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Sant kabir Nagar News: 4 वर्ष से ठप पड़े विकास कार्यो को लेकर डीएम से मिली सेमरियावां प्रमुख
Santkabir Nagar News: ब्लॉक प्रमुख का दावा है कि चुनाव हारने के बाद से चौधरी 'मानसिक संतुलन खो बैठे हैं' और लगातार 'फर्जी, मनगढ़ंत और गुमराह करने वाले' शिकायती पत्र अधिकारियों को भेज रहे हैं।
Sant Kabir Nagar News
Sant Kabir Nagar News: सेमरियावां क्षेत्र पंचायत की मौजूदा ब्लॉक प्रमुख ने अपने पूर्ववर्ती महमूद आलम चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ब्लॉक प्रमुख का दावा है कि चुनाव हारने के बाद से चौधरी 'मानसिक संतुलन खो बैठे हैं' और लगातार 'फर्जी, मनगढ़ंत और गुमराह करने वाले' शिकायती पत्र अधिकारियों को भेज रहे हैं।उन्होंने इस मामले की गहन जांच और उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
यह शिकायत कोई और नही बल्कि प्रमुख ने लगाया है वही कल पूर्व प्रमुख महमूद आलम ने भी डीएम से शिकायत करते हुए क्षेत्र पंचायत में फर्जी टेंडर कराकर भुगतान करने और बैठक न करने को लेकर जिला अधिकारी से शिकायत करते हुए सेमरियावां प्रमुख के खिलाफ शिकायती पत्र देते हुए कार्यवाही की मांग की है ।वही आज वर्तमान प्रमुख ने भी पूर्व प्रमुख के ऊपर आरोप लगाते हुए जिला अधिकारी को शिकायती पत्र दी है। अपने शिकायती पत्र में वर्तमान प्रमुख ने क्या कुछ कहा है खबर के माध्यम से समझाएंगे
27 साल के वर्चस्व के बाद बिगड़े हालात
ब्लॉक प्रमुख के अनुसार, महमूद आलम चौधरी और उनका परिवार पिछले 27 वर्षों तक सेमरियावां ब्लॉक प्रमुख के पद पर काबिज थे 2018 से 2021 तक मौजूदा प्रमुख के बेटे मुमताज अहमद ने यह पद संभाला, अब मैं ब्लॉक प्रमुख हूं आरोप है कि महमूद आलम चौधरी, जिनका आवास ब्लॉक के ठीक सामने है, अपना 'पूर्व राजनैतिक वर्चस्व, दबंगई और सीनाजोरी' बनाए रखने के लिए किसी और को इस पद पर देखना नहीं चाहते.
विकास कार्यों में बाधा और अधिकारियों को धमकाने का आरोप
ब्लॉक प्रमुख ने दावा किया कि महमूद आलम चौधरी की कथित हरकतों के कारण पिछले चार वर्षों में ब्लॉक में कोई भी कार्य सुचारु रूप से नहीं हो पाया है. उन पर आरोप है कि वे बार-बार 'कार्यों में गबन की शिकायत' करते हैं, अधिकारियों को गुमराह करते हैं और ब्लॉक के कर्मचारियों व अधिकारियों को 'डराते-धमकाते' हैं, जिससे वे 'वसूली' भी करते हैं. यह भी कहा गया है कि उनके साथ कथित तौर पर 10-12 क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं, जिन्हें वे गुमराह कर कभी काम शुरू कराने तो कभी काम बंद कराने के लिए शिकायती पत्र दिलवाते हैं।
फर्जी हस्ताक्षर और इलाहाबाद हाईकोर्ट का 50,000 का जुर्माना
शिकायत पत्र में एक गंभीर आरोप यह भी है कि 28 मई, 2025 के एक पत्र में मो० इब्राहिम के हस्ताक्षर थे, जबकि वे पिछले तीन महीने से राज्य से बाहर हैं. कुछ अन्य सदस्यों, वसीम और ठाकुर प्रसाद ने भी अपने हस्ताक्षर होने से इनकार किया है. सबसे बड़ा खुलासा यह है कि महमूद आलम चौधरी ने पूर्व में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 'फर्जी और कूटरचित शपथ पत्र' दाखिल किया था. जांच में यह फर्जी पाया गया, जिसके बाद न्यायालय ने उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. वर्तमान ब्लॉक प्रमुख ने महमूद आलम चौधरी द्वारा दिए गए सभी शिकायती पत्रों पर हस्ताक्षरों की प्रामाणिकता की जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री के आदेशों की भी अवहेलना
ब्लॉक प्रमुख ने बताया कि उनके सहयोगी नीरज तिवारी की प्रार्थना पर माननीय मुख्यमंत्री ने भी तीन-तीन बार कार्यों को कराने का आदेश पारित किया था, लेकिन महमूद आलम चौधरी के कथित हस्तक्षेप के कारण कोई परिणाम नहीं निकला।ब्लॉक प्रमुख ने जिला अधिकारी से अनुरोध किया है कि एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया जाए यह समिति महमूद आलम चौधरी और उनके साथियों द्वारा दिए गए सभी शिकायती पत्रों और विकास कार्यों में जानबूझकर की गई देरी की जांच करे।
साथ ही, उन्होंने 21 नवंबर, 2024 को पारित/स्वीकृत प्रस्ताव को तत्काल गतिमान कराने का भी आग्रह किया है। वही पूरे मामले में कल पूर्व प्रमुख ने वर्तमान प्रमुख के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए बैठक न करने और अधिकारियों की मदद से फर्जी टेंडर करने और करोड़ों रुपए गमन के आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को भी शिकायती पत्र देते हुए वर्तमान प्रमुख के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इन दोनों की शिकायतों पर जिला प्रशासन कितनी कार्यवाही करता है।
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