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पीलीभीत में बाघ का तांडव, खेत में काम कर रहे किसान को मार डाला, गांव में दहशत का माहौल
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में जंगल से निकले बाघ ने खेत में काम कर रहे किसान पर जानलेवा हमला कर दिया। बाघ ने किसान को 500 मीटर तक घसीटा, जिससे मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की लापरवाही पर जताया गुस्सा और मुआवजे की मांग को लेकर किया प्रदर्शन।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक बार फिर बाघ का आतंक देखने को मिला है। सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के चतीपुर गांव में रविवार शाम को खेत में पानी दे रहे एक किसान पर बाघ ने हमला कर उसकी जान ले ली। घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। गुस्साए लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव को घंटों तक उठने नहीं दिया और वन विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
खेत में काम कर रहे किसान पर हमला
मृतक किसान की पहचान चतीपुर गांव निवासी राम प्रसाद उम्र लगभग 55 वर्ष के रूप में हुई है। वह रविवार की शाम अपने खेत में पानी दे रहे थे, तभी पास के जंगल से निकले बाघ ने झाड़ियों से निकलकर अचानक उन पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बाघ ने पहले उनकी गर्दन पर वार किया, फिर पीठ और पेट पर भी हमला किया। शोर सुनकर आसपास के किसान मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बाघ राम प्रसाद को लगभग 500 मीटर दूर तक घसीट चुका था।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना की सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग की टीम करीब 5 घंटे देरी से मौके पर पहुंची, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया। नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हुए शव को करीब 6 घंटे तक उठने नहीं दिया। मृतक का बेटा अरुण अपने पिता के शव से लिपटकर रोता रहा, जबकि पत्नी गंगा देवी बार-बार बेसुध हो रही थीं। गांव की महिलाएं उन्हें संभालती रहीं।
प्रशासन और वन विभाग ने दिया आश्वासन
रात करीब साढ़े 11 बजे SDM पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि बाघ को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं और जल्द ही पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। भाजपा विधायक बाबूराम पासवान और सीओ पूरनपुर प्रगति चौहान भी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की।
वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
इस घटना से चार दिन पहले, 14 मई को इसी इलाके के नजीरगंज गांव में हंसराज नाम के किसान पर भी बाघ ने हमला किया था। वह रात में खेत पर पानी दे रहे थे, तभी टाइगर ने उन पर झपट्टा मारा। बाद में ग्रामीणों ने उन्हें तलाशते हुए शव बरामद किया, जो खेत में कुछ दूर मिला था। पीलीभीत में बीते एक साल के भीतर बाघ के हमले की पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग केवल कागजों पर सक्रिय है। जंगल से सटे गांवों में बाघों की गतिविधि लगातार बढ़ रही है, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
खुली सीमा बनी खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व (PTR) और खुटार रेंज की खुली सीमाओं के चलते वन्यजीव आसानी से गांवों की ओर आ जाते हैं। खासतौर पर हरिपुर किशनपुर, नजीरगंज और चतीपुर जैसे गांव लगातार खतरे की जद में हैं। यहां न तो पर्याप्त निगरानी है और न ही समय पर सहायता मिलती है।
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