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मुरादाबाद में कोसी नदी का कहर, दर्जनभर गांव बाढ़ की चपेट में, फसलें तबाह, ग्रामीण बेहाल
दर्जनों गांवों में घरों और खेतों में भरा पानी, धान और गन्ने की फसलें तबाह, ग्रामीणों को प्रशासन से राहत की अब भी उम्मीद
Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कोसी नदी का उफान एक बार फिर तबाही लेकर आया है। मुरादाबाद के मुंढापांडे ब्लॉक में कोसी नदी लगातार अपना कहर बरपा रही है। करीब दर्जनभर गांव बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। किसानों के खेतों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और ग्रामवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भीषण जलभराव से से खाने-पीने का अभाव हो चुका है और बीमारियों का भी खतरा बढ़ बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है।
बाढ़ की वजह से बर्बाद हुईं फ़सले
मुंढापांडे ब्लॉक के हीरापुर रानियाढेर समेत आसपास के दर्जनभर गांव बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, घर जलमग्न हो चुके हैं और ग्रामीणों का जीवन दयनीय हो गया है। पिछले एक महीने में दूसरी बार आई इस बाढ़ ने ग्रामीणों और किसानों की कमर तोड़ दी है। सरकार और शासन व्यवस्था हमेशा वादा ही करती है, लेकिन वास्तविकता में ग्रामनिवासी अभी भी मदद की ही राह ताक रहे हैं। कोसी नदी में आई भारी बाढ़ के कारण कई गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। धान, गन्ना और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों की करीब सालभर का मेहनताना पानी में बह गया है। घरों में पानी भर जाने से ग्रामीणों को रहने-खाने का संकट भी खड़ा हो गया है। यहीं के एक किसान भानु प्रताप सिंह ने कहा कि "हमारे सारे खेत पानी में डूब गए हैं, अब क्या करें? हमारी पूरी मेहनत खत्म हो गई।"
बीमारिया बढ़ने का भी खतरा
भारी बारिश और बाढ़ जैसी समस्याओं से मुरादाबाद की गालियां नदियों में तब्दील हो गई है। जिससे न सिर्फ फ़सले खराब ही नहीं खराब हो रही है बल्कि प्रदूषण संबंधी बीमारियाँ जैसे डेंगू, मलेरिया और डायरिया आदि के बढ़ने का भी खतरा मंडराने लगा है। बढ़ पीड़ितों के अनुसार उनकी इस हालत का जिम्मेदार खुद प्रशासन है। क्योंकि प्रशासन स्वयं ही अपनी मदद करने में समर्थ नहीं है, तो ऐसी स्थिति में वो बाढ़ पीड़ितों की मदद कहां से कर पाएगा।
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