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Sambhal News: संभल नाम पर सियासी संग्राम: भीम नगर बनाम कल्कि नगर विवाद
Sambhal News: बसपा बोली 2027 में संभल बनेगा भीम नगर, मंत्री गुलाब देवी ने माँगा कल्कि नगर नाम
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Sambhal News: उत्तर प्रदेश की राजनीति का वो शहर, जो हमेशा से चर्चाओं और विवादों के लिए जाना जाता है। लेकिन अब इसका नाम बदलने का मामला आग का गोला बन चुका है। बीते 28 सितंबर 2011 को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने संभल को जिला बनाने का ऐलान किया था। इसी के चलते आज बसपा कार्यकर्ताओं ने जश्न में केक काटा और जोर देकर कहा—‘संभल बने भीम नगर!’ लेकिन राजनीति की बाज़ीगरी यहीं नहीं रुकी। नाम बदलने का विवाद एक बार फिर तूल पकड़ चुका है। संभल जिले के बसपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह और पूर्व जिलाध्यक्ष संसार सिंह का दावा है कि महापुरुषों का सम्मान सिर्फ़ भाषणों से नहीं, बल्कि जिलों और शहरों के नाम बदलकर किया जा सकता है।
इसलिए संभल को भीम नगर कहा जाना चाहिए 2027 में बसपा सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि बसपा सरकार में एक बार फिर संभल का नाम भीम नगर रखा जाएगा वहीं, योगी सरकार की मंत्री गुलाब देवी ने इसे धार्मिक आस्था से जोड़ते हुए “कल्कि नगर” नाम की वकालत की है। उनका कहना है कि संभल वही धरती है जहाँ कल्कि अवतार की आस्था है और इस नाम से ही इसकी पहचान बनेगी इसलिए सरकार से संभल का नाम कल्कि नगर रखे जाने की मांग की है इस बीच संभल के लोग भी खामोश नहीं हैं। कई स्थानीय कहते हैं कि संभल अपनी असली पहचान से ही जाना जाना चाहिए। उनका मानना है कि नाम बदलना सिर्फ़ राजनीति की चाल है और असली इतिहास से खिलवाड़ होगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की राजनीति कोई नई बात नहीं। भाजपा, सपा, बसपा—हर पार्टी ने अपने समय पर जिलों और शहरों के नाम बदलकर राजनीति को गर्माया है। अब संभल भी उसी जंग का हिस्सा बन गया है।तो सवाल यही है—संभल की पहचान किस नाम से होगी? इतिहास, आस्था या फिर महापुरुषों से जुड़ा सम्मान? फैसला जनता के दिल और सियासत की रणनीति ही तय करेगी। अभी इतना तय है कि संभल सिर्फ भूगोल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
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