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अखिलेश को एयरपोर्ट पर खुद रिसीव करने पहुंचे आज़म खान, एक ही गाड़ी में घर के लिए रवाना
Akhilesh Yadav Reached Rampur: रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव आजम खान से मुलाकात करने पहुंचे। यह मुलाकात सपा के मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को मजबूत करने और आजम के दल-बदल की अटकलों पर विराम लगाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
Akhilesh Yadav Reached Rampur: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव अपने कद्दावर नेता आजम खान से मुलाकात करने के लिए रामपुर पहुँच चुके हैं। 23 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत पर छूटे आजम खान से यह मुलाकात दोपहर में उनके घर पर होगी। इस मुलाकात पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि आजम खान के बसपा में जाने की अटकलें चल रही थीं। सपा ने अखिलेश का रूट बदलने की प्रशासन की अपील को ठुकराते हुए बरेली के रास्ते रामपुर जाने का अपना स्टैंड साफ रखा। अखिलेश यादव और आजम खान के बीच यह मुलाकात सपा के लिए मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को मजबूत करने और आजम के दल-बदल की अटकलों पर पूरी तरह विराम लगाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आजम खान खुद पहुँचे अखिलेश को रिसीव करने जौहर यूनिवर्सिटी
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव अंततः रामपुर पहुँच गए हैं और यहाँ एक बड़ा भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। अखिलेश यादव को रिसीव करने के लिए आजम खान खुद जौहर यूनिवर्सिटी पहुँचे थे। यूनिवर्सिटी में स्वागत के बाद, अखिलेश आजम खान की गाड़ी में बैठकर उनके घर के लिए रवाना हुए।
अखिलेश लखनऊ से चार्टर प्लेन द्वारा बरेली एयरपोर्ट तक पहुँचे थे, लेकिन प्रशासन द्वारा सड़क मार्ग की अनुमति न मिलने के कारण उनके रामपुर पहुँचने में देरी हुई। इसके बावजूद, स्थानीय सपा नेताओं और समर्थकों ने फूलमालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया। अब बस थोड़ी देर में दोनों नेताओं के बीच बहुप्रतीक्षित मुलाकात होगी।
बसपा की अटकलों पर विराम लगाने की तैयारी
अखिलेश यादव का यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसके गहरे सियासी मायने हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खान के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अटकलें ज़ोरों पर थीं। बसपा की रैली से ठीक एक दिन पहले हो रही यह मुलाकात यह सन्देश देगी कि आजम खान और अखिलेश के रिश्तों में कोई खटास नहीं है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव खुद मिलकर आजम खान को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि वह पार्टी में उनके साथ मजबूती से खड़े हैं, जिससे दल-बदल की अटकलों पर पूर्ण विराम लग जाएगा। आजम खान की अपने समाज के बीच अच्छी पकड़ है और उनके छिटकने की आशंका ने सपा की टेंशन बढ़ा दी थी।
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