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Moradabad News: तहसील परिसर में बाबू ने खाया जहर, एसडीएम सदर पर उत्पीड़न करने का आरोप
Moradabad News: मुरादाबाद के उपजिलाधिकारी कोर्ट में तैनात कुलदीप बन रेवेन्यू विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। वह तहसीलदार सदर के कार्यालय में तैनात हैं।
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Moradabad News: उप जिलाधिकारी कोर्ट में तैनात एक बाबू ने शुक्रवार रात को तहसील परिसर में ही जहरीला पड़ा खाकर अपनी जीवन लीला खत्म करने की कोशिश की। हालत बिगड़ने पर साथी कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उसे कॉसमॉस अस्पताल रेफर कर दिया। अस्पताल पहुंचे एक कर्मचारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपजिलाधिकारी के उत्पीड़न के कारण ही जहर खाया हैं।
उपजिलाधिकारी ने रोक दिया था वेतन
मुरादाबाद के उपजिलाधिकारी कोर्ट में तैनात कुलदीप रेवेन्यू विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। वह तहसीलदार सदर के कार्यालय में तैनात हैं। कुलदीप कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ में प्रदेश कोषाध्यक्ष के पद पर भी आसीन हैं। पिछले एक महीने से कुलदीप कार्यालय नहीं आ रहे थे। जिसकी वजह से उपजिलाधिकारी सदर डॉक्टर राम मनोहर मीणा ने उनका वेतन रोक दिया था।
शुक्रवार की रात को तहसील परिसर में राजस्व वसूली को लेकर बैठक चल रही थी। तभी बैठक के दौरान ही कुछ सवाल कुलदीप बाबू से पूछे गए जिसके जवाब न दें पाने के बाद बाबू ने जहरीला पदार्थ खा लिया। इसकी जानकारी होने पर उपजिलाधिकारी की गाड़ी से उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कार्य गया। जहां हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे ने कॉसमॉस अस्पताल रेफर कर दिया। कुलदीप वन बाबू द्वारा जहरीला पदार्थ खाने की सूचना पर कुछ कर्मचारी नेता भी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में पहुंचे कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष एसके सक्सेना ने आरोप लगाते हुए बताया कि डॉक्टर राममनोहर मीना (उपजिलाधिकारी) के उत्पीड़न से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खाया है।
कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष सक्सेना के अनुसार कुलदीप की बहन बीमार थी। इस लिए उसने 15दिन की छुट्टी ली थी। इसके बाद उसने 15 दिन की छुट्टी और ले ली थी। परन्तु उसकी बढ़ी हुई छुट्टियों को स्वीकृत नहीं किया गया था और उसका वेतन रोक दिया गया था। कलेक्ट्रेट कर्मचारी कल्याण संघ के नेता सक्सेना ने आरोप लगाया हे कि डॉक्टर राममनोहर मीना कर्मचारियों का उत्पीड़न करते हैं। कर्मचारियों को देर रात्रि 11 बजे तक रोका जाता है। जबकि बाबू कुलदीप के परिवार की ओर से इस मामले अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। इस पूरे प्रकरण के बारे में उपजिलाधिकारी डॉक्टर राम मनोहर मीणा ने बताया कि कुलदीप एक महीने से ऑफिस नहीं आ रहे थे। कुलदीप बिना किसी सूचना दिए पिछले एक महीने से अनुपस्थित थे। इसलिए अनुपस्थित रहने के कारण उनका वेतन रोका गया था।
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