदित्य सिंह, उज्जवल सिंह, उत्कर्ष पाल, नीतीश यादव, अखिलेश प्रताप आदि छात्र भी मौजूद रहे।

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