Mathura News: कन्हैया मित्तल के भजनों से गूंज उठा मथुरा का ब्रज रज उत्सव परिसर

Mathura News: ब्रज रज उत्सव के दूसरे दिन कन्हैया मित्तल की भजन संध्या में हजारों श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमे, “जय श्रीराम” और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से गूंजा वातावरण।

Amit Sharma
Published on: 27 Oct 2025 10:12 PM IST
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Mathura News: मथुरा। ब्रज रज उत्सव के दूसरे दिन सोमवार को धौली प्याऊ स्थित रेलवे ग्राउंड में भक्ति का ऐसा सागर उमड़ा कि पूरा परिसर “जय श्रीराम” और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से गूंज उठा। प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल की भजन संध्या में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आनंदित होकर झूम उठे।

सोमवार को मुख्य कार्यक्रम में देर शाम मंच पर जैसे ही कन्हैया मित्तल पहुंचे, पंडाल तालियों की आवाज से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि “ब्रजभूमि की यह पवित्र धरा स्वयं भक्ति का प्रतीक है, यहाँ गाना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है।”


आसमान से हो रही हल्की बूंदा बांदी के बीच प्रख्यात गायक कन्हैया मित्तल ने कार्यक्रम की शुरुआत अपनी प्रसिद्ध पंक्तियाँ आ गया मैं दुनियादारी सारी बाबा छोड़ कर, हार गया मैं इस दुनिया से अब तो दामन थाम.. लेने आ जा खाटू वाले मथुरा के इस मोड़ से.. वो आता होगा के साथ धमाकेदार एंट्री की। इसके बाद कन्हैया मित्तल के स्वर ब्रज रज उत्सव में गुंजने लगे। इसके बाद उन्होंने जब अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति सिया राम जी के दूत वो खास बाला जी, “हर हर महादेव, बोलो जयकारा… बम बम बोले…” और “मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा श्याम…” भजनों के साथ दी, तो दर्शक दीर्घा में बैठे लोग तालियों से पूरा वातावरण गुंजा उठाया।

इस तरह कन्हैया मित्तल की एक के बाद एक प्रस्तुति ने श्रोताओं को कभी भावविभोर किया, तो कभी उत्साह से भर दिया। श्रद्धालु हाथ जोड़कर झूमते, नाचते और कन्हैया मित्तल के साथ स्वर मिलाते नजर आए।


इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिगेडियर देवेन्द्र प्रताप सिंह सहित जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सी ई ओ श्याम बहादुर सिंह, विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद द्विवेदी, ओएडी प्रसून द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ब्रज रज उत्सव स्थल पर भक्ति संगीत की इस बेला के बीच ब्रज संस्कृति का भी अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। पारंपरिक वेशभूषा में सजे स्थानीय कलाकारों की झांकियाँ, लोकनृत्य, और ग्रामीण कला प्रदर्शनी ने पूरे आयोजन को भव्य और विशाल मेला बना दिया है। यहाँ शाम होते-होते दीपों की जगमगाहट और शंखध्वनि वातावरण को और भी पावन बना देती है। ब्रज रज उत्सव के तहत यह दूसरा दिन पूर्णतः “भक्ति, संगीत और ब्रज संस्कृति” को समर्पित रहा, जहाँ आस्था और आनंद एक साथ नजर आए। यहाँ पहुंचे दर्शक देर रात तक भजनों के सुरों पर झूमते रहे।

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