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Mothers Day: 'बस मेरा बेटा कहीं से वापस...' कानपुर के शुभम द्विवेदी की मां बेटे को याद करके हुई भावुक, पहलगाम हमले में हुई थी मौत

Mothers Day: मदर्स डे के मौके पर पहलगाम आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मां अपने बेटे को याद कर भावुक हो गई।

Gausiya Bano
Published on: 11 May 2025 12:01 PM IST
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Mothers Day: आज मदर्स डे पर शुभम द्विवेदी की मां सीमा द्विवेदी अपने बेटे को याद कर बस एक ही दुआ कर रही कि कहीं से उनका बेटा वापस आ जाए। कानपुर के शुभम द्विवेदी 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। यहां वह अपनी पत्नी, माता-पिता, सास-ससुर, बहन और बहन के परिवार के साथ छुट्टियों पर आए थे, लेकिन किसे पता था कि यह उनकी अंतिम यात्रा होगी। आज मदर्स डे के मौके पर शुभम द्विवेदी की मां नम आंखों से अपने बेटे को याद कर रहीं। वह कहती हैं, "मेरा राजकुमार बेटा बहुत स्नेही था और मेरा बहुत ख्याल रखता था।"

'मैं मां के साथ रहूंगा'

सीमा द्विवेदी कहती हैं कि उनका बेटा शुभम नेक दिल का था और वह उनसे बहुत प्यार करता था। उन्होंने कहा, "वह हमेशा मेरे साथ रहता था। अगर मुझे थोड़ी सी भी दिक्कत या परेशानी होती थी, तो वह तुरंत कहता था- आप बैठ जाओ, मैं सब कुछ कर दूंगा। मै जब बीमार पड़ती तो वह हमेशा मेरा ख्याल रखता। उसे क्रिकेट खेलना और यात्रा करना बहुत पसंद था। शुभम को मेरे हाथ का राजमा चावल भी अच्छा लगता था। हम कश्मीर गए थे तो उसने मेरा हाथ थामा हुआ था, ताकि मैं कहीं गिर न जाऊं। वह मेरा बहुत ख्याल करता था।"

'नेटवर्क ना आता तो हमारे साथ रहता मेरा बेटा'

22 अप्रैल की घटना को याद करते हुए शुभम द्विवेदी की मां ने कहा कि अगर बैसरन घाटी में नेटवर्क नहीं आता तो आज वह हमारे साथ होता। उन्होंने कहा, "ट्रैकिंग के दौरान जब हम लोग ऊपर पहलगाम जा रहे थे, तब हम बीच रास्ते से ही नीचे आ गए थे। मैंने शुभम से पूछा कि नीचे चलोगे बेटा? फिर उसने घोड़े वाले से पूछा कि भैया ऊपर नेटवर्क आता है या नहीं। भैया ने जवाब दिया कि आता है, फिर शुभम आगे बढ़ गया। अगर घोड़े वाले ने कहा होता कि नेटवर्क नहीं आता तो मेरा बेटा हमारे साथ नीचे आ जाता।"

बस शुभम कहीं से वापस आ जाए- सीमा द्विवेदी

शुभम द्विवेदी की मां सीमा द्विवेदी अपने बेटे को एक बार और देखने की इच्छा जताते हुए कहती हैं कि जब वह पैदा हुआ था, तो उसका नाम प्रिंस रखा गया, कि यह हमारा राजकुमार है और अब बस यही लगता है कि कहीं से वह वापस आ जाए।

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Gausiya Bano

Gausiya Bano

Content Writer

मैं गौसिया बानो आज से न्यूजट्रैक में कार्यरत हूं। माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। पत्रकारिता में 2.5 साल का अनुभव है। इससे पहले दैनिक भास्कर, न्यूजबाइट्स और राजस्थान पत्रिका में काम कर चुकी हूँ।

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