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Mathura Janmashtami 2025: मथुरा में भव्य जन्माष्टमी समारोह की तैयारियां, इस वर्ष श्रीकृष्ण का 5,252वां जन्मोत्सव
Mathura Janmashtami 2025: जन्माष्टमी के विशेष दिन पर बांकेबिहारी मंदिर में सभी अनुष्ठान और उत्सव ‘पंचांग’ के अनुसार संपन्न होते हैं, जिसे वर्ष की शुरुआत में मंदिर के पुजारियों द्वारा तैयार किया जाता है।
Mathura Janmashtami 2025 (Image Credit-Social Media)
Mathura Janmashtami 2025: यह वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5,252वें जन्मोत्सव का है। जन्माष्टमी का पर्व मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में 16 अगस्त की मध्यरात्रि और नंदगांव में 17 अगस्त की रात को मनाया जाएगा।
इस अवसर के लिए जिला प्रशासन स्तर पर और सभी मंदिरों में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। पिछले वर्ष जन्माष्टमी पर मथुरा में 42 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, लेकिन इस साल अनुमान है कि यह संख्या 50 लाख से अधिक हो सकती है। इसी के अनुसार मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नंदगांव, गोवर्धन, महावन आदि सभी तीर्थ स्थलों पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु बड़े पैमाने पर इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इस वर्ष श्रीकृष्ण उत्सव तीन दिनों (15 से 17 अगस्त) तक मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मुख्य द्वार से निकलने वाली शोभायात्रा से होगी। यह यात्रा परंपरागत मार्ग — पोत्रा कुंड, गोविंद नगर, डीग गेट से होती हुई पुनः श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य द्वार पर समाप्त होगी।
श्रद्धालुओं का सैलाब मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, नंदगांव, गोवर्धन और महावन जैसे आध्यात्मिक स्थलों में नई ऊर्जा का संचार करेगा। इन नगरों के मंदिरों को भव्य सजावट से संवारा जा रहा है — जिनमें आकर्षक फूलों की सजावट और रोशनी से जगमगाते मार्ग शामिल हैं, ताकि एक दिव्य वातावरण बनाया जा सके। स्थानीय कारीगर और व्यापारी भी तैयारियों में जुटे हैं। जगह-जगह पर परंपरागत मिठाइयाँ जैसे पेड़ा और माखन-मिश्री के साथ धार्मिक स्मृति-चिह्नों की दुकानें सज रही हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पूरे जोरों पर हैं — पूरे क्षेत्र में रासलीला मंचन और भजन-कीर्तन के आयोजन तय किए गए हैं। गोकुल और बरसाना में भगवान कृष्ण की बाल-लीलाओं के पारंपरिक मंचन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने प्रमुख अनुष्ठानों का सीधा प्रसारण भी करवाने का प्रबंध किया है, ताकि जो लोग व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सकते, वे भी दर्शन कर सकें। अधिकारियों ने आगंतुकों से सुरक्षा नियमों का पालन करने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
इस विशेष दिन पर बांकेबिहारी मंदिर में सभी अनुष्ठान और उत्सव ‘पंचांग’ के अनुसार संपन्न होते हैं, जिसे वर्ष की शुरुआत में मंदिर के पुजारियों द्वारा तैयार किया जाता है। विशेष ‘मंगला आरती’ सुबह 2 बजे संपन्न होगी। इसके बाद मध्यरात्रि में भगवान का ‘महाभिषेक’ होगा, जो आम श्रद्धालुओं के लिए खुला नहीं होगा।
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